कलाकार के साथ बंद करो ‘कलाकारी’, ‘चाइनामैन’ को ना खिलाना पड़ रहा है भारी

कलाकार के साथ बंद करो ‘कलाकारी’, ‘चाइनामैन’ को ना खिलाना पड़ रहा है भारी


नई दिल्ली. पर्थ में बारिश से प्रभावित और निराशाजनक प्रदर्शन के बाद, टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे के लिए एडिलेड पहुंच गई है, जहाँ उसके पास जवाबों से ज़्यादा सवाल हैं . पर्थ में जहाँ मौसम ने लय में खलल डाला और मुकाबले का प्रवाह बिगाड़ दिया, वहीं भारत की कमज़ोर बल्लेबाज़ी और कन्फ्यूज टीम सिलेक्शन ने शुभमन गिल की टीम की शुरुआत में कुछ चिंताजनक कमियाँ उजागर कर दीं. दूसरे वनडे से पहले सबसे बड़ा मुद्दा अब एक खिलाड़ी, कुलदीप यादव, के इर्द-गिर्द घूम रहा है.

पर्थ की जीवंत पिच पर, मोहम्मद सिराज, अर्शदीप सिंह और हर्षित राणा सहित भारत के तेज़ गेंदबाज़ी की तिकड़ी को नई गेंद के अलावा ब्रेकथ्रू के लिए संघर्ष करना पड़ा. दो स्पिन ऑलराउंडर, अक्षर पटेल और वाशिंगटन सुंदर, ने कुछ जगहों पर अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन उनमें विकेट लेने की क्षमता की साफ कमी थी. संतुलन और बल्लेबाज़ी की तमाम बातों के बावजूद, भारत ने एक ऐसी टीम उतारी जिसने न तो पर्याप्त गहराई से बल्लेबाज़ी की और न ही धारदार गेंदबाज़ी की.

कुलदीप यादव ट्रंपकॉर्ड या पप्लू?

जब परिस्थितियां विपरीत हों तो कुलदीप यादव की कमी खलती है हाल के महीनों में, बाएँ हाथ के कलाई के स्पिनर सीमित ओवरों के क्रिकेट में भारत के लिए सबसे बड़ा एक्स-फैक्टर रहे हैं, बीच के ओवरों में विकेट लेने वाले गेंदबाज़ जो अकेले दम पर खेल का रुख बदल सकते हैं. उनके नियंत्रण, विविधता और आत्मविश्वास ने उन्हें सभी प्रारूपों में एक ताकतवर खिलाड़ी बना दिया है. कुछ हफ़्ते पहले ही, वेस्टइंडीज़ के खिलाफ दिल्ली में हुए मैच में वह प्लेयर ऑफ़ द मैच रहे थे, जहाँ उन्होंने दूसरी पारी में पाँच विकेट लेकर भारत को मैच जिताया था. इसके अलावा, ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में कुलदीप का रिकॉर्ड बेहद प्रभावशाली है. सभी प्रारूपों में, उन्होंने सात मैचों में 13 विकेट लिए हैं. हाँ, एडिलेड ओवल में भले ही गेंद ज़्यादा न घूमे, लेकिन कुछ स्पिनरों को परिस्थितियों के बावजूद टीम में शामिल किया जाना तय है. अगर भारत को एक कामचलाऊ ऑलराउंडर की बजाय एक मैच-विजेता गेंदबाज़ की तलाश है, तो कुलदीप को अंतिम एकादश में ज़रूर शामिल होना चाहिए. इसके अलावा, कुलदीप भारत के सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग वाले एकदिवसीय गेंदबाज़ (पाँचवें स्थान पर) हैं और उन्हें खेलना चाहिए. एशिया कप में भी कुलदीप ने सबसे ज्यादा 13 विकेट लिए थे.

कामचलाउ की जगह मैच विनर!

क्रिकेट जानकार हमेशा इस बात पर एक मत रहे है कि जो काम टॉप 5 बल्लेबाज नहीं कर पाते वो 6-7-8 भी कर पाएंगे ये जरूरी नहीं. वाशिंगटन सुंदर की मौजूदगी सातवें नंबर पर बल्लेबाज़ी को मज़बूत बनाती है, लेकिन भारत बार-बार क्षमता से ज़्यादा गहराई को तरजीह देने के जाल में फँस गया है जिन दिनों शीर्ष क्रम अच्छा प्रदर्शन करता है, उस दिन वह अतिरिक्त बल्लेबाज़ शायद ही खेल पाता है. भारत को इस समय जिस चीज़ की सबसे ज़्यादा कमी है, वह है एक विकेट लेने वाला विकल्प जो ऑस्ट्रेलिया के मध्य क्रम को तहस-नहस कर सके कुलदीप उन्हें बिल्कुल यही चीज़ देते हैं.

पर्थ में फेल हुआ था टॉप ऑर्डर

गिल के नेतृत्व में भारत का वनडे में नया जीवन सचमुच और लाक्षणिक रूप से निराशाजनक रहा. 26 ओवरों में 136 रनों पर ढेर होने के बाद, ऑप्टस स्टेडियम में बारिश से प्रभावित रुक-रुक कर हुए मुकाबले में भारत को सात विकेट (डीएलएस पद्धति) से हार का सामना करना पड़ा. आठ महीने बाद इस प्रारूप में वापसी कर रहे रोहित शर्मा और विराट कोहली की वापसी अच्छी नहीं रही. हालाँकि वे दूसरे वनडे के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन अभी भी सवालिया निशान बने हुए हैं. गिल ने खुद अपनी वनडे कप्तानी की शुरुआत अच्छी नहीं की, और आठवें नंबर तक फैला उनका बल्लेबाजी क्रम अतिरिक्त गहराई का फायदा उठाने में नाकाम रहा.

संभावित प्लेइंग ऐलेवन : 

रोहित शर्मा, शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल, नितिश रेड्डी, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, अर्शदीप सिंह, हर्षित राणा



Source link