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Dholka Banane ka Tareeka: रीवा के व्यापारी राजेश अपने पुश्तैनी ढोलक बनाने के काम को आगे बढ़ा रहे हैं. उनकी बेहतरीन कारीगरी के कारण कई जिलों से ऑर्डर आ रहे हैं. ढोलक का कारोबार आज भी लाभदायक बना हुआ है.
रीवा के ढोलक व्यापारी राजेश कुशवाह अपने पुश्तैनी ढोलक बनाने के काम को आगे बढ़ा रहे हैं. उनकी बेहतरीन कारीगरी के कारण कई जिलों से ऑर्डर आ रहे हैं. ढोलक का कारोबार आज भी लाभदायक बना हुआ है.
कैसे बनाते हैं ढोलक
जो लकड़ियां रीवा में नहीं मिलती वह ढोलक बनाने के लिए बाहर से अलग प्रकार की लकड़ी मंगाते हैं. इसके बाद उसकी सफाई करने के बाद दोनों शिराओं पर बड़े आकार के होल करते हैं. फिर मसाला भरते हैं जहां से थाप मारने पर धुन निकलती है ढोलक की असली कला यहीं पर होती है. फिर इसमें नक्काशी बनाने के बाद रंगीन रंगों से रंग भरने के बाद बिक्री कर देते हैं. इसके बाद यह ढोलक गुणवत्ता के अनुसार सही रेट पर बेचे जाते हैं. इस समय पर उनका यह कारोबार रीवा ही नहीं, बल्कि प्रदेश के कई जिलों तक फैला हुआ है. इसी व्यवसाय से वह अच्छी कमाई कर लेते हैं. उनके बहनों की शादी इसी व्यवसाय की कमाई से हुई थी और अब अपने बच्चों की पढ़ाई इसी ढोलक की कमाई से करा रहे हैं.
कारीगरों की मेहनत
राजेश कहते हैं कि आज के दौर में भले ही इसका चलन कम हो गया हो, लेकिन इन्हें बनाने वाले कारीगर आज भी इसे बनाकर कमाई कर रहे हैं. रीवा में ढोलक बनाने के कारीगर अपने परंपरागत कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं. उनके यहां एक अलग प्रकार की शीशम और आम की लकड़ी को आग में तपाने के बाद उसमें छोटे-छोटे छेद किए जाते हैं. इससे इसके अंदर आने वाली प्रत्येक आवृत्ति मधुर धुन बन जाती है.
मांगलिक कार्यक्रमों में ढोलक
प्राचीन समय से ही कोई भी मांगलिक कार्यक्रम हो, कथा का आयोजन, उत्सव, या मनोरंजन, हर जगह पर ढोलक की मौजूदगी होती है. इसकी मुख्य वजह है कि इसकी थाप पर माहौल में चार चांद लग जाते हैं. यही कारण है कि कई वर्षों से ढोलक बनाने के इस कारोबार में बहार बनी हुई है. यहां पर 150 रुपए से लेकर दो हजार रुपए तक छोटी ढोलक और 1500 से लेकर 5000 तक की बड़ी ढोलक मिल जाती है.
ढोलक बनाने की विशेष लकड़ी
आम और शीशम की लकड़ी बेहद खास होती है. यह लकड़ी खासकर ढोलक के भाग को बनाने में काम आती है. ऐसे में ढोलक बनाने के लिए मजबूत और टिकाऊ लकड़ी की आवश्यकता होती है. इसको लेकर सबसे सर्वोत्तम लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है.
Shweta Singh, currently working with News18MPCG (Digital), has been crafting impactful stories in digital journalism for more than two years. From hyperlocal issues to politics, crime, astrology, and lifestyle,…और पढ़ें
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