ठंड में बाहर क्यों नहीं निकलते सांप, वजह जान हैरान रह जाएंगे आप

ठंड में बाहर क्यों नहीं निकलते सांप, वजह जान हैरान रह जाएंगे आप


खंडवा. सांप का नाम सुनते ही ज्यादातर लोगों की रूह कांप जाती है. गर्मियों या बरसात में तो सांपों को अक्सर खेतों, बगीचों और घरों के आसपास देखा जाता है लेकिन जैसे ही ठंड शुरू होती है, सांप अचानक गायब से हो जाते हैं. कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है. आखिर ठंड के मौसम में सांप कहां चले जाते हैं. आइए जानते हैं, इसके पीछे की वैज्ञानिक और प्राकृतिक वजह, जो आपको हैरान कर देंगी. दरअसल सांप शीत-रक्ती जीव होते हैं. इसका मतलब है कि उनका शरीर अपने तापमान को खुद नियंत्रित नहीं कर सकता. वे पूरी तरह बाहरी वातावरण की गर्मी पर निर्भर रहते हैं. गर्मियों में सूरज की किरणें उनके शरीर को गर्म रखती हैं, जिससे वे सक्रिय रहते हैं लेकिन जैसे ही सर्दी आती है और तापमान गिरता है, उनका शरीर ठंडा पड़ने लगता है. ऐसे में उनकी चाल-ढाल सुस्त हो जाती है, पाचन क्रिया धीमी पड़ जाती है और वे लगभग निष्क्रिय हो जाते हैं. इस स्थिति में जीवित रहने के लिए वे खुद को सुरक्षित जगह छिपा लेते हैं और एक तरह की ‘सर्दी की नींद’ (Hibernation) में चले जाते हैं.

क्या है हाइबरनेशन?
हाइबरनेशन एक ऐसी अवस्था है, जिसमें जानवर अपनी गतिविधियों को लगभग बंद कर देते हैं ताकि ऊर्जा की बचत कर सकें. ठंडे मौसम में जब भोजन मिलना मुश्किल हो जाता है, तो कई जीव जैसे मेंढक, छिपकली, भालू और सांप इस अवस्था में चले जाते हैं. सांपों के लिए यह एक प्राकृतिक सुरक्षा तंत्र है. ठंड के महीनों में उनका दिल बहुत धीरे धड़कता है, सांसें कम हो जाती हैं और वे लगभग निष्क्रिय हो जाते हैं. जब मौसम दोबारा गर्म होता है, तब वे अपनी छिपी हुई जगहों से बाहर निकलते हैं.

सर्दियों में कहां छिपते हैं सांप?
सर्दी शुरू होते ही सांप अपने लिए सुरक्षित और गर्म जगह खोजने लगते हैं. वे जमीन में बने बिलों, चट्टानों की दरारों, पेड़ों की जड़ों या पुराने भवनों की दीवारों के अंदर छिप जाते हैं. कई बार कई सांप एक ही जगह एक साथ रहते हैं ताकि एक-दूसरे के शरीर से गर्मी मिल सके. गांवों में किसान अक्सर देखते हैं कि खेतों के पास बने पुराने मेड़ों या पत्थरों के नीचे सांप सर्दियों में दिखाई नहीं देते. दरअसल वे वहीं गहरी मिट्टी के अंदर या बिलों में छिपकर सर्दी बिताते हैं.

ठंड से बचने की उनकी रणनीति
सांपों के शरीर में न तो बाल होते हैं और न ही कोई ऊष्मा पैदा करने वाला अंग, इसलिए जैसे-जैसे तापमान कम होता है, उनका शरीर उतना ही ठंडा हो जाता है. अगर वे ठंड में बाहर रहें, तो उनके शरीर की कोशिकाएं जम सकती हैं और वे मर सकते हैं, इसीलिए वे ऐसी जगह चुनते हैं जहां तापमान स्थिर रहे, जैसे- जमीन के नीचे या किसी बिल में. वहां का तापमान ऊपर की तुलना में थोड़ा ज्यादा रहता है, जो उनके जीवित रहने के लिए उपयुक्त होता है.

ठंड में क्या खाते हैं सांप?
सर्दियों के दौरान सांप कुछ नहीं खाते. हाइबरनेशन के पहले वे खूब भोजन करते हैं ताकि शरीर में ऊर्जा भंडार बना सकें. यह ऊर्जा धीरे-धीरे पूरे सर्दी के मौसम में काम आती है. उनका पाचन तंत्र ठंड में लगभग बंद हो जाता है, इसलिए वे बिना खाए भी कई महीनों तक जीवित रह सकते हैं.

फिर से कब बाहर निकलते हैं सांप?
जैसे ही फरवरी या मार्च में तापमान बढ़ना शुरू होता है, सांप अपनी हाइबरनेशन अवस्था से बाहर आने लगते हैं. गर्मी और नमी का स्तर बढ़ने के साथ वे फिर से सक्रिय हो जाते हैं. यही वजह है कि वसंत और गर्मी के मौसम में सांप सबसे ज्यादा दिखाई देते हैं.

सावधानी बरतना जरूरी
सर्दियों में भले ही सांप दिखाई न दें लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे आसपास नहीं हैं. जैसे ही तापमान बढ़ेगा, वे फिर से बाहर आएंगे, इसलिए खेतों, बगीचों या पुराने घरों की सफाई करते वक्त सावधानी रखना हमेशा जरूरी है.

गौरतलब है कि सांपों का ठंड में गायब हो जाना दरअसल प्रकृति का अद्भुत संतुलन है. वे न तो कहीं चले जाते हैं और न मरते हैं बल्कि अपने जीवन को सुरक्षित रखने के लिए गहरी नींद में चले जाते हैं. जब मौसम अनुकूल होता है, तो वही सांप फिर से धरती पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं. तो अगली बार जब ठंड में सांप दिखाई न दें, तो समझिए वे धरती के भीतर आराम फरमा रहे हैं, अगली गर्मी का इंतजार करते हुए.



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