3 नवंबर से मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण: ग्वालियर की हर विधानसभा के एक-एक मतदाता को किया जाएगा वेरिफाई, घर-घर जाएंगे बीएलओ – Gwalior News

3 नवंबर से मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण:  ग्वालियर की हर विधानसभा के एक-एक मतदाता को किया जाएगा वेरिफाई, घर-घर जाएंगे बीएलओ – Gwalior News


कलेक्टर कार्यालय में जिला निर्वाचन अधिकारी रूचिका चौहान अधिकारियों व राष्ट्रीय राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए।

मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों के हर बूथ की वोटर लिस्ट की गहनता से जांच 4 नवंबर से शुरू हो जाएंगी। स्पेशल इंटेंसिव रिव्यू (SIR) के तहत हर वोटर को फिर से वेरिफाई किया जाएगा। इसके लिए बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ), घर-घर जाकर फॉर्म बांटेंगे।

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ग्वालियर के 16,44,144 वोटर्स की जांच की जाएंगी। जिसमें 1863 लोगों को इस काम में लगाया है। ये लोग जिले के 1679 बूथ पर जाएंगे। कलेक्टर, एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, बीएलओ सहित वोटर लिस्ट के अपडेशन से जुड़े अफसर कर्मचारियों की ट्रेनिंग कराई जा चुकी है।

अब हर बूथ की वोटर लिस्ट की जांच होगी। संदिग्ध लोगों से दस्तावेज मांगे जाएंगे। एसआईआर में कई जगह बड़ी संख्या में लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटेंगे। इसके लिए मंगलवार को कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी रुचिका चौहान ने कलेक्ट्रेट के सभागार में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से बैठक की।

उन्होंने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से कहा है कि वे इसके लिए दावे आपत्ति भी दे सकते हैं। अब बूथ लेवल ऑफिसर, घर-घर जाकर फॉर्म बांटेंगे। बीएलओ एक घर में तीन बार जाएंगे। विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत मृत, स्थानांतरित, डुप्लीकेट व अपात्र मतदाता हटाने का काम किया जाएगा। साथ ही नए मतदाता जोड़े जाएंगे।

कलेक्टर ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि एसआईआर में सहयोग के लिए वह अपने-अपने बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) अवश्य नियुक्त करें।

कलेक्टर रुचिका चौहान एसआईआर की जानकारी देते हुए।

3 नवंबर तक मुद्रण-प्रशिक्षण, 4 नंबर से घर-घर गणना जिला निर्वाचन अधिकारी चौहान ने बताया कि मुद्रण व प्रशिक्षण का कार्य 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक किया जाएगा।

एसआईआर के तहत घर-घर गणना का काम 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक होगा। प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन 9 दिसंबर को किया जाएगा। इस सूची से संबंधित दावे व आपत्तियां 9 दिसम्बर से 8 जनवरी तक प्राप्त की जाएंगी।

संबंधित रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा नोटिस दिए जाने अर्थात सुनवाई व प्रमाणीकरण का चरण 9 दिसंबर से 31 जनवरी तक चलेगा। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 7 फरवरी 2026 को किया जाएगा।

बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी अनिल बनवारिया एवं जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

साथ ही भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि राजेंद्र जैन व सतेंद्र धाकड़, इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्रतिनिधि देशराज भार्गव, बहुजन समाज पार्टी के प्रतिनिधि विजय राजौरिया एवं आम आदमी के प्रतिनिधि त्रिलोचन सिंह सहित अन्य प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

बीएलओ घर-घर जाकर देंगे गणना प्रपत्र मध्यप्रदेश सहित देश के 12 राज्यों में एसआईआर की घोषणा के साथ ही भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची फ्रीज कर दी गई है। जिसमें ग्वालियर की मतदाता सूची भी शामिल है।

उन्होंने बताया कि इसी आधार पर प्रत्येक मतदाता के लिए ईआरओ व एईआरओ द्वारा विशिष्ट गणना पत्रक (ईएफएस) तैयार किए जाएंगे। बीएलओ घर-घर जाकर यह गणना प्रपत्र वितरित करेंगे। साथ ही मतदाता का अपना नाम या अपने परिजन का नाम पिछले एसआईआर (वर्ष 2002-2004) की मतदाता सूची के मिलान व लिंक करने में मदद करेंगे।

गणना पत्रक भरने के लिए मतदाता को कोई भी दस्तावेज जमा नहीं करना है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सभी मतदाता अपना नवीनतम पासपोर्ट साइज का रंगीन फोटोग्राफ अवश्य बनवा लें।

स्वयंसेवक भी नियुक्त होंगे जिला निर्वाचन अधिकारी रुचिका चौहान ने बैठक में जानकारी दी कि एसआईआर में सहयोग के लिए स्वयंसेवक (वॉलेंटियर) भी नियुक्त किए जाएंगे। जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं सहित अन्य लोगों को वॉलेंटियर बनाया जाएगा।

मतदान केंद्रों का होगा युक्तियुक्तिकरण किसी भी मतदान केंद्र में 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। बहुमंजिला इमारतों वाली आवासीय कॉलोनियों, झुग्गी बस्तियों इत्यादि में नए मतदान केन्द्र भी बनाए जाएंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी चौहान ने जिले के सभी एआरओ को जल्द से जल्द ऐसी आवासीय कॉलोनियों में नए मतदान केन्द्र प्रस्तावित करने के निर्देश दिए हैं।

मतदाता सूची के संबंध में अपील की प्रक्रिया जिला निर्वाचन अधिकारी रुचिका चौहान ने बैठक में मतदाता सूचियों से संबंधित दावे-आपत्तियों के बारे में अपील की प्रक्रिया भी बताई। उन्होंने जानकारी दी कि ईआरओ के निराकरण से संतुष्ट न होने की स्थिति में जिला निर्वाचन अधिकारी के यहां अपील की जा सकेगी। जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्णय से संतुष्ट न होने पर राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के यहां अपील की जा सकेगी।



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