रायसेन कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा ने शुक्रवार को रोगी कल्याण समिति, जिला चिकित्सालय की कार्यकारिणी सभा की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों और डॉक्टरों को निर्देश दिए कि शासकीय अस्पतालों में आने वाले मरीजों को त्वरित और बेहतर उपचार उप
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कलेक्टर विश्वकर्मा ने स्पष्ट किया कि मरीजों को अनावश्यक रूप से रेफर न किया जाए। यदि किसी निजी अस्पताल को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ऐसा किया जाता है, तो संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने सीएमएचओ और सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि वे पिछले एक माह में रेफर किए गए मरीजों की संख्या और उनके उपचार स्थल की रिपोर्ट बनाकर प्रस्तुत करें। कलेक्टर ने जिले में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने आईएमआर (शिशु मृत्यु दर) और एमएमआर (मातृ मृत्यु दर) की स्थिति सुधारने के लिए स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों में संयुक्त सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए। हाई-रिस्क वाली गर्भवती महिलाओं को घर-घर जाकर चिह्नित करने, नियमित जांच और फॉलोअप सुनिश्चित करने को कहा गया। बच्चे के जन्म के बाद भी नियमित जांच पर बल दिया गया।
कलेक्टर ने कहा कि किसी निजी अस्पताल को लाभ पहुंचाने की कोशिश की तो संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डोर-टू-डोर सर्वे करेगी टीम कुपोषित बच्चों की जानकारी लेते हुए कलेक्टर ने सभी विभागों को समन्वित रूप से काम करने का निर्देश दिया ताकि इन बच्चों को कुपोषण की श्रेणी से बाहर निकाला जा सके। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास विभाग की टीम वास्तविक और सुधार-उन्मुख डोर-टू-डोर सर्वे करेगी।
कलेक्टर विश्वकर्मा ने सीएमएचओ, सिविल सर्जन और महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी को औद्योगिक एवं व्यापारिक संगठनों के साथ समन्वय स्थापित कर कुपोषित बच्चों के लिए निर्धारित मापदंडों के आधार पर ‘फूड बास्केट’ तैयार कर वितरित कराने के निर्देश दिए।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने जिले में एनआरसी (पोषण पुनर्वास केंद्र) भवनों के सुदृढ़ीकरण और उन्हें बेहतर बनाने के लिए अधिकारियों तथा डॉक्टरों से सुझाव मांगे। साथ ही, आवश्यक संसाधनों और सामग्रियों की सूची तैयार करने के भी निर्देश दिए गए।