शादी सीजन में मोटी कमाई का मौका, टेंट हाउस बिजनेस बना युवाओं की पहली पसंद

शादी सीजन में मोटी कमाई का मौका, टेंट हाउस बिजनेस बना युवाओं की पहली पसंद


सतना. शादी-ब्याह का सीजन शुरू होते ही लोगों के घरों में रौनक और बाजारों में हलचल बढ़ जाती है. ऐसे में अगर आप भी सोच रहे हैं कि इस सीजन में कोई बढ़िया और मुनाफे वाला कारोबार शुरू किया जाए, तो बारात घर और टेंट हाउस बिजनेस आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है. खास बात यह है कि इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए बहुत बड़ी पूंजी की जरूरत नहीं, बस एक सही योजना और सरकारी सहयोग के साथ आप भी अपनी पहचान बना सकते हैं. अगर आप ग्रामीण क्षेत्र में हैं, तो यह कारोबार आपके लिए और भी सस्ता और लाभदायक साबित हो सकता है.

शुरुआत में आपको टेंट, कुर्सियां, मेज, लाइटें, पर्दे, प्लेट-बर्तन और सजावट का सामान जैसे जरूरी स्टॉक की जरूरत होगी. इन सबकी लागत 2 लाख रुपये से 7 लाख रुपये तक हो सकती है, जो आपके द्वारा खरीदे गए सामान की क्वालिटी और मात्रा पर निर्भर करेगी. वहीं स्टॉक रखने के लिए एक स्टोर या गोदाम की जरूरत होगी, जिसके लिए 900 वर्ग फुट से 4500 वर्ग फुट तक की जगह पर्याप्त रहती है. छोटे स्तर पर 2 से 3 लाख रुपये तक का निवेश काफी होता है जबकि मध्यम स्तर पर ₹10 लाख या उससे ज्यादा का निवेश आपको बेहतर क्वालिटी और बड़े पैमाने पर काम करने की सुविधा देता है. शहरों में भी यह बिजनेस बेहद तेजी से बढ़ रहा है और सीजनल मांग को देखते हुए यह एक बार का निवेश लंबे समय तक फायदा देने वाला साबित होता है.

सरकार दे रही आर्थिक मदद
जिला व्यापार और उद्योग केंद्र सतना के प्रबंधक आरएल पांडेय ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार की मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना अब जिले के युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम साबित हो रही है. इस योजना के तहत उद्योग क्षेत्र में अधिकतम ₹50 लाख और सर्विस या बिजनेस सेक्टर में अधिकतम ₹25 लाख तक का ऋण बैंकों के माध्यम से दिलाया जाता है. टेंट हाउस और कैटरिंग सर्विस सेक्टर में आते हैं, इसलिए इस योजना के अंतर्गत इन पर विशेष छूट और सब्सिडी भी उपलब्ध है.

7 साल तक ब्याज में राहत
इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें राज्य सरकार द्वारा तीन फीसदी ब्याज की सब्सिडी अधिकतम 7 वर्षों तक दी जाती है. यह सब्सिडी सीधे लाभार्थी के खाते में जमा की जाती है, जिससे युवाओं को ऋण चुकाने में बड़ी राहत मिलती है. आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है, जिससे पारदर्शिता और आसानी दोनों बनी रहती हैं.

पात्रता और जरूरी दस्तावेज
इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक की आयु 18 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए. वह मध्य प्रदेश का निवासी हो और उसके परिवार की वार्षिक आय ₹12 लाख से अधिक न हो. साथ ही आवेदक बैंक डिफॉल्टर नहीं होना चाहिए. आवेदन के लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक, पते का प्रमाण, राशन कार्ड, पहचान पत्र, पासपोर्ट आकार का फोटो, शैक्षणिक प्रमाण पत्र (न्यूनतम 8वीं पास), बिजली बिल या किराया नाम, निवास प्रमाण पत्र, प्रोजेक्ट रिपोर्ट और कोटेशन जैसे दस्तावेज जरूरी होते हैं.

स्थानीय युवाओं के लिए सुनहरा अवसर
शादी के इस सीजन में जहां हर कोई टेंट और सजावट की तलाश में रहता है, वहीं यह व्यवसाय सतना समेत विंध्य क्षेत्र के युवाओं के लिए सोने पर सुहागा साबित हो सकता है. एक बार निवेश करने के बाद हर साल का मुनाफा बढ़ता चला जाता है. ऐसे में अब वक्त है कि आप दूसरों की शादियों में मेहमान नहीं बल्कि कारोबारी बनें क्योंकि अब सरकार भी साथ दे रही है आपके स्वरोजगार के सपने को हकीकत में बदलने में.



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