राजगढ़ के नगर परिषद खिलचीपुर में जल यंत्रालय की भूमि पर बाउंड्री वॉल निर्माण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। वार्ड क्रमांक 10 की पार्षद पति एवं पूर्व पार्षद राकेश जायसवाल ने वर्तमान प्रभारी सीएमओ देवेंद्र वत्स्य और उपयंत्री अमर बघेला पर भूमाफियाओं के
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जायसवाल ने बताया कि 8 सितंबर 2022 को हुई नगर परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया था कि जल यंत्रालय की भूमि का पहले सीमांकन कराया जाएगा, उसके बाद ही बाउंड्री वॉल का निर्माण होगा। इस निर्णय के पालन में तत्कालीन सीएमओ ने 16 जनवरी 2023 को खिलचीपुर तहसीलदार को सीमांकन हेतु पत्र भी भेजा था।
गुपचुप तरीके से टेंडर जारी करने का आरोप पूर्व पार्षद का कहना है कि वर्तमान सीएमओ और उपयंत्री ने परिषद के निर्णय को दरकिनार करते हुए भूमाफियाओं के दबाव में बाउंड्री वॉल का एस्टीमेट तैयार कर टेंडर जारी कर दिया। इसके बाद इस प्रस्ताव को मंगलवार को होने वाली परिषद बैठक के एजेंडा में शामिल कर दिया गया।
जायसवाल ने बताया कि जब पार्षदों को बैठक का एजेंडा मिला, तब उन्हें इस प्रस्ताव की जानकारी हुई। उन्होंने 3 नवंबर 2025 को संबंधित फाइलें देखीं, जिनमें कई दस्तावेज अधूरे मिले और कुछ फाइलों पर सीएमओ के हस्ताक्षर तक नहीं थे।
भूमाफिया कब्जे में है जल यंत्रालय की जमीन जायसवाल ने आरोप लगाया कि जल यंत्रालय की यह बेशकीमती जमीन लंबे समय से भूमाफियाओं के कब्जे में है और अब नगर परिषद के अधिकारी उन्हीं के साथ खड़े नज़र आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्षदों की अनदेखी कर टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह मनमाने ढंग से की गई है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो वे नगरवासियों और जनप्रतिनिधियों के साथ आंदोलन करेंगे।
सीएमओ देवेंद्र वत्स्य और उपयंत्री अमर बघेला से पक्ष जानने के लिए दैनिक भास्कर ने कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन दोनों अधिकारियों ने फोन रिसीव नहीं किया।