Agriculture News: धान विंध्य क्षेत्र की प्रमुख फसल है, जो देश के लाखों किसानों की आजीविका का आधार है. कटाई के बाद धान का सही भंडारण न केवल उपज को नुकसान से बचाता है, बल्कि बाजार में बेहतर कीमत दिलाने में भी मदद करता है. गलत भंडारण से नमी, कीट और फफूंदी के कारण 10-20% धान खराब हो सकता है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होता है. वैज्ञानिक तरीकों से भंडारण करने पर धान 6-12 महीने तक सुरक्षित रहता है, और मुनाफा 20-30% तक बढ़ सकता है. आज हम किसानों को धान के भंडारण के सरल और प्रभावी तरीके, सावधानियाँ और सरकारी सहायता की जानकारी देता है. आइए, समझें कि धान को कैसे सुरक्षित रखें.
कटाई और प्रारंभिक तैयारी
धान की कटाई सही समय पर करना भंडारण की पहली सीढ़ी है. धान को तब काटें, जब दाने पूरी तरह पक जाएँ और नमी 20-22% हो. कटाई के बाद धान को 2-3 दिन खेत में सुखाएँ, ताकि नमी 14% से कम हो जाए. अधिक नमी से फफूंदी और कीटों का खतरा बढ़ता है. दानों को साफ करें—पत्थर, भूसा और खराब दाने अलग करें. सूरज की तेज धूप में सुखाने से बचें, क्योंकि इससे दाने टूट सकते हैं. छायादार, हवादार जगह में सुखाएँ. सरल उपाय: सुखाने के लिए टारपॉलिन शीट बिछाएँ, ताकि मिट्टी न मिले. कटाई के बाद 24-48 घंटे में सुखाने का काम शुरू करें. यह प्रक्रिया भंडारण के दौरान नुकसान को 50% तक कम करती है.
नमी नियंत्रण और गुणवत्ता जाँच
नमी धान के भंडारण का सबसे बड़ा दुश्मन है. भंडारण से पहले दानों में नमी 12-14% होनी चाहिए. नमी मापने के लिए मॉइस्चर मीटर (लागत ₹2,000-5,000) उपयोगी है. यदि मीटर न हो, तो दाने को दबाकर देखें—अच्छे दाने सख्त और टूटने पर कड़क आवाज करते हैं. अधिक नमी वाले दाने नरम और आसानी से चूर हो जाते हैं. नमी कम करने के लिए ड्रायर मशीन या हवादार शेड में सुखाएँ. भंडारण के दौरान नमी बढ़ने से बचने के लिए गोदाम को जलरोधी बनाएँ. सरल उपाय: भंडार में सिलिका जेल या चूना (50 ग्राम/क्विंटल) की थैलियाँ रखें, जो नमी सोखती हैं। यह गुणवत्ता बनाए रखता है और कीटों को रोकता है.
भंडार का चयन और तैयारी
धान के लिए सही भंडार चुनना महत्वपूर्ण है. गोदाम या कोठार सूखा, हवादार और जलरोधी होना चाहिए. छत और दीवारों में दरारें न हों. भंडार की सतह को सीमेंट या पक्की बनाएँ, ताकि नमी न आए. भंडार को साफ करें और नीम की पत्तियाँ (100 ग्राम/क्विंटल) बिछाएँ, जो प्राकृतिक कीटनाशक हैं. छोटे किसानों के लिए जूट के बोरे (50-100 किलो) या हर्मेटिक बैग (₹200-500/बैग) उपयुक्त हैं. बड़े भंडारण के लिए साइलो (धातु भंडार) उपयोगी हैं. भंडार में लकड़ी के तख्ते या प्लास्टिक शीट बिछाएँ, ताकि बोरे जमीन से 6 इंच ऊपर रहें. यह नमी और कीटों से बचाता है.
कीट और रोग नियंत्रण
कीट और फफूंदी धान के भंडारण में सबसे बड़ी चुनौती हैं. सामान्य कीट जैसे घुन, चावल का भृंग और खपरा बीटल 10-15% दाने खराब कर सकते हैं.
रासायनिक उपाय: भंडारण से पहले दानों को फ्यूमिगेट करें. एल्यूमिनियम फॉस्फाइड (1 टैबलेट/टन) या मेलाथियान (5 मिली/लीटर पानी) का छिड़काव करें.
जैविक उपाय: नीम की पत्तियाँ (1 किलो/क्विंटल) या नीम तेल (5 मिली/किलो) मिलाएँ. गोबर के उपले से धुइनी देने से अधिक फायदेमंद होती हैं पत्तीयां.
फफूंदी नियंत्रण: बाविस्टीन (2 ग्राम/किलो दाने) का उपचार करें
नियमित जाँच करें और खराब दाने तुरंत हटाएँ. भंडार में हवा का प्रवाह बनाए रखें. सरल उपाय: बोरे में लौंग (5 ग्राम/किलो) या कपूर की गोलियाँ रखें. भंडारण वाले पात्र में एक दिया जला कर रखना चाहिए ताकि ऑक्सीजन नहीं होने का पता चल सके.
भंडारण की अवधि और रखरखाव
धान को 6-12 महीने तक सुरक्षित भंडारित किया जा सकता है, अगर नमी और कीट नियंत्रित हों. हर 2-3 महीने में भंडार की जाँच करें. बोरे को हिलाएँ, ताकि हवा का प्रवाह बना रहे. भंडार का तापमान 20-25 डिग्री सेल्सियस और आर्द्रता 50-60% रखें. लंबे भंडारण के लिए हर्मेटिक बैग या साइलो उपयोगी हैं, जो ऑक्सीजन कम करते हैं और कीटों को रोकते हैं. छोटे किसान बोरे को ऊँचे तख्तों पर रखें और हर महीने नीम पत्तियाँ बदलें. यह उपज को ताजा और बाजार योग्य बनाए रखता है.
सही भंडारण से धान की गुणवत्ता बनी रहती है, जिससे बाजार में 20-30% अधिक कीमत मिलती है. भंडारण के बाद ऑफ-सीजन में बिक्री से मुनाफा बढ़ता है. प्रति हेक्टेयर 40-50 क्विंटल धान की उपज से ₹50,000-70,000 अतिरिक्त आय संभव होती है. मंडियों, FCI या प्रोसेसिंग यूनिट्स से संपर्क करें. जैविक धान की मांग बढ़ रही है, जिसकी कीमत ₹3,500/क्विंटल तक हो सकती है. सरल उपाय: छोटे बंडल बनाकर स्थानीय बाजारों में बेचें.
सरकारी सहायता और योजनाएँ
सरकार धान भंडारण को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ चलाती है.
ग्रामीण भंडारण योजना: छोटे गोदामों के लिए 25-33% सब्सिडी.
कृषि भंडारण योजना: साइलो और हर्मेटिक बैग पर 50% सब्सिडी.
PUSA बिन: छोटे किसानों के लिए सस्ता (₹5,000-10,000) भंडार.
कृषि विभाग या नजदीकी कस्टम हायरिंग सेंटर से मॉइस्चर मीटर और फ्यूमिगेशन उपकरण किराए पर लें. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन से प्रशिक्षण और सहायता लें.
नमी 12-14% सुनिश्चित करें.
नीम पत्तियाँ और हर्मेटिक बैग का उपयोग करें.
भंडार को नियमित साफ और हवादार रखें.
ऑफ-सीजन बिक्री के लिए भंडारण करें.
सरकारी योजनाओं से सब्सिडी लें.
धान का सही भंडारण मिट्टी की मेहनत को मुनाफे में बदलता है. नमी नियंत्रण, कीट-रोग से बचाव और वैज्ञानिक भंडारण से उपज को लंबे समय तक सुरक्षित रखें. PUSA बिन, हर्मेटिक बैग और सरकारी सब्सिडी इस प्रक्रिया को आसान बनाते हैं। इससे न केवल आय बढ़ेगी, बल्कि खाद्य सुरक्षा भी मजबूत होगी.