खाड़ी देश में डॉलर चना इस वर्ष नाममात्र का जाने से बड़ी गिरावट आ रही है, जबकि कृषि उपज मंडियों में प्रतिदिन 8000 से 10,000 िक्वंटल डॉलर चना बिकने पहुंच रहा है। इधर, उज्जैन मंडी में रोज 200 से 250 बोरी की आवक चल रही है। भाव इसके क्वालिटी अनुसार 6500 स
.
कनाडा का सस्ता डॉलर चना भारी मात्रा में खाड़ी देश में पहुंचने से वहां का व्यापार शीर्ष पर पहुंच चुका है। डॉलर चना खासकर निमाड़ क्षेत्र में अधिक होने से उत्पादक किसान भारी नुकसान में चल रहे हैं। इधर, डॉलर चना कारोबारी हजारीलाल मालवीय ने कहा उज्जैन में भले ही आवक कम आ रही है लेकिन बड़नगर, तराना, आगर, देवास तरफ डॉलर चना बड़ी आवक में आ रहा है। इस बार भाव कमी के चलते किसान इसकी उपज लेने में रुचि भी नहीं ले रहे हैं, जबकि मालवा, निमाड़ का डॉलर चना टेस्टी होने से विदेश की बड़ी मांग आती रही है। इधर, घरेलू मांग में कमी होने से चना स्टॉक बढ़ता जा रहा है। देखा जाए तो इस वर्ष व्यापार में चना बड़े नुकसान वाला साबित हो रहा है। इधर, किसानों ने गेहूं के सरकारी रेट बढ़ने से चना उपज में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। शौकिया तौर पर हरा छोड़ के लिए ही इसका बीज खरीदा जा रहा है। हरा छोड़ जल्दी पैदा होने से बाद में अन्य उपज भी किसान ले सकते हैं। ऐसे में डॉलर चने की फसल के लिए किसान राजी नहीं है।