स्वच्छता में 8 बार नंबर वन इंदौर अब ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में भी बड़ा कदम उठा रहा है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने शनिवार को जलूद स्थित सोलर पावर प्लांट, जल शोधन संयंत्र एवं पंपिंग स्टेशन का काम देखने पहुंचे थे। उनके साथ जल कार्य प्रभारी अभिषेक (
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इस मौके पर महापौर ने परियोजना की प्रोग्रेस, तकनीकी संरचना और ऊर्जा बचत की संभावनाओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इंदौर नगर निगम द्वारा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के संरक्षण में ग्राम सामराज एवं ग्राम आसुखेड़ी की 210 एकड़ जमीन पर 60 मेगावाट क्षमता का सोलर पावर प्रोजेक्ट स्थापित किया जा रहा है।
महापौर ने कहा कि इस परियोजना के पूर्ण संचालन से नगर निगम को प्रतिमाह लगभग 80 लाख यूनिट बिजली की बचत होगी, जिससे 3 से 4 करोड़ रुपए मासिक विद्युत बिल में कमी आएगी। यह कदम इंदौर को ऊर्जा आत्मनिर्भर शहर के रूप में नई पहचान देगा।
210 एकड़ में 1.23 लाख सोलर मॉड्यूल से 60 मेगावाट बिजली उत्पादन
- 1.23 लाख सोलर मॉड्यूल से होगा 60 मेगावाट उत्पादन।
- परियोजना के अंतर्गत 210 एकड़ जमीन को 7 भागों में विभाजित किया गया है।
- ग्राम सामराज के भाग 1 से 5 से 48 मेगावाट।
- ग्राम आसुखेड़ी के भाग 6 एवं 7 से 12 मेगावाट बिजली उत्पादन होगा।
निरीक्षण के दौरान महापौर पुष्यमित्र भार्गव और एमआईसी मेंबर अभिषेक शर्मा व अन्य।
नवीनतम तकनीकी उपकरण लगे
इस मॉडर्न संयंत्र में 1.23 लाख सोलर मॉड्यूल, 21 इनवर्टर, 7 इनवर्टर ड्यूटी ट्रांसफॉर्मर, 2 पावर ट्रांसफॉर्मर एवं अन्य नवीनतम तकनीकी उपकरण लगाए गए हैं। परियोजना की जिम्मेदार एजेंसी ने 97 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है, जबकि बाकी काम अंतिम चरण में है।
महापौर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाकी काम को जल्दी पूरा कर टेस्टिंग एवं कमीशनिंग की प्रक्रिया शुरू की जाए। यह परियोजना न केवल नगर निगम की बिजली लागत में बड़ी बचत करेगी, बल्कि इंदौर को ग्रीन एनर्जी सिटी के रूप में प्रतिष्ठित करेगी।