वीआईपी नंबर की नीलामी में आवेदक से 15 हजार 500 रुपए वसूलने के बाद भी आरटीओ ने नंबर अलॉट नहीं किया, बल्कि रूटीन नंबर जारी कर दिया। इस पर याचिकाकर्ता केके गुरु एडवोकेट ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा ने इंदौर आरटीओ को आदेश दिए
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याचिकाकर्ता ने 7 अक्टूबर 2025 को 15 हजार रुपए बेस प्राइस और 13 अक्टूबर को शेष 500 रुपए जमा किए थे। 9 अक्टूबर की शाम 5.45 बजे उन्हें सफल बोलीदाता घोषित किया गया था। बावजूद आरटीओ ने न तो वेबसाइट पर नंबर अलॉटमेंट अपलोड किया और न ही मेल भेजा। कई ईमेल और आवेदन देने के बाद भी आरटीओ ने कोई जवाब नहीं दिया। इस पर हाई कोर्ट में अर्जी दायर की गई थी।