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Chhatarpur News: केशकली लोकल 18 को बताती हैं कि गांव में चने की भाजी का जायका अलग ही होता है. खेत से ताजा चने की भाजी लेकर इसे उसी समय बनाने से इसका टेस्ट और भी बेहतर हो जाता है. भाजी के स्वाद को हींग, लहसुन और दाल का तड़का और भी ज्यादा लजीज बना देता है.
छतरपुर. आज हम आपको एक ऐसी डिश के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ठंड के मौसम में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में सबसे ज्यादा खाई जाती है. इस डिश को चना भाजी कहते हैं. यह भाजी इसलिए भी खास हो जाती है क्योंकि इसे बनाने का तरीका कुछ अलग होता है. चने की भाजी बनाने के लिए सबसे पहले इसे हसिए से काटना होता है. इसके बाद अब एक एल्यूमिनियम या लोहे की कड़ाही या तबेली को चूल्हे पर रखें. उसमें 2-3 चम्मच तेल डालें और तेल गर्म होने के बाद उसमें हींग और लहसुन की कलियों का तड़का लगाएं. लहसुन को अच्छी तरह से भूनने दें ताकि इसका स्वाद पूरी तरह से घुल जाए.
तड़का लगने के बाद कड़ाही में दरी हुई एक चम्मच मूंग, मसूर या अरहर की दाल डालें. इसे 10-15 मिनट तक अच्छे से पकाते रहें. यह दाल चने की भाजी के स्वाद को एक नया आयाम देती है. अब कटी हुई चने की भाजी कड़ाही में डालें और इसे अच्छे से मिला लें. फिर दो चम्मच आटा डालकर भाजी में अच्छे से घोल दें. आटा भाजी को गाढ़ा बनाने में मदद करता है. अब अगर भाजी में और पानी की जरूरत हो, तो थोड़ा पानी डाल सकते हैं. इसे कुछ देर पकने दें, जब तक भाजी पूरी तरह से गाढ़ी न हो जाए.
लहसुन और हींग का तड़का
इसके बाद मिट्टी के दीपक में तेल गर्म करें और इसी दीपक में हींग और लहसुन को गर्म करें और इस तरह तड़का लगा दिया जाता है. आपकी चना भाजी तैयार हो जाती है.
परोसने का सही तरीका
आपकी चने की भाजी तैयार हो चुकी है. इसे रोटी के साथ गरमा-गर्म परोसें. इस भाजी का स्वाद तब और भी बढ़ जाता है, जब इसे अमरुद की चटनी, आंवले का अचार, हरी मिर्च और मूली के साथ खाया जाता है.
छतरपुर की चने की भाजी का खास स्वाद
केशकली, जो वर्षों से गांव में चने की भाजी बना रही हैं, लोकल 18 को बताती हैं कि गांव में चने की भाजी का स्वाद ही अलग होता है. खेत से ताजा चने की भाजी लेकर इसे उसी समय बनाने से इसका स्वाद और भी बेहतर हो जाता है. भाजी के स्वाद को लहसुन, हींग और दाल का तड़का और भी ज्यादा स्वादिष्ट बना देता है.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.