WTC Points Table: साउथ अफ्रीका के खिलाफ लगातार दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया की हालत खराब है. कोलकाता में शर्मनाक हार के बाद ‘मेन इन ब्लू’ से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन बल्लेबाजों ने एक बार फिर बेड़ा गर्क कर दिया. गुवाहाटी टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका ने भारत के सामने 549 का विशाल लक्ष्य रखा है. ये कितना मुश्किल टारगेट है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इससे पहले कभी भी भारत को घर पर इतना बड़ा लक्ष्य नहीं मिला था.
चौथे दिन के स्टंप्स तक हालत और खराब हो गया क्योंकि टीम इंडिया के दोनों ओपनर्स सस्ते में पवेलियन लौट गए. स्कोरबोर्ड पर अभी सिर्फ 27 रन हैं और यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल आउट हो चुके हैं. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि गुवाहाटी में टीम इंडिया की हार लगभग कन्फर्म है. यहां से चमत्कार की उम्मीद है, लेकिन ये भी सच है कि चमत्कार रोज-रोज नहीं होते.
WTC पॉइंट्स टेबल पर धड़ाम से गिरेगी टीम इंडिया
चमत्कार को दरकिनार करते हुए अगर ये मान लें कि टीम इंडिया साउथ अफ्रीका के खिलाफ दूसरा टेस्ट भी हार जाती है तो इससे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप पर बड़ा असर पड़ेगा. दो बार की WTC रनर-अप के लिए लगातार दूसरी बार फाइनल खेलने का सपना टूट सकता है. कोलकाता टेस्ट हारने के बाद भारत को बड़ा नुकसान हुआ था. टीम इंडिया फिलहाल WTC पॉइंट्स टेबल पर चौथे स्थान पर है. भारत ने इस साइकल में अभी तक 8 मैच खेले हैं. 4 में जीत मिली है, जबकि 3 में हार का सामना करना पड़ा है.
गुवाहाटी में हारे तो क्या होगा?
WTC (2025-27) सीजन में भारत गुवाहाटी में 9वां मुकाबला खेल रहा है. अगर इस टेस्ट में भी हार मिलती है तो वो 9 में से 4 मैच हार जाएंगे और उनका जीत प्रतिशत 50 राज जाएगा. बता दें कि इस सीजन में पाकिस्तान ने अभी तक 2 मैच खेले हैं और उनका जीत प्रतिशत भी 50 है. ऐसे में अगर भारत गुवाहाटी में हारा तो वो पाकिस्तान से भी नीचे खिसक जाएगा.
WTC में कैसे दिए जाते हैं अंक?
जीत के लिए 12 अंक: प्रत्येक टेस्ट मैच जीत पर टीमों को 12 अंक मिलते हैं.
ड्रॉ के लिए 4 अंक: यदि मैच ड्रॉ होता है, तो दोनों टीमों को 4 अंक मिलते हैं.
टाई के लिए 6 अंक: टाई की स्थिति में, दोनों टीमों को 6-6 अंक दिए जाते हैं.
टीमें मैच के नतीजों के जरिए अंक हासिलकरती हैं, जबकि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) की रैंकिंग अंकों के प्रतिशत (POP) के आधार पर तय होती है. POP की गणना किसी टीम द्वारा अर्जित अंकों और सभी मैचों में उसके द्वारा हासिल किए जा सकने वाले कुल अंकों के अनुपात के रूप में की जाती है. इससे यह सुनिश्चित होता है कि रैंकिंग किसी टीम के खेले गए मैचों की संख्या के सापेक्ष उसके प्रदर्शन को दर्शाती है.
ये भी पढ़ें: स्मृति मंधाना ने नहीं पलाश ने टाली शादी, सिंगर की मां ने खोला बड़ा राज, बताया बेटे ने क्यों लिया ये फैसला