मोहब्बत, धोखा और 26 जख्मों की वो खौफनाक रात…: प्रेमिका को बीच सड़क पर चाकू से गोदकर मारा; अदालत में पलट गए सारे गवाह – Madhya Pradesh News

मोहब्बत, धोखा और 26 जख्मों की वो खौफनाक रात…:  प्रेमिका को बीच सड़क पर चाकू से गोदकर मारा; अदालत में पलट गए सारे गवाह – Madhya Pradesh News


एक प्रेम कहानी का ऐसा अंत, जिसने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। जिस प्रेमिका को वह अपनी जान से ज्यादा चाहता था, उसी की जान का दुश्मन बन बैठा। बीच सड़क पर चाकुओं से गोदकर उसने मोहब्बत का गला घोंट दिया। क्या थी उस रात की पूरी कहानी? क्यों एक आशिक अपनी ह

.

पढ़िए पूरी कहानी…

एक अधूरी प्रेम कहानी का खूनी अंत

तारीख: 3 मई 2023। समय: रात लगभग 11:10 बजे। बैतूल जिले का शांत सा कस्बा मुलताई, उस रात एक ऐसी वारदात से दहल उठा, जिसकी गूंज आने वाले कई दिनों तक सुनाई देने वाली थी। गांधी चौक के पास अन्नू हानिफ के घर के ठीक सामने सड़क पर लोगों का हुजूम लगा था। भीड़ के बीचों-बीच एक युवती की लाश खून से लथपथ पड़ी थी। उसके गले, गाल और जिस्म के कई हिस्सों पर गहरे जख्म थे, जिनसे रिसता खून सड़क पर फैलकर रात के अंधेरे को और भी स्याह बना रहा था।

नागपुर से मुलताई: एक भाई का दर्दनाक सफर

घटनास्थल से करीब 125 किलोमीटर दूर, नागपुर में, सिमरन का भाई पिंटू उर्फ शेख शहजाद अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में मसरूफ था। वह असलम खान की स्क्रैप की दुकान पर काम करता था। रात के 11 बज चुके थे और दिन भर की थकान के बाद वह घर जाने की तैयारी में था, तभी उसके फोन की घंटी बजी। फोन दुकान के मालिक असलम का था। असलम की आवाज में घबराहट थी। उन्होंने जो खबर दी, उसे सुनकर पिंटू के पैरों तले जमीन खिसक गई। “पिंटू, जल्दी मुलताई के लिए निकल… वहां सिमरन का मर्डर हो गया है।”

यह शब्द पिंटू के कानों में किसी पिघले हुए शीशे की तरह उतरे। उसकी बहन सिमरन… और उसका मर्डर? यह कैसे हो सकता है? उसका दिमाग सुन्न पड़ गया, दिल की धड़कनें बेतहाशा बढ़ गईं। बिना एक पल गंवाए, वह असलम के साथ नागपुर से मुलताई के लिए रवाना हो गया। पूरे रास्ते उसके मन में बस एक ही सवाल घूम रहा था – आखिर उसकी बहन का दुश्मन कौन हो सकता है?

घटनास्थल का मंजर: जब मोहब्बत ने ओढ़ा कफन

इधर मुलताई में, गांधी चौक का इलाका पुलिस की गाड़ियों की नीली-लाल बत्तियों से जगमगा रहा था। सिमरन की लाश के चारों ओर एक घेरा बना दिया गया था। मौके पर मौजूद लोगों की आंखों में खौफ और हैरानी साफ झलक रही थी। कुछ देर पहले तक सब कुछ सामान्य था, लेकिन अब माहौल में एक अजीब सी दहशत घुल चुकी थी।

पुलिस सिमरन की लाश को एम्बुलेंस से अस्पताल ले गई।

पुलिस सिमरन की लाश को एम्बुलेंस से अस्पताल ले गई।

भीड़ में मौजूद सलीम नाम के एक शख्स ने पुलिस को बताया कि उसने कुछ ही देर पहले सिमरन को सानिफ के साथ देखा था। सानिफ, सिमरन का बॉयफ्रेंड था। सलीम के मुताबिक, दोनों एक अंडे की दुकान के पास खड़े थे और उनके बीच किसी बात को लेकर ऊंची आवाज में बहस हो रही थी।

सलीम ने बताया,

QuoteImage

सिमरन अपनी स्कूटी लेकर काफी देर से सानिफ के घर के सामने उसका इंतजार कर रही थी। जब सानिफ आया तो दोनों में कहासुनी शुरू हो गई। बहस इतनी बढ़ी कि सानिफ ने गुस्से में सिमरन के हाथ से उसका मोबाइल छीना और जमीन पर पटककर तोड़ दिया।

QuoteImage

गुस्से से तमतमाए सानिफ के मुंह से जो शब्द निकले, वे वहां मौजूद हर किसी को सन्न कर गए। उसने चीखकर कहा, “बहुत हो गया तेरा रोज-रोज का नाटक, आज तुझे खत्म ही कर देता हूं।” इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, सानिफ ने अपनी जेब से एक तेजधार चाकू निकाला और सिमरन पर टूट पड़ा। एक के बाद एक, उसने सिमरन पर ताबड़तोड़ वार किए। सिमरन चीख भी न सकी और लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ी। इस खौफनाक मंजर को अंजाम देकर सानिफ अंधेरे का फायदा उठाकर वहां से फरार हो गया।

सिमरन की लाश जहां पड़ी थी वहां सिर के पास काफी खून फैला था।

सिमरन की लाश जहां पड़ी थी वहां सिर के पास काफी खून फैला था।

तीन साल का प्यार, 26 जख्म और एक मौत

सिमरन और सानिफ का रिश्ता कोई नया नहीं था। पिछले तीन सालों से दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे। सिमरन की मां का इंतकाल हो चुका था, जिसके बाद उसके अब्बू ने उसे उसकी बुआ के घर छोड़ दिया था। वह वहीं पली-बढ़ी। सानिफ से उसकी मोहब्बत की कहानी पूरे मोहल्ले में आम थी। सिमरन अकसर शाम को अपनी स्कूटी लेकर सानिफ से मिलने उसके घर के पास जाती थी, और फिर दोनों साथ में घूमने निकल जाते थे।

3 मई की शाम भी कुछ अलग नहीं थी। सानिफ ने ही उसे फोन करके घर के पास मिलने बुलाया था। सिमरन हमेशा की तरह तैयार होकर उससे मिलने निकली थी। उसे इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि जिस शख्स से वह बेइंतहा मोहब्बत करती है, वही आज उसकी मौत का फरमान लिख चुका है। उसे क्या पता था कि यह उसकी जिंदगी की आखिरी शाम होने वाली है।

रात 9:45 बजे के करीब, जब बहस अपने चरम पर थी, सानिफ ने अपना आपा खो दिया। उसने पहला वार सिमरन के गले पर किया। खून का फव्वारा छूटा और सिमरन जमीन पर गिरने लगी, लेकिन सानिफ का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उसने एक-एक करके पूरे 26 बार सिमरन के जिस्म में चाकू घोंपा। उसके चेहरे, गले, गर्दन, हाथ और पीठ पर अनगिनत गहरे जख्म थे। इस बर्बर हमले ने सिमरन को संभलने का मौका तक नहीं दिया और उसने वहीं सड़क पर दम तोड़ दिया।

पुलिस की जांच और कातिल की गिरफ्तारी

घटना की सूचना मिलते ही मुलताई थाने की पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने सिमरन के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। तब तक उसका भाई पिंटू भी मुलताई पहुंच चुका था। अपनी बहन की लाश देखकर वह टूट गया। पिंटू की शिकायत पर पुलिस ने सिमरन के बॉयफ्रेंड सानिफ के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

सानिफ पर हत्या का आरोप था।

सानिफ पर हत्या का आरोप था।

पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए आरोपी सानिफ को गिरफ्तार कर लिया। शुरुआती जांच में यह केस पुलिस को बिल्कुल सीधा और स्पष्ट लग रहा था। उनके पास एक कातिल था, एक लाश थी, और सबसे बढ़कर, तीन चश्मदीद गवाह थे। अमान हुसैन, शेख नदीम और सलीम खान, ये तीनों वो लोग थे जिन्होंने अपनी आंखों से सानिफ को सिमरन पर हमला करते हुए देखा था। तीनों ने पुलिस के सामने दिए अपने बयानों में इस बात की पुष्टि की कि हत्या सानिफ ने ही की है। पुलिस के लिए ये तीनों गवाह केस की सबसे मजबूत कड़ी थे। इनके अलावा भी पुलिस ने 10 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए। मामले की जांच का जिम्मा मुलताई थाने में पदस्थ जांबाज पुलिस निरीक्षक प्रज्ञा शर्मा को सौंपा गया।

अदालत में सनसनीखेज मोड़: गवाह बोले- कुछ नहीं देखा

पुलिस को विश्वास था कि उनके पास सानिफ के खिलाफ एक पुख्ता केस है। चश्मदीद गवाहों के बयानों और शुरुआती सबूतों के आधार पर सानिफ का बचना नामुमकिन लग रहा था। लेकिन जब मामला अदालत में पहुंचा, तो कहानी ने एक ऐसा मोड़ लिया, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।

केस की सबसे मजबूत कड़ी माने जा रहे तीनों चश्मदीद गवाह-अमान, शेख और सलीम-जब गवाही के लिए कटघरे में खड़े हुए, तो उन्होंने अपने पुराने बयानों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने जज के सामने कहा कि घटना के वक्त अंधेरा था और उन्होंने ठीक से कुछ नहीं देखा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने जबरदस्ती उनसे सानिफ के खिलाफ बयान दिलवाए थे।

यह अभियोजन पक्ष के लिए एक बहुत बड़ा झटका था। लेकिन असली भूचाल आना अभी बाकी था।

सिमरन का भाई पिंटू शहजाद, जिसने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी, वह भी अदालत में अपने बयान से पलट गया। पिंटू ने कोर्ट में कहा, “मैं घटना के वक्त नागपुर में था। जब मुझे सिमरन की हत्या की जानकारी मिली, तो मैं देर रात मुलताई पहुंचा। मैं सीधा थाने गया, जहां पुलिस ने मुझसे कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करने को कहा, तो मैंने कर दिए। मुझे नहीं पता था कि उन कागजों में क्या लिखा था।”

सिमरन की हत्या सानिफ ने ही की थी, यह बात जानते हुए भी अदालत में इसे साबित करना पुलिस के लिए एक पहाड़ जैसी चुनौती बन गया।

अब सवाल यह था कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि सारे गवाह, यहां तक कि मृतका का सगा भाई भी, कातिल के पक्ष में खड़ा हो गया? क्या सानिफ के परिवार ने उन्हें डराया-धमकाया था? या फिर पैसों का कोई खेल हुआ था?

सानिफ ने अपनी गर्लफ्रेंड सिमरन की हत्या क्यों की? सभी गवाहों के पलटने के बाद क्या पुलिस कोर्ट में उसे कातिल साबित कर पाएगी? या सबूतों के अभाव में सानिफ कानून के शिकंजे से बच निकलेगा?

जानने के लिए पढ़िए, क्राइम फाइल्स का अगला अंक…



Source link