सहालग का सीजन इन दिनों जोरों पर है। ऐसे में शादी में दक्षिणा व रंक माला आदि में देने के लिए करारे नोटों की जोरदार मांग है। एक ओर जहां आम नागरिकों को 10, 20 व 50 रुपए के नोटों की गड्डी बैंकों से नहीं मिल पा रही हैं। वहीं छोटे नोटों की बड़े पैमाने पर क
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वहीं 20 रुपए की गड्डी के बदले 200 से 300 रुपए ज्यादा और 50 रुपए की गड्डी 100 से लेकर 200 रुपए ज्यादा में खुलेआम बिक रही है। महाराज बाड़ा समेत कई अन्य स्थानों पर करेंसी बेचने का यह धंधा खुलेआम चल रहा है। बाड़ा स्थित स्टेट बैंक के सामने कटे-फटे व पुराने नोट बदलने का कारोबार दशकों से हो रहा है।
गौर करने वाली बात यह है कि जिन फटे पुराने नोटों को बैंक कर्मचारी लेने से मना कर देते हैं, जबकि उन्हीं नोटों को दलाल कमीशन (बट्टा) लेकर बदल देते हैं। साथ ही करारे नोट की गड्डी भी बैंक कर्मचारियों से मिलकर निकाल लाते हैं। भास्कर रिपोर्टर ने ऐसे ही नोटों की गड्डी का स्टिंग किया, जिसमें दलाल और कर्मचारियों की मिलीभगत का खुलासा हुआ।
- सेंट्रल बैंक जयेंद्रगंज: मैनेजर बोला-नहीं मिलेगी, रोज लेने आते हैं कई लोग
भास्कर संवाददाता जयेंद्रगंज स्थित सेंट्रल बैंक में 10, 20 व 50 रुपए की गड्डी के लिए कैशयर से मिला। यहां कैशियर ने नए नोटों की गड्डी देने से मना कर दिया। बैंक मैनेजर अजय यादव से जब मदद मांगी तो उन्होंने कहा कि जब आरबीआई से मिलेगी तभी मिलेगी। मैनेजर से जब घर में शादी की बात की तो उन्होंने कहा कि मेरे पास ऐसे 100 लोग आते हैं, मैं गड्डी के लिए किस-किस के लिए कैशियर से कहूंगा। अंत में रिपोर्टर ने पूछा कि करारे नहीं तो साफ नोट की गड्डी ही दिलवा दो, तो उन्होंने नोटों की गड्डी देने से साफ इनकार कर दिया।
- सेंट्रल बैंक जयेंद्रगंज: मैनेजर बोला-नहीं मिलेगी, रोज लेने आते हैं कई लोग
भास्कर संवाददाता जयेंद्रगंज स्थित सेंट्रल बैंक में 10, 20 व 50 रुपए की गड्डी के लिए कैशयर से मिला। यहां कैशियर ने नए नोटों की गड्डी देने से मना कर दिया। बैंक मैनेजर अजय यादव से जब मदद मांगी तो उन्होंने कहा कि जब आरबीआई से मिलेगी तभी मिलेगी। मैनेजर से जब घर में शादी की बात की तो उन्होंने कहा कि मेरे पास ऐसे 100 लोग आते हैं, मैं गड्डी के लिए किस-किस के लिए कैशियर से कहूंगा। अंत में रिपोर्टर ने पूछा कि करारे नहीं तो साफ नोट की गड्डी ही दिलवा दो, तो उन्होंने नोटों की गड्डी देने से साफ इनकार कर दिया।
- पीएनबी नया बाजार: 20 की गड्डी आई है, लेकिन मिलेगी अगले सप्ताह
यहां ब्रांच में कैशियर ने पुराने व फटे नोटों की मिक्स गड्डी होना बताया। जब उनसे आग्रह किया कि क्या बिना फटे नोट निकालकर दे सकते हैं, पुराने भी चलेंगे। तो कर्मचारी ने मना कर दिया। बैंक मैनेजर राजकुमार के यहां आग्रह लेकर पहुंचे, तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि ‘पीएनबी में 20 की गड्डी आ तो गई है, लेकिन वह अगले सप्ताह में ही उपलब्ध हो पाएगी।’ हालांकि मैनेजर ने 50 रुपए की गड्डी तत्काल उपलब्ध कराने की बात कही। उन्हें बताया गया कि हमारे यहां 28 नवंबर की शादी है, जल्दी गड्डी चाहिए, फिर भी उन्होंने एक सप्ताह में ही गड्डी उपलब्ध कराने की बात कही।
- बाड़ा: 1000 रुपए की गड्डी के 1500 रेट, सौदा 1450 में हुआ तय
महाराज बाड़ा पर स्थित फटे नोटों को बदलने वालों के यहां भास्कर रिपोर्टर पहुंचा। जहां उसने काउंटर लगाए दलाल से 10 रुपए के नोट की 2 गड्डी मांगी। पहले तो दलाल ने नए नोटों की गड्डी होने से इनकार कर दिया। मगर जब उससे कहा कि घर में शादी है, बहुत जरूरत है, तो दलाल ने दो गड्डियों (2 हजार रुपए) के लिए 3 हजार रुपए की मांग की। मोलभाव करने पर 1450 रुपए प्रति गड्डी में सौदा तय हुआ। पैसे पहले जमा करने के कुछ देर बाद नए नोटों की गड्डी देने की बात दलाल ने कही।
एक्सपर्ट – आशीष पारख, वरिष्ठ चार्टेड एकाउंटेंट
अंकित मूल्य से अधिक पर करेंसी बेचना गैर कानूनी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नियमावली के अनुसार, वर्तमान प्रचलन के छोटे मूल्य के बैंक नोटों को उनके अंकित मूल्य से अधिक कीमत (ब्लैक) में बेचना गैरकानूनी है। भारतीय मुद्रा कानूनी निविदा है और इसका मूल्य वही होता है जो उस पर छपा होता है। प्रचलन वाले नोटों को प्रीमियम पर बेचना कालाबाजारी माना जाता है, जिससे बाजार में मुद्रा की कृत्रिम कमी पैदा होती है। आम तौर पर, प्रचलन वाले नोटों की कालाबाजारी से बचना चाहिए, यह एक गंभीर अनियमितता है, एवं अपराध है।
बैंकों पर हैं 10 के नोट, पता करती हूं क्या परेशानी है ^बैंकों के पास छोटी करेंसी उपलब्ध है। आप किस ब्रांच की बात कर रहे हैं, हमें बताएं। मैं पता करती हूं क्या परेशानी है। बाहर कालाबाजारी हो रही है, उसके लिए मैं कुछ नहीं कह सकती। 10 के नोटों की गड्डी सभी बैंक में होना चाहिए, दीपावली पर भी 10 की गड्डियां बांटी गई हैं। – अमिता शर्मा, लीड बैंक मैनेजर