ABVP का मंत्री के घर पर प्रदर्शन: RGPV में करोड़ों की गड़बड़ियों की CBI जांच, धारा-54 लगाने और विश्वविद्यालय सरकारी नियंत्रण में लेने की मांग – Bhopal News

ABVP का मंत्री के घर पर प्रदर्शन:  RGPV में करोड़ों की गड़बड़ियों की CBI जांच, धारा-54 लगाने और विश्वविद्यालय सरकारी नियंत्रण में लेने की मांग – Bhopal News


राज्य के सबसे बड़े तकनीकी विश्वविद्यालय RGPV में आर्थिक और प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोप नए मोड़ पर पहुंच गए हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने सोमवार को तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंहर परमार के बंगले का घेराव कर भारी विरोध दर्ज कराया।

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इसके बाद शाम को उन्हें एक विस्तृत पत्र सौंपकर विश्वविद्यालय की कथित वित्तीय गड़बड़ियों की CBI जांच की मांग की। ABVP का दावा है कि 2019-20 से 2023-24 तक की ऑडिट रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन ने जानबूझकर छिपाकर रखी है। इससे करोड़ों रुपए की गड़बड़ियों की आशंका है।

ABVP ने तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के बंगले का घेराव कर भारी विरोध दर्ज कराया।

छात्र संगठन ने आरोप लगाया कि फाइनेंशियल रिकॉर्ड गायब हैं, एफडी बिना रिकॉर्ड तोड़ी गईं, कोष में पेनल्टी काटी गई लेकिन जवाबदेही तय नहीं हुई और यहां तक कि करीब 100 करोड़ रुपए का कॉरपस फंड तक संदिग्ध अवस्था में है।

ABVP ने साफ कहा है कि जब तक कार्रवाई नहीं होती, उनका आंदोलन अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा। संगठन ने VIT भोपाल में गंभीर अनियमितताओं के चलते विश्वविद्यालय को सरकार द्वारा तत्काल अधिगृहीत करने की भी मांग की है। प्रदर्शन के बाद ABVP का प्रतिनिधिमंडल मंत्री को विस्तृत ज्ञापन सौंपेगा।

ABVP की ओर से लगाए गए आरोप

  • RGPV में छात्रों के हित में खर्च होने वाले कोष का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हुआ है।
  • बिना अधिकृत आदेश के बड़े वित्तीय लेन-देन हुए, बैंक खातों का सही रिकॉर्ड नहीं रखा गया।
  • कई एफडी बिना रिकॉर्ड के संचालित की गईं, समय से पहले तोड़ी गईं और खातों में दर्ज नहीं हैं।
  • बैंक ने मनमाने ढंग से पेनल्टी काटी, लेकिन विश्वविद्यालय ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई।
  • करीब 100 करोड़ से अधिक का कॉरपस फंड विश्वविद्यालय के पास मौजूद न होने की जानकारी सामने आई।
  • विश्वविद्यालय में इंटरनल कंट्रोल, वित्तीय निगरानी और ऑपरेशन गाइडलाइन लगभग शून्य रही।

तकनीकी विश्वविद्यालय अपने मूल उद्देश्य से भटकता ABVP प्रांत मंत्री केतन चतुर्वेदी ने कहा कि उपरोक्त सभी पॉइंट साफ संकेत देते हैं कि विश्वविद्यालय में वर्षों से संगठित तरीके से आर्थिक गड़बड़ियां की और छुपाई जा रही हैं। छात्रों का मानना है कि यदि ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक हो जाए तो कई बड़े नाम और जिम्मेदार चेहरे सामने आ सकते हैं। यही कारण है कि पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच आवश्यक है।

उन्होंने यह भी कहा कि RGPV का वातावरण सिर्फ आर्थिक गड़बड़ियों से ही नहीं, बल्कि अकादमिक अव्यवस्था से भी जूझ रहा है। परीक्षाओं में देरी, रिजल्ट की अनियमितता और छात्रों की शिकायतों का समाधान न हो पाना आम बात हो चुकी है। इस स्थिति में प्रदेश का सबसे बड़ा तकनीकी विश्वविद्यालय अपने मूल उद्देश्य से भटकता दिखाई दे रहा है।

ABVP ने मांग की कि RGPV में धारा 54 लागू करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को तुरंत राज्य सरकार के नियंत्रण में लिया जाए। संगठन ने विश्वविद्यालय को तीन क्षेत्रों में विभाजित करने की पुराने समय से चली आ रही मांग को भी दोहराया, ताकि प्रशासनिक दबाव कम हो और संचालन व्यवस्थित तरीके से हो सके।

VIT भोपाल को लेकर भी गंभीर आरोप RGPV के अलावा ABVP ने VIT भोपाल में भी प्रशासनिक अराजकता का आरोप लगाया है। संगठन के नेताओं ने कहा कि लंबे समय से खराब भोजन, दूषित पेयजल और अन्य अव्यवस्थाओं की शिकायतें मिल रही थीं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन्हें नजरअंदाज किया।

एबीवीपी के कार्यकर्ता मंत्री के बंगले पर प्रदर्शन करते हुए।

एबीवीपी के कार्यकर्ता मंत्री के बंगले पर प्रदर्शन करते हुए।

इस दौरान छात्रों द्वारा किए गए शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाने के लिए उन पर मारपीट, धमकी और परीक्षा में फेल करने की चेतावनी जैसे कदम उठाए गए। ABVP ने इसे तानाशाह रवैया बताया है। संगठन ने यह भी कहा कि कई छात्रों की तबीयत खराब भोजन और दूषित पानी से बिगड़ी, जो किसी भी संस्थान के लिए बेहद गंभीर मामला है।



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