जबलपुर के अंजुमन इस्लामिया स्कूल में गुरुवार को कुछ बच्चे स्कूल आने में लेट हो गए, तो उन्हें आधे घंटे तक क्लास के बाहर बालकनी के पास खड़ा रखा गया। मामला जब बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा जबलपुर तक पहुंचा तो उन्होंने स्कूल संचालक की कार्यशैली का विरोध करते
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10 मिनट हुई थी लेट
अंजुमन इस्लामिया स्कूल सुबह 8 बजे से लगता है। कक्षा 4 में पढ़ने वाली तीन छात्राएं और 1 छात्र 10 मिनट क्लास देरी से पहुंचीं थी, तो उन्हें यह कहकर बाहर कर दिया गया कि वे लेट हो गई हैं।
करीब आधे घंटे तक हाथ ऊपर खड़े रहे बच्चे।
बीजेपी नेता बोले- बच्चियां गिर जाती तो जिम्मेदारी किसकी होती?
मुज्जमिल अली का कहना है कि गुरुवार को स्कूल में जो वाकया देखा गया, वह चौंकाने वाला था। मासूम बच्चों को छोटी बालकनी में लगभग आधे घंटे तक हाथ ऊपर कर खड़ा रखा गया। उन्होंने बताया कि तीन लड़कियों और एक लड़के को लेट आने और क्लास में वर्क पूरा न करने पर टीचर साबिया ने यह सजा दी। भाजपा नेता का कहना है कि अगर बच्चे गलती से नीचे गिर जाते तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होती?
उन्होंने बताया कि हाल ही में इसी स्कूल में पढ़ाई के दौरान एक क्लास में चलता हुआ पंखा गिर गया था, जिससे एक छात्र का सिर फट गया था। उस समय भी परिजनों ने विरोध किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मुज्जमिल अली ने कहा कि स्कूल में मासूम बच्चों के साथ हुई यह घटना बेहद निंदनीय है। स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जल्द ही भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल डीईओ से मुलाकात कर शिकायत देगा।
पहले भी सुर्खियों में था अंजुमन स्कूल
करीब एक माह पहले जबलपुर के मालवीय चौक स्थित अंजुमन इस्लामिया इंग्लिश मीडियम स्कूल ने एक आदेश जारी किया था, जिसकी हर तरफ निंदा हुई थी। आदेश में कहा गया था कि सत्र 2025-26 से स्कूल शुक्रवार को बंद रहेगा और रविवार को खुलेगा। यह मैसेज बच्चों के पैरेंट्स को भेजा गया था। मैनेजमेंट का कहना था कि जुमे की नमाज के कारण बच्चे स्कूल नहीं आते, इसलिए शुक्रवार को छुट्टी रखने का निर्णय लिया गया।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने इस आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए कड़ा विरोध जताया था। जिला शिक्षा अधिकारी को जानकारी मिलने पर टीम स्कूल पहुंची और गेट पर लगे ताले तुड़वाए गए। इसके बाद अंजुमन इस्लामिया बोर्ड ने शुक्रवार की छुट्टी और रविवार को स्कूल लगाने का आदेश निरस्त कर दिया।
शिक्षा विभाग ने कहा- जांच की जा रही
जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी का कहना है कि किसी भी छात्र को अगर सजा दी जाती है, तो वह दायरे में होनी चाहिए। यदि सजा के दौरान किसी भी अनहोनी की आशंका होती है, तो ऐसी सजा गलत है। डीईओ का कहना है कि जांच करवाई जा रही है कि आखिर ऐसी क्या स्थिति बनी कि बच्चों को इस तरह सजा देने की जरूरत पड़ी।
अंजुमन इस्लामिया स्कूल के अध्यक्ष अन्नू अनवर का कहना है कि वीडियो सोशल मीडिया पर देखा गया है। कुछ बच्चे हाथ ऊपर उठाकर खड़े दिखाई दे रहे हैं, यह उनके संज्ञान में आया है। जानकारी जुटाई जा रही है कि आखिर क्या परिस्थिति बनी कि बच्चों को बालकनी में खड़ा कर सजा दी गई।
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अंजुमन इस्लामिया स्कूल का फरमान- शुक्रवार छुट्टी, रविवार स्कूल

जबलपुर के मालवीय चौक स्थित अंजुमन इस्लामिया इंग्लिश मीडियम स्कूल ने एक नया आदेश जारी किया। इसमें कहा गया कि नए सत्र 2025-26 से स्कूल शुक्रवार को बंद रहेगा और रविवार को खुलेगा। पूरी खबर पढ़ें…