मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा का चेहरा तेजी से बदल रहा है। डिजिटल लर्निंग को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने अब तक लाखों शिक्षकों और हजारों स्कूलों को आधुनिक तकनीक से लैस कर दिया है। टैबलेट वितरण से लेकर रोबोटिक्स लैब और अटल टिकटिंग लैब तक, राज्य में डिजिट
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नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप डिजिटल शिक्षा, व्यवसायिक पाठ्यक्रम और छात्रों के करियर मार्गदर्शन को प्राथमिकता दी जा रही है। इन पहलों से न केवल शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ी है, बल्कि छात्रों की तकनीक, नवाचार और कौशल विकास की क्षमताएं भी मजबूत हुई हैं।
डिजिटल क्लासरूम को बढ़ावा
राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने डिजिटल शिक्षण को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर शिक्षकों को डिजिटल उपकरण प्रदान किए हैं। प्राथमिक और माध्यमिक शासकीय विद्यालयों के 2 लाख 43 हजार शिक्षकों को टैबलेट दिए गए, जबकि सरकारी हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों के 44 हजार शिक्षकों को भी टैबलेट उपलब्ध कराए गए हैं।
इनमें डिजिटल कंटेंट, शिक्षण-संबंधी ऐप और छात्र-शिक्षक इंटरफेस की सुविधाएं मौजूद हैं, जिनका उपयोग शिक्षक कक्षा में स्मार्ट टीचिंग के लिए कर रहे हैं। टैबलेट के प्रयोग से छात्रों की सीखने की गति बढ़ी है और शिक्षण अधिक प्रभावी व रोचक बना है।
52 रोबोटिक्स लैब की क्षमता
प्रदेश ने डिजिटल शिक्षा के साथ तकनीकी नवाचार को भी गति दी है। इसी के तहत राज्य के 52 सांदीपनि विद्यालयों में रोबोटिक्स लैब स्थापित की गई हैं, जहां बच्चे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेंसर टेक्नोलॉजी और रोबोट निर्माण जैसी आधुनिक तकनीक सीख रहे हैं।
साल 2024-25 में विभाग ने 458 पीएम श्री स्कूलों में अटल टिकरिंग लैब (ATL) विकसित की हैं। ये लैब बच्चों में प्रयोगात्मक शिक्षा, डिजाइन थिंकिंग और इनोवेशन की क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। डिजिटल मॉडल, 3D प्रिंटिंग और इलेक्ट्रॉनिक किट के माध्यम से छात्र वास्तविक समस्याओं के समाधान बनाना सीख रहे हैं।
जनशिक्षा केंद्र हाई-परफॉर्मेंस डिजिटल सिस्टम से लैस प्रदेश के 3063 जनशिक्षा केंद्रों में 100% डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। हर केंद्र में हाई-परफॉर्मेंस पीसी, प्रिंटर और यूपीएस सिस्टम उपलब्ध हैं ताकि किसी भी स्थिति में शिक्षण गतिविधि बाधित न हो। इससे विभिन्न शैक्षणिक योजनाओं की मॉनिटरिंग, ऑनलाइन प्रशिक्षण और छात्र डेटा प्रबंधन सुचारू रूप से हो रहा है।
इसके साथ ही विज्ञान और गणित विषयों के डिजिटल ई-कंटेंट भी उपलब्ध कराए गए हैं, जिन्हें छात्र आसान भाषा और 3D विज़ुअल मॉडल के साथ समझ पा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यह डिजिटल पहुंच शिक्षा की गुणवत्ता में बड़ा बदलाव ला रही है।
व्यवसायिक शिक्षा के 17 ट्रेड, 6 लाख छात्रों का नामांकन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में व्यवसायिक शिक्षा को प्रमुख स्थान दिया गया है। इसी दिशा में मध्यप्रदेश के 3367 सरकारी स्कूलों में व्यवसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम लागू किया गया है। कुल 17 व्यवसायिक ट्रेड मंजूर किए गए हैं, जिनमें रिटेल, आईटी, स्वास्थ्य, इलेक्ट्रिकल, फाइनेंस और एग्रीकल्चर शामिल हैं।
पिछले वर्ष कक्षा 9 से 12 तक 4 लाख से अधिक छात्रों का नामांकन था, जबकि इस वर्ष यह संख्या बढ़कर करीब 6 लाख हो गई है। केवल पिछले दो वर्षों में 690 सरकारी विद्यालयों में कृषि ट्रेड शुरू किए गए हैं, जिससे ग्रामीण छात्रों को सीधे रोजगार आधारित शिक्षा मिल रही है।
2 लाख छात्रों को मिला कॅरियर मार्गदर्शन सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को सही अवसरों की दिशा दिखाने के लिए शिक्षा विभाग ने इस साल करियर सप्ताह आयोजित किया। इसमें 4311 शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के 2 लाख विद्यार्थी शामिल हुए। विशेषज्ञों ने छात्रों को यह समझाया कि कौन सा विषय किस करियर में मदद करता है, किस क्षेत्र में नौकरी की संभावनाएं बढ़ रही हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कैसे करनी चाहिए।
इससे छात्रों में भविष्य को लेकर स्पष्टता आई है और कई ने अपने रुचि-आधारित करियर चुनने शुरू किए हैं। विभाग इस कार्यक्रम को हर वर्ष आयोजित करने की दिशा में विचार कर रहा है।