टीम इंडिया के लिए हर फॉर्मेट में अलग-अलग कोच होना चाहिए? क्या है कपिल की राय

टीम इंडिया के लिए हर फॉर्मेट में अलग-अलग कोच होना चाहिए? क्या है कपिल की राय


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Kapil Dev on Team India Split Coaching: कपिल देव ने अलग अलग कोच रखने के मामले में गेंद बीसीसीआई के पाले में डाल दिया. उन्होंने कहा कि बीसीसीआई को कोचिंग का वही तरीका अपनाना चाहिए जो भारतीय क्रिकेट के लिए सबसे अच्छा हो. वर्तमान में विश्व की कई ऐसी टीमें हैं जहां अलग अलग फॉर्मेट के लिए अलग अलग कोच हैं.

कपिल देव हर फॉर्मेट में अलग अलग कोच के सपोर्ट में नहीं हैं.

नई दिल्ली. कपिल देव टीम इंडिया के लिए हर फॉर्मेट में अलग-अलग कोच रखने के पक्ष में नहीं हैं. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने घर में टेस्ट सीरीज 0-2 से हार के बाद टीम इंडिया के लिए हर फॉर्मेट में अलग अलग कोच रखने की आवाजें उठने लगी है. इस मामले में जब कपिल देव से पूछा गया तो उन्होंने अलग प्रारूप के अलग कोच रखने के विचार का समर्थन नहीं किया और कहा कि बीसीसीआई को कोचिंग का वही तरीका अपनाना चाहिए जो भारतीय क्रिकेट के लिए सबसे अच्छा हो.

भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव (Kapil Dev) से जब पूछा गया कि क्या भारतीय टीम के घरेलू मैदान पर टेस्ट में हार के सिलसिले को खत्म करने के लिए लाल गेंद और सफेद गेंद के प्रारूप के लिए अलग-अलग कोच कारगर हो सकते हैं तो कपिल ने कहा, ‘मुझे नहीं पता. मैं इसका जवाब नहीं दे सकता. आपको सोचना होगा कि क्या होना चाहिए. जो भी क्रिकेट के लिए अच्छा हो, मुझे लगता है कि उन्हें वही करना चाहिए.’ भारतीय टीम को 1983 विश्व कप दिलाने वाले कप्तान कपिल ने इस बात को खारिज कर दिया कि सोशल मीडिया के जमाने में उनके खेलने के दिनों के मुकाबले एथलीट बनना ज्यादा मुश्किल है.

कपिल देव हर फॉर्मेट में अलग अलग कोच के सपोर्ट में नहीं हैं.

‘हर किसी को पैसा पसंद है’
उन्होंने कहा, ‘नहीं, यह हमेशा एक जैसा ही होता है. तब भी मुश्किल था, अब भी मुश्किल है. तब भी आसान था और अब भी आसान है. आपकी सोच ज्यादा जरूरी है.’ जब उनसे पूछा गया कि क्या टी20 लीग के बढ़ते वित्तीय आकर्षण ने राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व को पीछे छोड़ दिया है तो कपिल ने कहा कि हर खिलाड़ी अपनी प्राथमिकताओं को अलग तरह से देखता है. उन्होंने कहा, ‘हर किसी को पैसा पसंद है, लेकिन कुछ खिलाड़ियों को लगता है कि यह बहुत जरूरी है. मुझे अब भी लगता है कि इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने से ज्यादा जरूरी भारत के लिए खेलना है. लेकिन हर कोई अलग होता है, उनकी अपनी सोच है. उन्हें शुभकामनाएं.’

‘आखिर में आप गोल्फ का मजा लेते हैं’
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें कोई खास प्रारूप पसंद है तो कपिल ने कहा कि उन्हें खेल के सभी प्रारूपों में मजा आता है. उन्होंने कहा, ‘मुझे बस क्रिकेट पसंद है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि दो गेंदों का क्रिकेट हो या 100 गेंदों का या 100 ओवर का या 10 ओवर का. क्रिकेट तो क्रिकेट है. गोल्फ तो गोल्फ है, आप कोई भी प्रारूप खेलें. आखिर में आप गोल्फ का मजा लेते हैं.’ पीजीटीआई अध्यक्ष ने विराट कोहली और रोहित शर्मा के प्रदर्शन के बारे में पूछने पर मजाकिया अंदाज में टिप्पणी की, ‘उन्हें शुभकामनाएं, उन्हें गोल्फ भी खेलना चाहिए.’

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Kamlesh Raiचीफ सब एडिटर

करीब 15 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई. खेलों में खासकर क्रिकेट, बैडमिंटन, बॉक्सिंग और कुश्ती में दिलचस्पी. IPL, कॉमनवेल्थ गेम्स और प्रो रेसलिंग लीग इवेंट्स कवर किए हैं. फरवरी 2022 से…और पढ़ें

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