Aaron George Cricketer: एसीसी मेंस अंडर-19 एशिया कप में रविवार (14 दिसंबर) को पाकिस्तान के खिलाफ भारत के बल्लेबाज एरॉन जॉर्ज ने जबरदस्त बल्लेबाजी की. जॉर्ज ने सधी हुई पारी खेली और दुबई में एक मुश्किल पिच पर 85 रन बनाए. 19 साल के जॉर्ज शतक से चूक गए, लेकिन 88 गेंद की पारी में उन्होंने भारत की अंडर-19 बैटिंग लाइन-अप को ढहने से बचा दिया.
पाकिस्तान को जमकर कूटा
भारत ने अपने जाने-माने बड़े हिटर वैभव सूर्यवंशी (5) और कप्तान आयुष म्हात्रे (38) को जल्दी खो दिया था. यहां से जॉर्ज ने मोर्चा संभाला और उन्होंने पाकिस्तानी बॉलिंग अटैक के खिलाफ अनुशासन के साथ बल्लेबाजी की. जॉर्ज ने 12 चौके और 1 छक्का लगाया. जॉर्ज ने पहले आयुष म्हात्रे के साथ 49 रन जोड़े और फिर पांचवें विकेट के लिए अभिज्ञान कुंडू के साथ 60 रन की अहम पार्टनरशिप की. इस पार्टनरशिप ने भारत को 113 रन पर चार विकेट गंवाने के बाद संभलने में मदद की.
संजू सैमसन हो रही तुलना
वैभव सूर्यवंशी या आयुष म्हात्रे के उलट जॉर्ज ने तेजी से रन बनाने पर भरोसा नहीं किया. इसके बजाय उन्होंने संयम के साथ बल्लेबाजी की. सोशल मीडिया पर जल्द ही फैंस ने जॉर्ज के स्ट्रोकप्ले और संजू सैमसन के स्ट्रोकप्ले के बीच तुलना की. वह सैमसन की तरह ही बिना किसी खतरे वाले शॉट की जगह सही टाइमिंग से बॉल को मारने में भरोसा रखते हैं.जॉर्ज पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला शतक नहीं बना पाए, लेकिन यह टूर्नामेंट में उनका लगातार दूसरा पचास से ज्यादा का स्कोर था. इससे पहले उन्होंने UAE के खिलाफ भारत के टूर्नामेंट के पहले मैच में 73 गेंदों पर 69 रन की तेज पारी खेली थी.
वीनू मांकड़ ट्रॉफी में दिखाया था कमाल
केरल में जन्मे हैदराबाद के जॉर्ज ने उस टीम की कप्तानी की जिसने वीनू मांकड़ ट्रॉफी जीती. यह राज्य के घरेलू सिल्वरवेयर के सीमित इतिहास को देखते हुए एक बड़ी उपलब्धि है. हैदराबाद की जीत ने एक बड़े एज-ग्रुप टाइटल के लिए 38 साल का इंतजार खत्म किया. लगातार रन बनाने वाले जॉर्ज ने वीनू मांकड़ ट्रॉफी के पिछले दो सीजन में 341 और 373 रन बनाए, जिससे वह अंडर-19 लेवल पर हैदराबाद के सबसे भरोसेमंद बैटर बन गएय. उनकी लीडरशिप की काबिलियत तब और सामने आई जब उन्हें इस साल की शुरुआत में बेंगलुरु में बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में अंडर-19 ट्रायंगुलर सीरीज के लिए इंडिया-बी का कैप्टन बनाया गया.
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पिता का सपना नहीं हुआ था पूरा
जॉर्ज की तरक्की के पीछे उनके परिवार का मजबूत सपोर्ट है. उनके पिता ईसो वर्गीस खुद क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन सपोर्ट की कमी के कारण वे इस खेल में आगे नहीं बढ़ पाए द हिंदू के मुताबिक, ईसो ने पुलिस में काम करने से पहले लीग क्रिकेट खेला और बाद में अपने बेटे के विकास को प्राथमिकता देते हुए कॉर्पोरेट सेक्टर में चले गए. एरॉन जॉर्ज को टेबल टेनिस और बास्केटबॉल खेलना पसंद है. वह एबी डिविलियर्स को अपना आदर्श मानते हैं.
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बिहार के खिलाफ ठोका था तिहरा शतक
जॉर्ज 2022-23 सीजन में विजय मर्चेंट ट्रॉफी के बाद से ही सिलेक्टर्स की नजर में हैं. उन्होंने बिहार के खिलाफ नाबाद 303 रन बनाए थे. इस पारी ने हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन में काफी ध्यान खींचा था. तब से उनकी तरक्की में अचानक उछाल के बजाय लगातार सुधार देखने को मिला है. एशिया कप में पहले ही दो बड़े योगदान के साथ जॉर्ज ने भारत के सबसे भरोसेमंद अंडर-19 बल्लेबाजों में से एक के रूप में अपनी दावेदारी मजबूत कर ली है. हालांकि पाकिस्तान के खिलाफ शतक नहीं बना पाए, लेकिन उनकी पारी ने एक बार फिर एक ऐसे खिलाड़ी को दिखाया जो दबाव झेल सकता है और गहरी बल्लेबाजी कर सकता है.