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Women Success Story: इंदौर की स्वाति नामदेव कई बड़ी कंपनियों में कंपनी सेक्रेटरी के पद पर रह चुकी हैं. लेकिन, खुद के बिजनेस के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ी और फ्रूट प्रोसेसिंग यूनिट शुरू कर दी. आज उनकी खुद की फैक्ट्री भी खड़ी हो गई है. जानें कहानी…
Indore News: इंदौर की स्वाति नामदेव की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं. उन्होंने अपनी लाखों की कंपनी सेक्रेटरी की नौकरी छोड़कर खुद का ऑर्गेनिक फ्रूट जैम और स्क्वैश स्टार्टअप शुरू किया. अब ना केवल वह सफल हैं, बल्कि इसका विस्तार करते हुए फूड प्रोसेसिंग यूनिट भी डाल रही हैं. स्वाति पैशन फ्रूट से जूस और स्क्वैश बना रही हैं. इस फल में अनेकों फायदे हैं. स्वाद को देखते हुए इसे कृष्ण फल के रूप में भी जाना जाता है.
बताते हैं कि पैशन फ्रूट में सभी फलों का मिला-जुला स्वाद है. कभी यह आपको आम जैसा लगेगा, कभी पपीते की तरह तो कभी पाइनएप्पल की तरह. पैशन फ्रूट आपको बाजार में या मंदिरों में नहीं मिलेगा, केवल ऑनलाइन ही मिलेगा. इसका कारण है कि मध्य भारत में इसे नहीं उगाया जाता. यह अधिकतर उत्तर पूर्व के राज्यों में होता है. ऑनलाइन भी इसकी कीमत 700 रुपये किलो तक होती है.
कितना फायदेमंद है यह फल?
कृष्णा फल (पैशन फ्रूट) एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, विटामिन A और C से भरपूर होता है. इस वजह से यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है. संक्रमण से लड़ने में मदद करता है. शरीर को डिटॉक्स करता है. डायबिटीज के मरीजों के लिए इसमें मौजूद उच्च गुणवत्ता वाले फाइबर मददगार होते हैं. इसमें मौजूद पोटैशियम हार्ट की सेहत को तंदुरुस्त सकता है. वहीं मैग्नीशियम तनाव चिंता को कम करने में मदद करता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं. कैंसर का खतरा कम कर सकते हैं.
ऐसे हुई फ्रूजेस्टा की शुरुआत
स्वाति ने बताया, वह टाटा समेत कई बड़ी कंपनियों में बतौर कंपनी सेक्रेटरी काम कर चुकी हैं. लेकिन, वह शुरू से ही कुछ अपना करना चाहती थीं. इतने लंबे समय से इंडस्ट्रीज में काम करते हुए उन्हें मैन्युफैक्चरिंग का अच्छा अनुभव था. वो फूड प्रोसेसिंग में कुछ करना चाहती थी. खासकर कृषि सेक्टर में, ताकि लागत भी काम हो और कुछ अच्छा कर सकें. इसके लिए लंबे समय से कुछ ढूंढ रही थीं. 2022 में उन्होंने एक जमीन भी खरीदी थी. उन्हें अपने ही खेत में उगाया गया पैशन फ्रूट मिला, जिसे मध्य भारत में कोई नहीं उगाता था. इसका स्वाद भी लजीज था. तब ही स्वाति ने तय कर दिया था कि उन्हें इसकी प्रोसेसिंग कर इसका व्यापार करना है. रिसर्च की तो पता चला कि हर 6 महीने में इसकी फसल होती है और इसे कंट्रोल्ड PH में इंदौर में भी उगाया जा सकता है.
स्वाति खुद भी कमा रहीं, किसानों को भी काम
इसके बाद बिना देरी उन्होंने इस पर काम शुरू कर दिया. इसका जैम, स्क्वैश, काढ़ा, जूस आदि बना कर बेचा. यहां तक कि वह फल भी बेचती हैं. उनकी योजना है कि इसे मंदिरों में भी रखा जाए, ताकि ज्यादा लोगों तक यह पहुंच सके. अपने अनुभव के आधार पर स्वाति को पता था कि अगर इसे बड़ा करना है तो बिना प्रोसेसिंग यूनिट की संभव नहीं है. उन्होंने सरकार से मदद ली और अब उनकी एक प्रोसेस यूनिट भी बनकर तैयार है. स्वाति न केवल अपने पैशन को फॉलो कर रही हैं, बल्कि एक सेहतमंद और पूरी तरह ऑर्गेनिक ज्यूस लोगों को उपलब्ध करा रही हैं साथ ही कईं किसानों को रोजगार भी दे रही हैं.
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एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें