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मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान भोजपुर थाना क्षेत्र के ग्राम छतरपुरा का एक पूरा परिवार अपनी जमीन पर अवैध कब्जे और दबंगों की धमकियों से त्रस्त होकर कलेक्ट्रेट जनसुनवाई कक्ष के मुख्य मार्ग पर धरने पर बैठ गया। बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी, भाई और चार छोटे-छोटे बच्चों के साथ युवक बीरम पुत्र गोपीलाल तंवर ने जनसुनवाई में जाने वाले वाहनों को रोकते हुए अपनी पीड़ा हर आने-जाने वाले को सुनाई और अधिकारियों तक बात पहुंचाने की गुहार लगाई।
परिवार मंगलवार सुबह करीब 11.30 बजे जनसुनवाई कक्ष के पहले सड़क पर धरने पर बैठ गया और करीब चार घंटे तक वहीं डटा रहा। इस दौरान वे लगातार यह कहते रहे कि गांव में दबंगों ने जमीन छीन ली, उनके डर से वे अपने घर में नहीं रह पा रहे हैं और पिछले छह दिनों से गांव के बाहर जंगल में शरण लेने को मजबूर हैं। हैरानी की बात यह रही कि दोपहर तक न तो कोई अधिकारी और न ही कोई कर्मचारी उनसे मिलने पहुंचा।
धरने पर बैठे बीरम तंवर ने बताया कि ग्राम छतरपुरा में उनकी निजी भूमि पर गांव के कुछ दबंगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। इस मामले में न्यायालय से उनके पक्ष में निर्णय भी हो चुका है। न्यायालय के आदेश के बाद नायब तहसीलदार भोजपुर द्वारा टीम भी गठित की गई, लेकिन आज तक उन्हें जमीन पर कब्जा नहीं दिलाया गया। आरोप है कि कुछ दिन पहले कब्जाधारियों ने उनके साथ मारपीट कर उन्हें गांव से भगा दिया। इसकी सूचना भोजपुर पुलिस को भी दी गई, लेकिन वहां से भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। धरने पर मौजूद बुजुर्ग गोपीलाल, उनकी पत्नी भंवरीबाई, बीरम और उसके भाई अमरचंद तंवर ने बताया कि गांव के बीरम, मुकेश, रमेश, रतन, जगदीश सहित अन्य लोगों ने उनकी जमीन पर कब्जा कर रखा है। परिवार सहित जंगल में रहने को मजबूर है।
^छतरपुर के ग्रामीणों के विवाद के संबंध में सूचना मिली थी। जिस पर जांच और कार्रवाई की है। जमीन पर कब्जा दिलवाने या वहां से कब्जा हटाने के हमें निर्देश नहीं है। जैसे निर्देश मिलेंगे कार्रवाई करेंगे। -मनीष शर्मा, थाना प्रभारी, भोजपुर
^छतरपुरा के ग्रामीणों की जमीन से जुड़े प्रकरण की जानकारी है। बुधवार को स्वयं मौके पर जाकर स्थिति देखी जाएगी और नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। -रणबीर सिंह मीणा, नायब तहसीलदार भोजपुर