हरदा में आज (21 दिसंबर) से होने वाले करणी सेना के जनक्रांति आंदोलन को लेकर प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए हैं। आंदोलन जिला मुख्यालय स्थित नेहरू स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से पूरे शहर में कड़ी निगरानी और
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प्रशासन ने जिले में पांच स्तरीय पुलिस सुरक्षा व्यवस्था लागू की है। यह व्यवस्था आंदोलन स्थल से लेकर जिले के सभी प्रवेश और निकास मार्गों तक प्रभावी रहेगी। बाहर से बुलाए गए पुलिस बल के ठहराव के लिए शहर की करीब 30 होटल और धर्मशालाओं को प्रशासन ने अपने नियंत्रण में लिया है।
आंदोलन से एक दिन पहले शनिवार शाम पुलिस में मार्च किया।
1500 पुलिसकर्मी तैनात, ड्रोन-CCTV से निगरानी सुरक्षा व्यवस्था में लगभग 1500 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इसमें 10 जिलों का पुलिस बल, विशेष सशस्त्र बल (SAF) की कई कंपनियां, क्यूआरएफ, एसटीएफ और यातायात पुलिस शामिल हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में वरिष्ठ अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं।
सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए संवेदनशील इलाकों में हाईटेक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके साथ ही ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की जाएगी। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त 1500 पुलिसकर्मी रिजर्व में रखे गए हैं, जबकि आसपास के जिलों में भी अतिरिक्त बल को अलर्ट पर रखा गया है।
आंदोलन स्थल के आसपास बैरिकेडिंग, रूट डायवर्जन, पिकेट, पेट्रोलिंग और यातायात प्रबंधन की व्यवस्था की गई है। आम नागरिकों से यातायात निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है। किसी भी असुविधा की स्थिति में यातायात थाना के हेल्पलाइन नंबर 07577-222104 पर संपर्क किया जा सकता है।
करणी सेना की तैयारियां तेज उधर, करणी सेना भी नेहरू स्टेडियम में आंदोलन को लेकर तैयारियों में जुटी हुई है। संगठन के अनुसार, यह आंदोलन बीते पांच महीनों से लंबित मांगों और घटनाओं के विरोध में आयोजित किया जा रहा है।
यह है पूरा मामला… मामले की जड़ ग्राम केलनपुर निवासी आशीष राजपूत से जुड़ी है, जिनसे हीरे के नाम पर धोखाधड़ी की गई थी। पुलिस ने आरोपियों को इंदौर से हरदा लाकर कोर्ट में पेश करने की तैयारी की थी। इसी दौरान करणी सेना के कुछ कार्यकर्ताओं ने आरोपियों को पुलिस से अपने हवाले करने की मांग की थी।
स्थिति तनावपूर्ण होने पर सिटी कोतवाली के सामने हल्का बल प्रयोग किया गया। इसके बाद कलेक्टर बंगले के पास धरना शुरू हुआ। अगले दिन पुलिस ने आंसू गैस, वाटर कैनन और लाठीचार्ज किया, जिसमें करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवनसिंह शेरपुर सहित करीब 40 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इस दौरान राजपूत छात्रावास परिसर में भी कार्रवाई हुई थी।
18 लाख रुपए के हीरे की ठगी का मामला यह मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है। पीड़ित आशीष राजपूत ने विक्की उर्फ विकास लोधी, मोहित वर्मा और उमेश तपानिया के खिलाफ 18 लाख रुपए की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। आशीष ने पंडित की सलाह पर 1.52 कैरेट का हीरा खरीदने का निर्णय लिया था।
मोहित वर्मा ने इंदौर में उमेश तपानिया से परिचय कराया और आनंद ज्वेलर्स से हीरा जांच कर सौदा तय हुआ। इसके बदले नकद 16.79 लाख रुपए और दो ट्रांजैक्शन में 70 हजार रुपए दिए गए। कुछ समय बाद आरोपियों ने हीरे की कीमत बढ़ने का हवाला देकर दोबारा संपर्क किया और इंदौर से मुंबई ले जाकर नकली हीरा थमा दिया। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
21 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन इन्हीं घटनाओं के विरोध और 21 सूत्रीय मांगों को लेकर करणी सेना अब जनक्रांति आंदोलन के जरिए शक्ति प्रदर्शन करने जा रही है। जिनमें न्यायिक जांच, दर्ज प्रकरणों की वापसी, आरक्षण और भर्ती प्रक्रिया में सुधार, आर्थिक आधार पर आरक्षण, किसानों की समस्याएं, बिजली बिल, स्मार्ट मीटर, शिक्षा, रोजगार, महिला सुरक्षा, गौ संरक्षण, पूर्व सैनिकों और मीडियाकर्मियों से जुड़े मुद्दे शामिल हैं।
शेरपुर बोले- मांगे पूरी होने तक आंदोलन करेंगे अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवनसिंह शेरपुर हरदा पहुंचे। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। जीवनसिंह शेरपुर ने स्पष्ट किया कि आंदोलन में किसी भी प्रकार का पड़ाव या विराम नहीं होता।
आंदोलन को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि जब हम नेताओं को चुनकर सदन में भेजते हैं और वे वहां आमजन की आवाज नहीं उठाते, तो ऐसे में आम युवाओं को सड़कों पर उतरकर अपनी आवाज बुलंद करनी पड़ती है।
देर शाम से करणी सेना से जुड़े लोग हरदा प्रदर्शनस्थल पहुंचना शुरू हो गए। देखिए तस्वीरें…



