Veerangana Rani Durgavati Tiger Reserve: सर्दी का मौसम और नए साल का मौका, जंगल सफारी को बेहद यादगार बना सकता है. बात मध्य प्रदेश के सबसे बड़े और उभरते वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व (नौरादेही टाइगर रिजर्व) है. वैसे तो यह टाइगर रिजर्व तीन जिलों की सीमाओं में फैला है, जो सागर, दमोह और नरसिंहपुर एरिया में आता है. विंध्य पर्वत की श्रृंखलाओं पर मौजूद यह जंगल 6 लाख एकड़ में पसरा है, जिसमें पहाड़, चट्टानें, नदियां, झरने, तालाब के मनोरम दृश्य हैं.
यहां इतने जानवर
टाइगर सफारी में कई दशकों से भारतीय भेड़ियों का सबसे बड़ा प्राकृतिक आवास भी है. तेंदुओं की बसाहट है. अब यह क्षेत्र बाघों के लिए भी जाना जाता है. आने वाले समय में चीते भी फर्राटा भरेंगे. भालू, हाथी, नीलगाय, हिरण, चीतल, चिंकारा काले हिरण, जंगली बिल्ली, मगरमच्छ, कछुआ जैसे कई तरह के वन्य प्राणियों का बसेरा यहां है.
250 प्रजाति के पक्षी भी
वाइड लाइफ प्रेमी जब टाइगर रिजर्व में पहुंचते हैं तब हर तरह के पशु-पक्षी, जीव-जंतु को देखकर रोमांचित होते हैं. प्रकृति प्रेमियों के लिए यह धरती का खूबसूरत स्वर्ग है. यहां विलुप्तप्राय गिद्धों के अलावा 250 प्रजाति के पक्षी देखने को मिलते हैं. सर्दियों में प्रवासी पक्षियों का भी डेरा जमा है, जो हिमालय यूरोप जैसी जगहों से आए हैं.
इतने का फैमिली पैकेज
इस टाइगर रिजर्व में घूमने के लिए अब ई-बुकिंग भी शुरू हो गई है. अगर आप फैमिली के साथ घूमने के लिए आना चाहते हैं तो तीन दिन का पैकेज 10,000 रुपए में बन जाता है. इसमें रहना, खाना, घूमना रहता है. अब जंगल में होम स्टे और रिसॉर्ट की भी सुविधा मिलने लगी है. यहां नए साल को देसी अंदाज में जंगल के बीच गुजारकर यादगार बना सकते हैं.
कमरा, जीप, गाइड का इतना खर्च
टाइगर रिजर्व में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से टिकट बुक होती है. इसका चार्ज 250 रुपए प्रति व्यक्ति लगता है. यहां रुकने के लिए सरकारी रेस्ट हाउस हैं, जहां एक का डेढ़ हजार में रूम मिल जाता है. जंगल सफारी करने के लिए खुली जिप्सी का चार्ज ₹2000 एक चक्कर का है, जो 40 किलोमीटर तक जंगल में घूमती है. इस गाड़ी में छह लोग सवार हो सकते हैं. अगर जंगल से रूबरू होने के लिए गाइड लेना चाहते हैं तो उसका चार्ज भी 300 रुपये है.
अधिक पर्यटक आने की उम्मीद
टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. एए अंसारी ने बताया, न्यू ईयर के समय सबसे ज्यादा रोमांच प्रवासी पक्षियों का होता है, तो यहां की तालाब में खूब दिखाई देते हैं. पिछले कुछ साल से लगातार टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा देखने को मिला है. इस बार भी उम्मीद है कि पिछले साल से अधिक पर्यटक आएंगे.
यहां ऐसे पहुंचें
रेलवे: नौरादेही टाइगर रिजर्व तक पहुंचाने के लिए रेलवे से भी बेहतर कनेक्टिविटी है. सागर रेलवे स्टेशन, पथरिया रेलवे स्टेशन, दमोह रेलवे स्टेशन और जबलपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर बस या फोर व्हीलर के माध्यम से आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है. इन सभी स्टेशन से 60 से 80 किलोमीटर की दूरी पर टाइगर रिजर्व है.
हाईवे: अगर आप किराए की फोर व्हीलर या खुद के वाहन से आते हैं तो भी यहां पर रोड की बेहतर कनेक्टिविटी है. यह टाइगर रिजर्व स्टेट हाईवे 45, स्टेट हाईवे 146, नेशनल हाईवे 86 से भी कनेक्ट है. जहां बहुत कम समय में सागर, दमोह, कटनी, जबलपुर, रायसेन, विदिशा, भोपाल से होते हुए पहुंच सकते हैं.
प्लेन: अगर हवाई मार्ग की बात करें तो जबलपुर एयरपोर्ट से टाइगर रिजर्व पहुंचा जा सकता है. दूसरा सागर की ढाणा हवाई पट्टी पर भी हेलीकॉप्टर लैंडिंग की सुविधा है.