बौना विवाद पर तेम्बा बावुमा ने तोड़ दी अपनी चुप्पी, जसप्रीत बुमराह के बर्ताव को लेकर दिया सनसनीखेज रिएक्शन

बौना विवाद पर तेम्बा बावुमा ने तोड़ दी अपनी चुप्पी, जसप्रीत बुमराह के बर्ताव को लेकर दिया सनसनीखेज रिएक्शन


‘बौना’ विवाद को लेकर साउथ अफ्रीका के कप्तान तेम्बा बावुमा ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है, जो क्रिकेट फैंस को हैरान करके रख देगा. तेम्बा बावुमा ने खुलासा है कि इस साल नवंबर में कोलकाता के ईडन गार्डन्स मैदान पर खेले गए पहले टेस्ट मैच के दौरान ‘बौना’ कमेंट करने के बाद जसप्रीत बुमराह और ऋषभ पंत ने उनसे माफी मांगी थी. बता दें कि इस साल नवंबर में साउथ अफ्रीका ने भारत दौरे पर दो मैचों की टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया को उसी के मैदान पर 2-0 से हराया था.

‘बौना’ विवाद पर तेम्बा बावुमा ने तोड़ दी अपनी चुप्पी

तेम्बा बावुमा ने कहा कि वह मैदान पर कही गई बातों को नहीं भूलते और उसे मोटिवेशन के तौर पर इस्तेमाल करते हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय खिलाड़ियों से उनका कोई मनमुटाव नहीं है. तेम्बा बावुमा ने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ के लिए अपने एक कॉलम में लिखा, ‘मुझे पता है कि मेरी तरफ से एक घटना हुई थी, जिसमें उन्होंने अपनी भाषा में मेरे बारे में कुछ कहा था. दिन के आखिर में भारत के दो सीनियर खिलाड़ी ऋषभ पंत और जसप्रीत बुमराह, मेरे पास आए और उन्होंने माफी मांगी. जब माफी मांगी गई, तो मुझे पता नहीं था कि यह किस बारे में थी, मैंने उस समय यह सुना नहीं था और मुझे इसके बारे में अपने मीडिया मैनेजर से बात करनी पड़ी.’

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जसप्रीत बुमराह के बर्ताव को लेकर दिया सनसनीखेज रिएक्शन

तेम्बा बावुमा ने कहा, ‘मैदान पर जो होता है, वह मैदान पर ही रह जाता है, लेकिन कही गई बातों को आप भूलते नहीं हैं. आप इसे फ्यूल और मोटिवेशन के तौर पर इस्तेमाल करते हैं, लेकिन असल में कोई दुश्मनी नहीं होती.’ तेम्बा बावुमा ने अपने हेड कोच शुक्री कोनराड की ‘ग्रोवेल’ टिप्पणी पर भी बात कही है. तेम्बा बावुमा के मुताबिक कोच शुक्री कोनराड प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ‘ग्रोवेल’ शब्द का इस्तेमाल करने से बच सकते थे, जिससे काफी हंगामा हुआ. शुक्री कोनराड ने बाद में इस टिप्पणी के लिए माफी मांगी और कहा कि बात को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया.

‘ग्रोवेल’ टिप्पणी पर भी मचा था बवाल

तेम्बा बावुमा ने कहा, ‘शु्क्री को भी अपनी ‘ग्रोवेल’ टिप्पणी के लिए कुछ आलोचना झेलनी पड़ी. उस तरफ मीडिया ने मुझ पर दबाव डाला. जब मैंने पहली बार इसके बारे में सुना, तो इसका स्वाद अच्छा नहीं लगा, लेकिन मुझे लगता है कि इसने मुझे याद दिलाया कि टेस्ट सीरीज कितनी मुश्किल और कॉम्पिटिटिव थी और इसका क्या मतलब था.’ तेम्बा बावुमा ने कहा, ‘शु्क्री ने वनडे सीरीज के बाद बात की और उस मुद्दे को खत्म कर दिया. बाद में उन्होंने कहा कि वह बेहतर शब्द चुन सकते थे और मैं उनसे सहमत हूं.’

‘जख्मों को फिर से न खोलें’

भारत में शानदार टेस्ट सीरीज जीत पर तेम्बा बावुमा ने कहा कि उन्हें पता था कि सीरीज मुश्किल होगी. तेम्बा बावुमा ने कहा, ‘आप इसे इस तरह से मानना ​​नहीं चाहते, लेकिन कुछ जख्म ऐसे होते हैं जो अभी भी रहते हैं. आप बस उम्मीद करते हैं कि आप उन जख्मों को फिर से न खोलें या उन पलों को फिर से न जिएं. मानसिक तौर पर ऐसा था, लेकिन पिछले अनुभव से भी, आपको पता होता है कि यह कितना मुश्किल होने वाला है.’



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