महिला किसानों का प्रयोग सफल, खंडवा में होगी सिंदूर की खेती, जर्मनी की कंपनी खरीदेगी फसल, इतनी होगी कमाई

महिला किसानों का प्रयोग सफल, खंडवा में होगी सिंदूर की खेती, जर्मनी की कंपनी खरीदेगी फसल, इतनी होगी कमाई


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Khandwa News: खंडवा मध्य प्रदेश का पहला जिला बनेगा जहां महिला स्व सहायता समूह सिंदूर की खेती करेंगे, जर्मनी की कंपनी फसल खरीदेगी, जिससे किसानों को अंतरराष्ट्रीय पहचान और अच्छा मुनाफा मिलेगा.

Khandwa News: मध्य प्रदेश का खंडवा जिला अब एक नई पहचान बनाने जा रहा है. खंडवा प्रदेश का पहला ऐसा जिला बनने जा रहा है, जहां पर सिंदूर की खेती बड़े स्तर पर की जाएगी. यह सफलता महिला किसानों के किए गए सफल प्रयोगों के बाद मिली है. पंधाना ब्लॉक के ग्राम जलकुआं में महिला स्व सहायता समूहों द्वारा यह अनोखा प्रयोग किया गया, जो अब मिसाल बन रहा है.

जानकारी के अनुसार, जिले में करीब दो लाख सिंदूर के पौधे रोपे जाएंगे. इन पौधों से तैयार होने वाली सिंदूर की फसल को जर्मनी की एक कंपनी खरीदेगी, जो इसका उपयोग फूड कलर बनाने में करेगी. खंडवा जिला पंचायत विभाग की पहल पर महिला स्व सहायता समूहों को इस कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट दिलवाया गया है, जिससे किसानों को फसल बेचने की कोई चिंता नहीं रहेगी.

इतनी होगी कमाई 
इस खेती की खास बात ये कि एक एकड़ में करीब 1.50 लाख रुपये की लागत आती है, जबकि सालभर में 9 लाख रुपये तक की कमाई संभव है. ग्राम जलकुआं स्थित महिला स्व सहायता समूहों द्वारा संचालित कृषि नमामि संस्थान सिंदूर की फार्मिंग करने वाली मध्य प्रदेश की पहली संस्था बनेगी.

पहले किया गया प्रयोग 
खंडवा जिला पंचायत सीईओ डॉ. नागार्जुन बी गौड़ा बताते हैं कि जलकुआं क्षेत्र में पहले सिंदूर के दो-तीन पौधे लगाकर प्रयोग किया गया था. प्रयोग पूरी तरह सफल रहा और एक पौधे से जितना उत्पादन अपेक्षित था, उतना उत्पादन मिला. इसके बाद ही जिले में इसे बड़े स्तर पर करने का निर्णय लिया गया. उन्होंने बताया कि सिंदूर की मांग देश-विदेश में है और भारत में अभी इसका आयात अन्य देशों से होता है.

जर्मनी से मिला था ऑफर
Local 18 से बातचीत में सुनील जैन बताते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और खेती में हो रहे नए नवाचार देश की तरक्की का रास्ता खोलते हैं. उन्होंने कहा कि खंडवा की महिलाएं अब खेती में भी नए आयाम स्थापित कर रही हैं. सिंदूर की खेती का ऑफर जर्मनी से मिलना जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है. इससे न सिर्फ महिलाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि खंडवा जिले की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनेगी. साथ ही अन्य किसान भी इस खेती को सीखकर तरक्की की राह पकड़ सकते हैं

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Rishi mishra

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें

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महिला किसानों का प्रयोग सफल, यहां होगी सिंदूर की खेती, जर्मनी की कंपनी खरीदेगी



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