भोपाल. मध्य प्रदेश साइबर पुलिस और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मेटा (Meta) अब साथ मिलकर आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए काम कर रहे है. अगर कोई व्यक्ति आत्महत्या से जुड़ा स्टेटस या लाइव वीडियो सोशल मीडिया पर डालता है, तो मेटा फौरन पुलिस को अलर्ट भेजेगा. इस तकनीक की मदद से पुलिस को समय रहते मौके पर पहुंचकर जान बचाने का मौका मिलेगा. पुलिस का दावा है कि ऐसे केस सामने आए हैं, जब तकनीक और पुलिस की मुस्तैदी से लोगों की जान बचाने में कामयाबी मिली है. सोशल मीडिया पर लोग आमतौर पर अपनी हर तरह की भावनाएं जाहिर कर रहे हैं. गम हो या खुशी दोनों का इजहार यहां जमकर होता है. यही वजह है कि लाइव सुसाइड, सोशल मीडिया पोस्ट/ स्टेटस डालकर आत्महत्या के ट्रेंड ने भी जोर पकड़ा है.
ऐसे मामलो में मेटा का पुलिस को भेजा गया अलर्ट अब जान बचाने का मौका बन रहा है. साइबर एसपी प्रणय नागवंशी ने बताया कि इसके लिए हमने एक डेडीकेटेड नोडल ऑफिसर और टीम बना दी है जो इस तरह का कोई भी अलर्ट मिलते ही फौरन स्थानीय थाने को सूचित करती है. मेटा से मिली लोकेशन पर हमारी टीम पहुंचकर पीड़ित को बचाती है.
अनसुना महसूस कर रहे लोग
टेक्नोलॉजी की मदद से सुसाइड के मामलों को रोकने के कदम की सराहना मनोचिकित्सक भी कर रहे हैं. डॉक्टर सत्यकान्त त्रिवेदी का कहना है कि लोग आजकल अपने आप को अनसुना महसूस कर रहे हैं. सुसाइड के दौरान कोई भी व्यक्ति काफी भावुक होता है और वह चाहता है कि उसको सुना जाए, इसलिए वह सोशल मीडिया का सहारा लेता है. यही वजह है कि लाइव सुसाइड, सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर आत्महत्या करने के मामलों में इजाफा हुआ है.
यह टेक्नोलॉजी ऐसे करती है काम
सोशल साइट पर सेड पोस्ट/लाइव वीडियो डलते ही मेटा हो जाता है अलर्ट
टेक्नोलॉजी की मदद से ट्रेस करता है प्रोफाइल की लोकेशन
ट्रैकिंग के बाद बहुत कम समय में सायबर सेल को भेजा जाता है अलर्ट
अलर्ट मिलते ही साइबर सेल की टीम तुरंत सक्रिय हो जाती है
इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर बचा सकती है जान
लाइव सुसाइड के कुछ बड़े मामले
रीवा (मध्य प्रदेश), 16 मार्च 2025: मेहरा गांव के 27 वर्षीय शिवप्रकाश त्रिपाठी ने इंस्टाग्राम पर लाइव आत्महत्या की. उन्होंने वीडियो में अपनी पत्नी और सास पर मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए थे.
खंडवा (मध्य प्रदेश): एक बीजेपी नेता ने आत्महत्या से पहले तीन वीडियो रिकॉर्ड किए और सोशल मीडिया पर डाले, जिसमें उन्होंने अपने कष्ट और आत्महत्या का कारण बताया. ये वीडियो वायरल हो गए, लेकिन समय रहते मदद नहीं मिल सकी.
रोहतक (हरियाणा): एक व्यक्ति ने पत्नी और उसके प्रेमी पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर वीडियो पोस्ट किया और फिर आत्महत्या कर ली. यह दर्शाता है कि आत्महत्या से पहले सोशल मीडिया पर दर्द साझा करना एक सामान्य प्रवृत्ति बनती जा रही है.
सोलन हिमाचल प्रदेश से ताजा मामला सामने या है. यहां 19 वर्षीय युवती ने फेसबुक पर डेढ़ घंटे तक लाइव रहकर आत्महत्या की. उसने कमरे के पंखे से चुन्नी से फांसी लगाई. दुर्भाग्यवश, समय पर मदद नहीं मिल पाई.
तकनीक ने बचाई जान
मध्य प्रदेश के सिंगरौली में इसी तरह के एक मामले में तकनीक की मदद से सुसाइड रोकने में पुलिस को कामयाबी मिली. एक नाबालिग लड़की ने इंस्टाग्राम पर आत्महत्या का प्रयास लाइव किया. मेटा की टीम ने समय रहते अलर्ट भेजा, जिससे पुलिस 15 मिनट में पहुंच गई और लड़की की जान बचा ली गई. इससे साफ है कि टेक्नोलॉजी के जरिए आत्महत्या की घटनाओं में कमी आ सकती है. अगर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और सुरक्षा एजेंसियां मिलकर समय पर कदम उठाएं, तो अनेकों जिंदगियां बचाई जा सकती है.