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Baba Mahakal Ujjain News: उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण-भाद्रपद मास की तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस बार भगवान महाकाल चांदी की नई पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण करेंगे. यह पालकी एक साल पहले भिलाई के एक भक्त ने गुप्त दान में दी थी.
विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दरबार में सावन-भादो मास की तैयारी शुरू हो चुकी है. भगवान महाकाल के स्वागत के लिए भक्त अभी से तैयारी में जुट गए हैं. इस बार महाकालेश्वर मंदिर समिति ने भी भगवान महाकाल के नगर भ्रमण की तैयारी कर ली है.

इस बार यह सवारी एक ऐसे श्रद्धालु के लिए खास होने वाली है, जिन्होंने सालभर पहले मंदिर में ऐसा गुप्त दान दिया, जो अब पूरा उज्जैन शहर देखेगा. बाबा महाकाल इसपर बैठेंगे और नगर के भ्रमण पर निकलेंगे.

दरअसल इस बार बाबा महाकाल चांदी की नई पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण करेंगे. यह पालकी एक साल पहले भिलाई के एक भक्त ने गुप्त दान में दी थी. पिछले साल की पालकी को पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने अनफिट घोषित किया था. इसके बाद मंदिर समिति ने नवंबर 2024 में गुप्त दान में मिली नई पालकी के उपयोग का निर्णय लिया.

चांदी की इस पालकी को उज्जैन में 100 दिनों में तैयार किया गया. इसमें सागौन की लकड़ी और स्टील के पाइप का उपयोग भी किया गया है. पालकी पर 20 किलो 600 ग्राम चांदी का आवरण है.

100 किलो वजनी पालकी की लंबाई 17 फीट है. यह तीन फीट चौड़ी और पांच फीट लंबी है. पालकी को उठाने वाले हत्थे पर सिंह मुख की आकृति बनाई गई है. चांदी के आवरण पर सूर्य, स्वास्तिक, कमल पुष्प और दो शेरों की नक्काशी की गई है.

सावन-भादो मास में रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन करने मंदिर पहुंचते हैं. अवंतिका नगरी के लिए सावन-भादो मास का वह पल सुहाना हो जाता है, जब उनके आराध्य भगवान महाकाल अपना मंदिर परिसर छोड़ भक्तों को दर्शन देने मंदिर परिसर से बाहर आते हैं.

बाबा महाकाल की एक झलक पाने को भक्त आतुर रहते हैं. उज्जैन के राजा की सवारी सोमवार 4 बजे मंदिर परिसर से निकलती है, जो कि शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए भक्तों को दर्शन देती है. बाबा महाकाल के भक्तों को इसका बेसब्री से इंतजार रहता है.

बाबा महाकाल अपने भक्तों को श्रावण-भाद्रपद मास में 6 सवारियों में अलग-अलग स्वरूप में दर्शन देंगे. पहली सवारी 14 जुलाई को निकलेगी. इसके बाद 21 जुलाई, 28 जुलाई, 4 अगस्त, 11 अगस्त और अंतिम राजसी सवारी 18 अगस्त को निकलेगी. मंदिर प्रशासन ने दर्शन व्यवस्था और सवारी की तैयारियां शुरू कर दी हैं.