सीधी जिले के जनपद पंचायत सिहावल के ग्राम अमहवा में एक दुर्लभ कॉमन सेंड बोआ सांप मिला। स्थानीय भाषा में इसे मिट्टी वाला सांप कहा जाता है। गुरुवार सुबह 8 बजे ग्राम निवासी संतलाल गुप्ता के घर में यह सांप दिखाई दिया।
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वन विभाग को सूचना मिलते ही कंट्रोल रूम प्रभारी पंकज मिश्रा मौके पर पहुंचे। उन्होंने दोपहर 1:30 बजे तक सांप को सुरक्षित रेस्क्यू कर नजदीकी जंगल में छोड़ दिया।
पंकज मिश्रा के अनुसार यह सांप सीधी जिले में सबसे अधिक पाया जाता है। यह अधिकतर समय मिट्टी के नीचे या जंगली क्षेत्र में रहता है। यह सांप जहरीला नहीं होता और न ही इंसानों पर हमला करता है। हालांकि आत्मरक्षा में यह अपनी पूंछ या सिर से आंखों की तरफ वार कर सकता है।
इस सांप का भोजन छोटे पक्षी, गिलहरियां, पक्षियों के अंडे और छोटे जानवर हैं। यह धीमी गति से चलता है और रात में सक्रिय रहता है। विशेषज्ञों के अनुसार यह बिना छेड़े किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता।
वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि ऐसे सांप दिखने पर न घबराएं। इसकी जानकारी तुरंत विभाग को दें ताकि उसे सुरक्षित उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ा जा सके।
रेड सेंड बोआ के बारे में
- यह सांप भारत के अलावा ईरान और पाकिस्तान में पाया जाता है।
- यह सांप रेतीली मिट्टी में पाया जाता है। इसका मुंह और पूंछ एक-सी दिखाई देती है, इसलिए इसे दो मुंहा सांप भी कहते हैं।
- यह सांप अंधविश्वास के चलते मारा जा रहा है। तांत्रिक लोग इसे तंत्र-तंत्र के लिए मारते हैं।
- चीन में भ्रम है कि इसका मांस खाने से सेक्स पावर बढ़ता है, जबकि इन सब बातों से इसका कोई लेना-देना नहीं है।
