महिला और बाल अधिकारों को लेकर राजगढ़ में दो दिन तक युवाओं की विशेष ट्रेनिंग हुई। कलेक्टर सभा कक्ष में शनिवार को खत्म हुई इस वर्कशॉप में युवाओं को बाल विवाह, लिंग भेद, महिला हिंसा और बच्चों की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर प्रशिक्षित किया गया।
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यह वर्कशॉप महिला एवं बाल विकास विभाग के मिशन शक्ति अभियान के तहत आयोजित हुई। शौर्य दल के मास्टर ट्रेनर्स को गांवों में जाकर इन विषयों पर लोगों को जागरूक करना है।
अब गांव-गांव जाकर करेंगे संवाद वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक रश्मि चौहान ने बताया कि शौर्य दल सदस्य न सिर्फ इन मुद्दों पर बात करेंगे, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर पुलिस, प्रशासन और संबंधित विभागों से मदद लेकर आगे भी बढ़ेंगे।
दो दिन तक युवाओं की विशेष ट्रेनिंग हुई।
‘बाल विवाह को लेकर सोच बदलना जरूरी’ यूनिसेफ से लखन मकवाना ने कहा कि बाल विवाह सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि बालिकाओं के भविष्य पर असर डालने वाला गंभीर सामाजिक मुद्दा है। इसके लिए शिक्षा और सोच दोनों में बदलाव ज़रूरी है।
युवाओं ने ली शपथ
प्रशिक्षक कल्पना भंडारी ने बताया कि मुश्किल हालात में कैसे खुद को बचाया जाए, इसके लिए युवाओं को आत्मरक्षा के आसान लेकिन असरदार तरीके सिखाए गए।
वर्कशॉप के आखिर में सभी प्रतिभागियों ने शपथ ली कि वे अपने-अपने गांवों में बाल विवाह को रोकने और महिलाओं-बालिकाओं के हक में आवाज उठाने का काम करेंगे।