मोहर्रम पर MP में दो तस्वीरें: उज्जैन में बवाल, उमरिया में सौहार्द्र से भरा जुलूस

मोहर्रम पर MP में दो तस्वीरें: उज्जैन में बवाल, उमरिया में सौहार्द्र से भरा जुलूस


भोपाल/उज्जैन. मोहर्रम के मौके पर मध्यप्रदेश के कई जिलों में सोमवार को ताजिए निकाले गए. अधिकतर स्थानों पर यह मातमी पर्व शांति और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ, लेकिन उज्जैन में माहौल कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गया. शहर के फव्वारा चौक इलाके में ताजिया जुलूस के दौरान अचानक हंगामा हो गया, जिससे पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. इस घटना में कुछ लोगों को मामूली चोटें आईं, हालांकि किसी बड़े नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है. प्रदेश में बाकी सभी शहरों में मुस्लिम समाज ने मातमी जुलूस निकाले.

उज्‍जैन में घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तत्काल मोर्चा संभाला और भीड़ को तितर-बितर किया. चश्मदीदों के अनुसार, जुलूस में शामिल कुछ लोगों के बीच धक्का-मुक्की हुई, जिससे अफरातफरी मच गई. इसी दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. उज्जैन एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि हालात अब पूरी तरह नियंत्रण में हैं और CCTV फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. शहर में अतिरिक्त बल तैनात किया गया है और फ्लैग मार्च भी निकाला गया.

कई जिलों में धारा 144 लागू की गई
प्रशासन पहले से ही अलर्ट पर था, क्योंकि इस बार मोहर्रम सावन माह में पड़ने के चलते भीड़ ज्यादा होने की आशंका थी. राज्य सरकार के निर्देश पर कई जिलों में धारा 144 लागू की गई थी. गृह विभाग ने सभी जिलों को सतर्क रहने और सोशल मीडिया की सख्त मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं. किसी भी भड़काऊ पोस्ट या अफवाह फैलाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

उज्जैन में बवाल और लाठीचार्ज : फव्वारा चौक क्षेत्र में मोहर्रम जुलूस के दौरान भीड़ के बेकाबू होने पर माहौल बिगड़ा. पुलिस ने पहले समझाइश दी, लेकिन बात नहीं बनी तो हल्का बल प्रयोग किया. कुछ लोग घायल हुए. एसपी ने उपद्रवियों पर कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए. शहर में फ्लैग मार्च और अतिरिक्त बल की तैनाती की गई.

उमरिया में सौहार्द और परंपरा की मिसाल : यहां मोहर्रम केवल मुस्लिम पर्व नहीं बल्कि सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है. दो सौ वर्षों से बाबा हुजूर की सवारी हिंदू ठाकुर परिवार को आती है. हजारों लोग मुराद मांगने पहुंचते हैं. गंगा-जमुनी तहजीब का उत्कृष्ट उदाहरण, जहां दोनों समुदाय मिलकर आयोजन करते हैं.

हरदा में पारंपरिक मातम जुलूस : शिया समुदाय ने पारंपरिक तरीके से सीनाजनी करते हुए जुलूस निकाला. प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए. स्थानीय लोगों ने यातायात व्यवस्था में सहयोग किया. मोहर्रम को लेकर श्रद्धा और अनुशासन दोनों देखने को मिले.

भोपाल में सांस्कृतिक रंग के साथ जुलूस : राजधानी में काली ताजिया के साथ विशाल जुलूस निकाला गया. हजारों लोग शरीक हुए. इतवारा, बुधवारा और ऐशबाग क्षेत्रों में ताजियों की सजावट और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने आयोजन को खास बनाया. सुरक्षा के व्यापक प्रबंध रहे.

इंदौर में शांतिपूर्ण आयोजन, चाक-चौबंद सुरक्षा : मल्हारगंज, नंदानगर और छावनी में ताजिए निकाले गए. अलम और मातम कार्यक्रम भी हुए. प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों की निगरानी कर व्यवस्थाएं चुस्त रखीं. शांतिपूर्ण आयोजन से साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम हुई.



Source link