मध्यप्रदेश में जमकर बरस रहा मानसून अब आफत बनने लगा है। पूर्वी हिस्से जैसे- जबलपुर, रीवा, शहडोल-सागर के साथ ग्वालियर संभाग के कई जिलों में बाढ़ के हालात है। बुधवार को नरसिंहपुर में 3 बच्चे नदी में डूब गए, जबकि शिवपुरी में बाइक और बैतूल में फोर व्हीलर ब
.
प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से तेज बारिश का दौर चल रहा है। मंडला, नरसिंहपुर, उमरिया, शिवपुरी समेत कई जिलों में बाढ़ की स्थिति है। मंडला में नर्मदा खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। इसके चलते पुल-पुलियाओं के ऊपर से पानी बह रहा है और रास्ते बंद हो गए हैं। बुधवार को नरसिंहपुर में विपतपुरा गांव में तीन बच्चे नदी में डूब गए। शिवपुरी में गूगरीपुरा गांव के रपटे को पार करने के दौरान बाइक बहने लगी। इस पर सवार तीनों युवक पानी में आ गिरे। एक युवक बाइक समेत बह गया। हालांकि, कुछ देर बाद वह तैरकर बाहर आ गया। बैतूल के बीजादेही थाना क्षेत्र में बोलेरो मोरड नदी में बह गई। ग्रामीणों ने ड्राइवर और गाड़ी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
दमोह में 9 घंटे में गिरा 4 इंच पानी प्रदेश में बुधवार को भी तेज बारिश का दौर जारी रहा। 30 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। दमोह में 9 घंटे के दौरान करीब 4 इंच पानी गिर गया। शिवपुरी में 3 इंच, छतरपुर के नौगांव-सतना में 1.8 इंच और सीधी में पौन इंच बारिश हुई। बैतूल, दतिया, इंदौर, छिंदवाड़ा, जबलपुर, खजुराहो, रीवा, सागर, उमरिया, बालाघाट, कटनी, मैहर, टीकमगढ़, सीहोर, अशोकनगर, विदिशा, मुरैना में भी बारिश का दौर चलता रहा। भोपाल में दिन में आसमान साफ रहा, लेकिन रात में हल्की बारिश हुई। प्रदेश के कई जिलों में मौसम का मिजाज बदला रहा।
बुधवार को प्रदेश में हुई बारिश की तस्वीरें…

नरसिंहपुर में तीन बच्चे नदी में डूब गए। दो के शव SDERF ने निकाले।

बैतूल में बोलेरो नदी में बह गई। ग्रामीणों ने ड्राइवर और गाड़ी को सुरक्षित बाहर निकाला।

शिवपुरी में रपटे को पार कर रहे तीन युवक बहने लगे। बड़ी मुश्किल से बाहर निकल पाए।

मंडला में नर्मदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा। इससे घाट भी डूब गए।
14 जिलों में 24 घंटे में गिर सकता है 8 इंच पानी मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को जबलपुर, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, दमोह, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर में अति भारी बारिश होने का अलर्ट है। इन जिलों में 24 घंटे में 8 इंच तक पानी गिरने की संभावना है।
वहीं, ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर, विदिशा, सीहोर, रायसेन, सागर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, कटनी, सतना, मैहर, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में भारी बारिश का अलर्ट है। यहां अगले 24 घंटे के दौरान ढाई से साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है।
तीन सिस्टम का असर सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश में दो ट्रफ का असर है। वहीं, साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम भी एक्टिव है। इन वजहों से अति भारी या भारी बारिश हो रही है। लो प्रेशर एरिया (कम दवाब का क्षेत्र) की एक्टिविटी अगले कुछ दिन में देखने को मिलेगी। इससे बारिश का दौर जारी रहेगा।
मालवा-निमाड़ भी भीगेगा मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार दिन यानी, 13 जुलाई तक प्रदेश के ज्यादातर हिस्से में तेज बारिश का दौर रहेगा। 12 जुलाई को मालवा-निमाड़ यानी, इंदौर और उज्जैन संभाग में भी तेज बारिश होने का अनुमान है। इस मानसून इन दोनों संभागों में कम बारिश हुई है।
11 और 12 जुलाई को ऐसा रहेगा मौसम का हाल…


इस बार एक दिन ही लेट पहुंचा मानसून बता दें कि इस बार देश में मानसून 8 दिन पहले ही आ गया था। वहीं, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में यह तय समय से पहले पहुंच गया। ऐसे में अनुमान था कि मध्यप्रदेश में यह जून के पहले सप्ताह में ही आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछले 15 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा रहा।
इस वजह से एमपी में इसकी एंट्री नहीं हो पाई। 13-14 जून को मानसून आगे बढ़ा। बावजूद यह प्रदेश में 1 दिन लेट 16 जून को पहुंचा। हालांकि, 5 दिन में ही मानसून ने पूरे प्रदेश को कवर कर लिया।
एमपी में इतना रहा तापमान…


10 साल में बारिश का ट्रेंड, पहले भोपाल के बारे में जानिए भोपाल में जुलाई में खूब बारिश होती है। यहां एक ही महीने में 1031.4 मिमी यानी 41 इंच के करीब बारिश होने का रिकॉर्ड है। यह साल 1986 में हुई थी। 22 जुलाई 1973 को एक ही दिन में 11 इंच बारिश हुई थी, जो अब तक का रिकॉर्ड है। साल 2024 में पूरे जुलाई महीने में 15.70 इंच बारिश हुई थी।
भोपाल में जुलाई महीने में एवरेज 15 दिन बारिश होती है यानी हर दूसरे दिन पानी बरसता है। महीने की एवरेज बारिश 367.7 मिमी यानी 14.4 इंच है। बारिश के चलते दिन का तापमान 30 और रात में पारा 25 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है।

इंदौर में इस बार 40% ज्यादा बारिश इंदौर की बात करें तो 24 घंटे में 11.5 इंच बारिश होने का रिकॉर्ड है, जो 27 जुलाई 1913 को हुई थी। वर्ष 1973 में पूरे महीने 30.5 इंच पानी गिरा था। बारिश के चलते यहां भी तापमान में गिरावट देखने को मिलती है। इंदौर में महीने की एवरेज बारिश 12 इंच है। एवरेज 13 दिन यहां बारिश होती है। पिछले साल इंदौर में पूरे महीने 8.77 इंच बारिश हुई थी।

जबलपुर में जुलाई में गिर चुका 45 इंच पानी चारों बड़े शहरों में जबलपुर ऐसा है, जहां सबसे ज्यादा बारिश होती है। वर्ष 1930 में यहां करीब 45 इंच पानी बरसा था जबकि 30 जुलाई 1915 को 24 घंटे की सर्वाधिक 13.5 इंच बारिश हुई थी। 2013 और 2016 में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी। जबलपुर में जुलाई की सामान्य बारिश 17 इंच है। महीने में 15 से 16 दिन पानी बरसता है।

ग्वालियर में कम बारिश का ट्रेंड भोपाल, इंदौर और जबलपुर की तुलना में ग्वालियर में जुलाई के महीने में सबसे कम बारिश होती है। पिछले 10 साल में 6 बार ऐसा हुआ, जब 8 इंच से कम पानी गिरा हो जबकि यहां की एवरेज बारिश 9 इंच के करीब है।
ग्वालियर में वर्ष 1935 में महीने की सबसे ज्यादा बारिश हुई थी। तब 623.3 मिमी यानी 24.5 इंच बारिश दर्ज की गई थी। इस बार बारिश के अच्छे संकेत हैं। मानसून की दस्तक के साथ यहां तेज बारिश का दौर जारी है। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश की बात करें तो 12 जुलाई 2015 को 190.6 मिमी यानी साढ़े 7 इंच पानी बरसा था। ग्वालियर में जुलाई के महीने में एवरेज 11 दिन बारिश होती है।

उज्जैन में 36 इंच बारिश का रिकॉर्ड उज्जैन में पूरे जुलाई महीने में 36 इंच बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड है। इतनी बारिश साल 2015 में हुई थी। 2023 में 21 इंच से ज्यादा पानी गिर गया था। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश 19 जुलाई 2015 को 12.55 इंच हुई थी। उज्जैन में जुलाई की औसत बारिश 13 इंच है। महीने में 12 दिन पानी बरसता है।
