बच्चे बोले- रोज जल्दी आकर सफाई करते हैं; ऐसे ही आधा समय निकल जाता है।
सीहोर में स्थित इछावर विधानसभा क्षेत्र के डाबरी हाईस्कूल में सफाई कर्मचारी न होने के कारण छात्रों को खुद ही स्कूल की सफाई करनी पड़ती है।
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बच्चों ने बताया कि वे रोज सुबह जल्दी आकर स्कूल खोलते हैं। इसके बाद झाड़ू लगाते हैं और पीने का पानी भरते हैं। बाथरूम की सफाई भी उन्हें ही करनी पड़ती है। इन कामों में उनका आधा समय निकल जाता है।
बच्चे करते हैं शौचालय की सफाई स्कूल में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। पानी, बिजली और स्वच्छ शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। इन समस्याओं से विद्यार्थियों को रोज जूझना पड़ता है। पेयजल से लेकर शौचालय की सफाई तक सब कुछ बच्चों को ही करना पड़ता है।
‘स्कूल में बाउंड्री वॉल और सफाई कर्मी नहीं’ हाईस्कूल के प्राचार्य बी पी चंद्रवंशी ने कहा कि स्कूल में बाउंड्री वॉल और सफाई कर्मी नहीं हैं। इसलिए सभी लोग बारी-बारी से सफाई करते हैं। जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
‘पढ़ाई के बजाय सफाई में खर्च हो रहा समय’ मध्य प्रदेश सरकार बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए बड़े-बड़े वादे करती है। लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। बच्चों का कीमती समय पढ़ाई की बजाय सफाई में खर्च हो रहा है।