दूध न देने वाली गाय कसाई को बेचने की बात पर बसंत बाबा ने सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर गोवंश की सेवा शुरू की – Sagar News

दूध न देने वाली गाय कसाई को बेचने की बात पर बसंत बाबा ने सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर गोवंश की सेवा शुरू की – Sagar News



पशु चिकित्सा विभाग में 35 साल सेवाएं देने के दौरान एक दिन मोतीनगर स्थित पशु अस्पताल में एक व्यक्ति गाय को कृत्रिम गर्भाधान कराने के लिए लाया। वह बोला कि इस बार कृत्रिम गर्भाधान फेल हो गया तो मैं इस गाय को कसाइयों को बेच दूंगा।

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यह बात सुनकर मैं सोच में पड़ गया और उनसे पूछा गाय कितने में दोगे? तो व्यक्ति बोला एक हजार रुपए में। मैंने 1100 रुपए देकर उस गाय को खरीद लिया और रतौना स्थित गौशाला में छोड़ दिया। यह आपबीती गौभक्त बसंत बाबा चौरसिया ने बताई। उन्होंने बताया मैं रोज अस्पताल आने से पहले उस गाय को देखने गौशाला जाया करता था। एक दिन मेरे बॉस ने बोला आप रोज-रोज लेट आते हो, ऐसा नहीं चलेगा, मुझे इस्तीफा दे दो और इस गाय की सेवा ही करते रहो। मेरी सेवानिवृृत्ति के 2 साल बचे थे लेकिन मैंने इस्तीफा दे दिया और गोवंश की सेवा करना शुरू कर दिया।

बसंत बाबा ने बताया एक बार परिवार के साथ घूमने निकले तो देखा कि बड़ी संख्या में असहाय, बीमारी पीड़ित गायें सड़कों पर भटक रही थीं। मन में विचार आया कि क्यों न इन गायों को एक जगह एकत्रित कर सेवा की जाए। गौ सेवा करने का निर्णय लिया और शहर से 20 किलोमीटर दूर जगह तलाश की तो एक एकड़ अपनी निजी भूमि कुंवर पुष्पेंद्र प्रताप सिंह ने गौसरा-समनापुर क्षेत्र में गौशाला बनाने दान में दे दी। उसी में आवारा गोवंश को खाने-पीने की व्यवस्था की।

बसंत बाबा ने बताया कि जीव दया को लेकर चौरसिया समाज में पहल की। हमारे साथी रमेश साहू, मोहन मुरारी लोधी, हरगोविंद चौरसिया, सतीष सोनी ने मिलकर प्रेमजी गोदाम सेवा समिति गौसरा में गौशाला शुरू की। इंजीनियर पीएल पटेल, राकेश खरे और इंजीनियर रमेश चौरसिया कल्पधाम ग्रुप ने एक-एक गाय को गोद लिया और हर माह एक-एक हजार रुपए गायों के खाने-पीने की व्यवस्था के लिए सहयोग करते हैं।

मेरा यह काम देखकर सागर विधायक शैलेंद्र जैन ने एक पशु एंबुलेंस भी मेरी गौशाला को प्रदान की। पांच लाख की मदद से भूसा गोदाम का निर्माण भी कराया। वर्तमान में गौशाला में 200 गायों की सेवा टीम कर रही है।



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