घटना जिले के तेंदुहा गांव की है।
सिंगरौली जिले के तेंदुहा गांव में मंगलवार को प्रशासन और स्थानीय निवासियों के बीच तनावपूर्ण स्थिति बन गई। प्रशासनिक अमला भारी पुलिस बल के साथ दो हेक्टेयर सरकारी जमीन पर कब्जा लेने पहुंचा था।
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इसके बाद इस सरकारी जमीन पर रह रहे लोग और प्रभावित ग्रामीण वहां जमा हो गए। इस दौरान प्रशासन और स्थानीय लोगों के बीच तीखी बहस और झड़प भी हुई। इस बीच इलाके में तनाव की स्थिति बनी रही।
मामला बांधा कोल ब्लॉक से जुड़ा
यह मामला बांधा कोल ब्लॉक से जुड़ा है, जहां तेंदुहा गांव में दो हेक्टेयर सरकारी जमीन है। यह कोल ब्लॉक बिरला ग्रुप की कंपनी ईएमआईएल को आवंटित किया गया है। इस कोल ब्लॉक में पांच गांव – बांधा, तेंदुहा, देवरी, पाठ और जिगनहवा की कुल 776 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है।
दरअसल, यह वही कोल ब्लॉक है जो पिछले दिनों सुर्खियों में रहा था। यहां भू-अर्जन अधिकारी ने 3362 घरों को अवैध घोषित कर दिया गया था, जिन्हें मुआवजा पाने के लिए बनाया गया था।
पुलिस और ग्रामीणों के विवाद की दो तस्वीरें देखिए-
जमीन पर लगे सीमेंट के खंभे को हटाने पहुंच ग्रामीण को पुलिस ने धक्का देकर हटा दिया।

इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
ग्रामीण बोले- हमें जबरन यहां से भगाया जा रहा
गांव के निवासी दशाराम वैश्य ने कहा, “हमारा सब कुछ जंगल ही है। जंगल में ही जीना है, जंगल में ही मर जाना है। हमें जबरन यहां से भगाया जा रहा है।”
एक अन्य विस्थापित कौशल सिंह तेंकाम ने बताया, “हमारी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। हम लोग लगातार जिला प्रशासन को आवेदन दे रहे हैं, फिर भी हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही। आज जबरदस्ती पुलिस बल के दम पर हमें यहां से हटाया जा रहा है।”
एसडीएम बोले- जमीन सरकारी है
मौके पर पहुंचे देवसर एसडीएम अखिलेश सिंह ने कहा कि जमीन सरकारी है और उन्हें सरकारी जमीन कंपनी को देनी है। हालांकि, वे इससे अधिक कुछ बोलने को तैयार नहीं थे।