कलेक्टर ने आवश्यक वस्तु अधिनियम का मामला दर्ज करवाया।
दतिया के गांव डगरई की शासकीय उचित मूल्य की राशन दुकान में बड़ा घोटाला सामने आया है। यहां उपभोक्ताओं से अंगूठा लगवाकर उन्हें राशन दिए बिना ही रिकॉर्ड में वितरण दिखा दिया गया। शुरुआती जांच में करीब 1.34 लाख रुपए की राशन सामग्री गबन की पुष्टि हुई है। मा
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ये पूरा मामला मां सरस्वती महिला बहुद्देशीय सहकारी संस्था मर्या. सतारी द्वारा संचालित राशन दुकान से जुड़ा है। ग्रामीणों की शिकायत पर 4 जुलाई को कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी पंकज करोरिया और राजेश जाटव ने जांच की। जांच में खुलासा हुआ कि, राजोदेवी चौहान, जो अध्यक्ष, समिति प्रबंधक और विक्रेता तीनों पदों पर हैं और उनके सहयोगी आसू राजा चौहान ने उपभोक्ताओं से बायोमेट्रिक सत्यापन तो कराया, लेकिन राशन नहीं दिया।
राशन रिकॉर्ड में दर्ज, नहीं हुआ वितरण जांच में ये भी पाया गया कि दुकान से संबंधित 1 हजार 730 किलो गेहूं, 2 हजार 735 किलो चावल और 96 किलो नमक वितरण रिकॉर्ड में तो दर्ज है, लेकिन वास्तव में वितरित नहीं किया गया। इनका बाज़ार मूल्य कुल 1 लाख 34 हजार 910 रुपए आंका गया है। जिस राशन सामग्री को खुर्दबुर्द किया गया है।
कलेक्टर ने आरोपियों पर दर्ज कराया मामला गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए अपर दतिया कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े ने आरोपी समिति प्रबंधक और उनके प्रतिनिधि के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।