वायरल फीवर के साथ जिले में डेंगू का खतरा बढ़ रहा है। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल में ही हर रोज 200 से ज्यादा संदिग्ध मरीज आ रहे हैं। जिले में इनकी संख्या 700 से ज्यादा होने का अनुमान है। यह स्थिति पिछले दो माह से बनी है, इसके पहले एक दिन मे
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मंगलवार को ही 2 नए मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है, जिसमें एक शाहपुर तो दूसरा बंडा क्षेत्र का है। यह वे मरीज हैं, जिनका बीएमसी में एलाइजा टेस्ट हुआ है। इसके अलावा प्राइवेट अस्पताल, नर्सिंग होम सहित डॉक्टर्स की क्लीनिकों पर पहुंचकर किट से जांच कर इलाज करा रहे हैं। पॉजिटिव मरीजों की संख्या पांच गुनी यानी 100 से ज्यादा हो सकती है।
मलेरिया विभाग के अनुसार सबसे ज्यादा 5 मरीज राहतगढ़ क्षेत्र में मिले हैं तो दूसरे नंबर पर सागर शहर है, जहां परकोटा, तिली, शिवाजी व गोपालगंज क्षेत्र में डेंग के मरीज मिले हैं। पिछले साल की तरह इस साल चिकनगुनिया रोग भी फेल रहा है, जिसके 3 मरीज अब तक सामने आ चुके हैं।
अब तक आए डेंगू के मरीज
राहतगढ़ – 05 सागर शहर -04 बंडा – 03 रहली – 02 शाहगढ़ – 02 शाहपुर – 02 देवरी – 01 बीना – 01 जैसीनगर – 01 केसली – 01
बीएमसी में रोज 100 से ज्यादा टेस्ट हो रहे
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के सहायक प्राध्यापक सह माइक्रो बायोलॉजिस्ट डॉ. सुमित रावत ने बताया कि हर रोज 100 से 150 डेंगू के संदिग्ध मरीज शामिल होते हैं। लैब में हर रोज लगभग 150 मरीजों की किट से एनएस-1 जांच कर रहे हैं और 5 से 7 मरीजों का एलाइजा टेस्ट कर रहे हैं। यह केवल बीएमसी में इलाज कराने वाले मरीजों की स्थिति है। चिकनगुनिया के भी संदिग्ध मरीज आ रहे हैं, लेकिन उनकी संख्या डेंगू से कम है।
48790 घरों का किया निरीक्षण : डेंगू के संदिग्ध मरीजों के लगातार सामने आने के चलते स्वास्थ्य विभाग की 100 से ज्यादा टीमें जिले में सर्वे करने में जुटी हुई हैं। मलेरिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक टीमों ने 48790 घरों का निरीक्षण किया है, जिसमें 21479 घरों में पानी के कंटेनर (बर्तन, होज, खाली प्लाट सहित अन्य ऐसी चीजें जिनमें पानी जमा हो) की जांच की, जिसमें 957 घरों के 960 कंटेनर में लार्वा मिला है।
न दवाओं का छिड़काव न ही फॉगिंग
डेंगू बीमारी के नियंत्रण को लेकर मलेरिया विभाग तो निरीक्षण व सर्वे कर रहा है, लेकिन नगर निगम न तो दवाओं का छिड़काव कर रहा है और न ही शहर में मच्छर जनित बीमारियों पर नियंत्रण के लिए फॉगिंग हो रही है। शहर में जहां-तहां खाली प्लाटों पर जलभराव हो रहा है और इस साफ पानी में डेंगू का लार्वा पनप रहा है।
सिविल लाइन चौराहे पर ही भवन निर्माण के लिए बनाया गया बेसमेंट ऊपर से खुला है, जिसमें 2 फीट से ज्यादा पानी भरा हुआ है। इसके अलावा शहर में ऐसे सैकड़ों स्थान हैं, जहां डेंगू का लार्वा पनपने की आशंका है, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
एक्सपर्ट व्यू – डॉ. रमेश पांडे, प्राध्यापक, एमडी मेडिसिन, बीएमसी
ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लें
डेंगू का लार्वा हमेशा साफ पानी में पनपता है। सबसे पहले तो लोगों को यह ध्यान रखना होगा कि घर के आसपास पानी जमा न हो। घरों की छतों या परिसर में ऐसी चीजें न रखें, जिनमें पानी जमा हो सके। यदि किसी व्यक्ति में डेंगू की पुष्टि हो गई है या बीमारी के लक्षण नजर आते हैं तो तत्काल नजदीकी डॉक्टर्स से सलाह लें, टेस्ट कराएं। मरीज को ज्यादा से ज्यादा पानी, ओआरएस, नारियल पानी सहित अन्य तरल पदार्थ पिलाएं, जिससे वह कमजोर न हो और बीमारी से लड़कर जल्द स्वस्थ हो सके।
मंगलवार को दो नए मरीज मिले
अब तक 22 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है, मंगलवार को बीएमसी से मिली रिपोर्ट में 2 नए मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बीमारी की रोकथाम के लिए संदिग्ध क्षेत्रों का सर्वे कराया जा रहा है। अब तक जिले के 48 हजार से ज्यादा घरों का सर्वे किया गया है। संदिग्ध मरीजों के क्षेत्रों में निरीक्षण करा रहे हैं। चिकनगुनिया के भी तीन मरीज आए हैं। – डॉ. देवेश पटैरिया, जिला मलेरिया अधिकारी