प्रेम का प्रतीक है ये मंदिर, बाल गोपाल से जरूर मिलता संतान सुख का आशीर्वाद!

प्रेम का प्रतीक है ये मंदिर, बाल गोपाल से जरूर मिलता संतान सुख का आशीर्वाद!


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Indore Gopal Temple: मान्यता है कि जिन लोगों की संतान नहीं होती है, वे अगर गोपाल मंदिर आकर संतान की मन्नत मांगते हैं, तो उनकी यह इच्छा बाल गोपाल पूरी कर देते हैं.

इंदौर. मां अहिल्याबाई होल्कर की नगरी इंदौर काफी प्राचीन है. मध्य भारत में शुरु से ही इंदौर बड़ा व्यापारिक केंद्र रहा है. आसपास के राज्यों से लोग यहां व्यापार करने आया करते थे. यह एक समृद्ध और संपन्न शहर था. यहां का राजवाड़ा विश्वभर में प्रसिद्ध है. राजवाड़ा के ठीक पास में स्थित है प्राचीन गोपाल मंदिर, जो इंदौरवासियों के लिए न केवल कृष्ण भक्ति का केंद्र है बल्कि यहां के लोगों की मंदिर में अटूट आस्था भी है. ऐसा माना जाता है कि यहां जन्माष्टमी के दिन जो भी मन्नत मांगी जाए, वो पूरी हो जाती है.

प्रसिद्ध गोपाल मंदिर को कृष्णाबाई होल्कर ने 1832 में बनवाया था. वह भगवान कृष्ण की परम भक्त थीं. शादी से पहले उन्होंने प्रथम यशवंत राव होल्कर से यह संकल्प लिया था कि अगर वह उनसे शादी करना चाहते हैं, तो उनके लिए कृष्ण मंदिर बनवाना पड़ेगा. यहां के पंडित बताते हैं कि यह मंदिर राधारानी और भगवान कृष्ण के प्रेम का प्रतीक है. होल्कर घराने का जो भी बड़ा कार्यक्रम होता है, वह यहीं से प्रारंभ होता है. अहिल्या माता का पूजन हो या उनकी पालकी का समापन, सब कुछ यहीं से होता है.

जन्माष्टमी पर भव्य आयोजन
राजवाड़ा के ठीक पास बना गोपाल मंदिर आपको प्राचीनता की याद दिलाता है. जैसे ही आप मंदिर के अंदर प्रवेश करेंगे, आपको काले पत्थर और लकड़ी से बना यह भव्य मंदिर दिखाई देगा. द्वार के ठीक सामने से ही अति सुंदर राधाकृष्ण की मूर्ति आपका मन मोह लेगी. मंदिर में लड्डू गोपाल की दो मूर्तियों को देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे. ये दोनों मूर्तियां झूले पर विराजमान हैं. आप यहां भगवान को झूले में झूला सकते हैं. जन्माष्टमी पर यहां भव्य आयोजन होता है, जिसमें करीब चार लाख श्रद्धालु भगवान के दर्शन करते हैं. उसके बाद ही वह अपना व्रत पूरा मानते हैं.

संतान प्राप्ति की पूरी होती मन्नत
मंदिर के पुजारी ने लोकल 18 को बताया कि उन्होंने खुद इतने सालों में कई श्रद्धालुओं को यहां देखा है, जो पहले कुछ नहीं थे और बाद में बाल गोपाल की असीम कृपा और उनसे मन्नत मांगने के बाद उनका जीवन बदल गया. मान्यता है कि जिन लोगों की संतान नहीं होती है, वे यहां आकर अगर मन्नत मांगते हैं, तो उनकी यह इच्छा भी बाल गोपाल पूरी करते हैं.

कौन थीं कृष्णाबाई होल्कर?
महारानी कृष्णाबाई होल्कर इंदौर के होल्कर वंश की महारानी थीं. वह महाराजा यशवंत राव होल्कर की पत्नी और मल्हार राव होल्कर द्वितीय की मां थीं. उन्होंने 1811 में मल्हार राव की मृत्यु के बाद बागडोर संभाली थी. उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ अपने राज्य की स्वतंत्रता के लिए अहम योगदान दिया था. 1818 के महिदपुर युद्ध के दौरान उन्होंने ब्रिटिश सेना का दृढ़ता से मुकाबला किया. वह एक कुशल प्रशासक थीं. उन्होंने राज्य को बड़ी ही बुद्धिमानी से संभाला था. कृष्णाबाई होल्कर ने इंदौर में कई महलों और मंदिरों का निर्माण कराया था.

Rahul Singh

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



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