नए भोपाल में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को राजा भोज एयरपोर्ट से जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम तेज होने वाला है। लिंक रोड नंबर 2 से भारत माता चौराहा होते हुए बड़े तालाब को पार किया जाएगा, जहां 2 किमी लंबा केबल स्टे ब्रिज प्रस्तावित है। खानूगांव
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प्रस्ताव केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी तक पहुंच चुका है। उन्होंने मौखिक रूप से इसकी जरूरत मानी है। आगे की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से होगी। जल्द डीपीआर बनेगी, जिसके बाद लागत तय होगी। भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने गडकरी से चर्चा की है। इसके बाद एनएचएआई के अधिकारी अनिल चौधरी को निर्देश मिला है कि वे सांसद के साथ लगातार संपर्क में रहें।
सांसद का कहना है कि सर्वे पूरा होने पर प्रोजेक्ट को पीएम गतिशक्ति के पास भेजा जाएगा। सभी औपचारिकताओं में कम से कम एक साल लग सकता है। एयरपोर्ट से फोरलेन मार्ग बना हुआ है। यह लालघाटी से हाेता हुआ खानू गांव तक पहुंचता है। लालघाटी से यह सीधे खानूगांव पहुंचेगा। यहीं से केबल स्टे ब्रिज फिर श्यामला हिल्स की पहाड़ी पर वन विहार के पीछे की तरफ उतरेगा। मानव संग्रहालय के पीछे की तरफ से होते हुए स्मार्ट सिटी पार्क होते हुए भारत माता चौराहे पर उतरेगा। इसकी कुल लंबाई 17 किमी होगी। पुराना मार्ग 21 किमी का है।
पर्यावरण स्वीकृति लेनी होगी बड़ा तालाब या अपर लेक रामसर साइट है। तालाब के फुल टैंक लेवल से 50 मीटर दूरी तक नो कंस्ट्रक्शन जोन है। निर्माण करना है तो स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी व नगर निगम से मंजूरी लेना होगी। फिर सिया से भी पर्यावरण स्वीकृति लगेगी।
राजा भोज एयरपोर्ट राजा भोज एयरपोर्ट से रानी कमलापित स्टेशन तक पूरे रूट की लंबाई 17 किमी होगी। अभी 21 किमी का रास्ता है।
देश और दुनिया में नई पहचान दिलाएगा
गडकरी के प्रारंभिक अध्ययन के बाद तैयार ड्राफ्ट सौंपा गया है। यदि ड्राफ्ट के आधार पर ही प्रोजेक्ट आगे बढ़ता है तो भोपाल का यह सबसे खूबसूरत स्ट्रक्चर बनकर सामने आएगा। देश और दुनिया में नई पहचान भी दिलाएगा। इसके पीछे बड़ी वजह है, यह करीब दो किमी लंबा रहने वाला है। इसे फिलहाल ‘राजाभोज केबल स्टे ब्रिज’ नाम दिया गया है। अभी भोपाल में कमला पार्क, सैर सपाटा में छोटे-छोटे केबल स्टे ब्रिज हैं। मनीषा मार्केट से बंसल हॉस्पिटल के पीछे से होते हुए चूना भट्टी तक एक केबल स्टे ब्रिज प्रस्तावित है।
ट्रैफिक लोड घटेगा
- यात्रा दूरी घटेगी, आधा घंटे कम समय लगेगा। राजधानी की बढ़ रही आबादी के लिए आगे राहत मिलेगी।
- पुराने भोपाल के ट्रैफिक का सामना नहीं होगा। खासतौर पर शनिवार और रविवार को शहर की तरफ बैरागढ़ का ट्रैफिक भी रहता है। इससे बचाव होगा।
- दूसरे शहरों की तरफ, भोपाल में भी एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन के साथ नए भोपाल की एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिससे सुविधा और समय की बचत होगी।
- शहर की खूबसूरती बढ़ेगी, झील व आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन सुविधाएं विकसित होंगी।
- पाल को अत्याधुनिक पहचान मिलेगी, जो ग्लोबल फ्यूचर सिटी के रूप में स्थापित करेगी।
अभी ये हैं सबसे लंबे पुल…
- अभी मप्र और राजस्थान को जोड़ने के लिए चंबल नदी पर 600 मीटर केबल स्टे ब्रिज है।
- जबलपुर में 200 मीटर लंबा पुल प्रस्तावित है।