The millers first gave rice to the animals to be distributed to the poor, now they will change the rice of 50 crores | मिलर्स ने पहले गरीबों को बांटने के लिए जानवरों के खाने का चावल दिया, अब 50 करोड़ का चावल बदलकर देंगे

The millers first gave rice to the animals to be distributed to the poor, now they will change the rice of 50 crores | मिलर्स ने पहले गरीबों को बांटने के लिए जानवरों के खाने का चावल दिया, अब 50 करोड़ का चावल बदलकर देंगे


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भोपालछतरपुर19 घंटे पहले

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फाइल फोटो।

  • सरकार ने बालाघाट और मंडला में सील की गई मिलों के ताले खोले, कड़ी कार्रवाई का अब भी इंतजार

दस जिलों में जानवरों को खिलाने वाला चावल गरीबों में बांटे जाने का मामला उजागर होने के बाद गुरुवार को मिलर्स 50 करोड़ रुपए का चावल बदलकर देने को तैयार हो गए हैं। इसके बाद सरकार ने बालाघाट और मंडला में सील की गई करीब 15 राइस मिलों के ताले खोल दिए हैं। अब सिवनी, जबलपुर, सतना, रीवा, कटनी और नरसिंहपुर में भी सील मिल खुल जाएंगी। हालांकि सप्ताह भर बाद भी सिर्फ बालाघाट के जिला प्रबंधक को सस्पेंड किया गया है और क्वालिटी कंट्रोलर की सेवाएं समाप्त की गई हैं। प्रदेश में यह पहला मामला है जब दो लाख क्विंटल घटिया चावल मिला है। साथ ही मई और जून में इतना ही चावल गरीबों में बांट दिया गया।

मिल के ताले नहीं खुलते तो चावल कैसे बदलवाते

(खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई से सीधी बात)

  • सील की गई राइस मिलों के ताले खोल दिए गए हैं।
  • जबाव – मिलर्स ने जो घटिया चावल दिया था, उसके बदले में उनसे अच्छा चावल मिल खुलने के बाद ही तो प्राप्त किया जा सकता है।
  • इससे तो यह लग रहा है कि पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में अमानक चावल मिलने का मामला गंभीर नहीं था।
  • जबाव – अभी जांच जारी है। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
  • अनुबंध के हिसाब से यह काम 5 दिन में हो जाना था?
  • जबाव – जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों ने जब घटिया चावल आया तो तय सीमा में क्यों नहीं बदला। इस बारे में कार्रवाई की है।
  • इतना बड़ा गड़बड़झाला हुआ। खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम की मिलिंग शाखा को इसकी भनक नहीं लगी।
  • जबाव – जांच जारी है। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

छतरपुर में बांट रहे घटिया चावल, अधिकारी बोले- उठाव पर रोक है, वितरण पर नहीं

छतरपुर जिले में 3300 मीट्रिक टन घटिया चावल आया है। यह सहकारी समितियों में वितरण के लिए भेज दिया गया है। सलैया, बंधीकला, ईशानगर सहित कई सहकारी समितियां लगातार इस घटिया चावल का वितरण कर रही हैं। हैरानी की बात यह कि नागरिक आपूर्ति निगम की जिला प्रबंधक रिंकी साहू के अनुसार घटिया चावल के उठाव और वितरण पर रोक लगा दी है, जबकि जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी स्वाति जैन कहती हैं, कि जिन समितियों पर चावल पहुंच गया है, उसके वितरण पर कोई रोक नहीं है। यह घटिया चावल रीवा जिले से 23 अगस्त को पहुंचा था। इसकी कीमत करीब 7 करोड़ 48 लाख रुपए है। इस चावल की बोरियों पर लगी पर्ची के ऊपर लाॅट नंबर दर्ज ही नहीं है, इससे सैंपलिंग के परिणाम आने के बाद यह मिलान नहीं हो सकेगा कि किस लाॅट के चावल का सैंपल फैल या पास हुआ है।

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