छतरपुर के गरबा पंडाल में सनातनी एंट्री, बाबा बागेश्वर की बात मानी, गौमूत्र-तिलक के बाद ही प्रवेश

छतरपुर के गरबा पंडाल में सनातनी एंट्री, बाबा बागेश्वर की बात मानी, गौमूत्र-तिलक के बाद ही प्रवेश


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Chhatarpur News: छतरपुर के एक गरबा पंडाल में एंट्री के सनातनी नियम लागू हो गए. यहां प्रवेश से पहले गंगाजल, गौमूत्र, कलावा, तिलक का इस्तेमाल किया जा जा रह है.

गरबा पंडाल में सनातनी एंट्री.

रिपोर्ट: एनएस परमार
Chhatarpur News:
नवरात्रि के गरबा महोत्सव में बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री की अपील का असर दिखने लगा है. हिंदू उत्सव समिति द्वारा आयोजित गरबा पंडाल में प्रवेश के लिए सख्त सनातनी नियम लागू किए गए हैं. यहां गरबा में एंट्री से पहले तिलक, कलावा, गंगाजल और गौमूत्र का इस्तेमाल अनिवार्य किया गया है.

सख्त एंट्री प्रक्रिया
आयोजक पवन मिश्रा ने बताया, प्रवेश द्वार पर हर व्यक्ति को तिलक लगाया जा रहा है. कलावा बांधा जा रहा है. गंगाजल का आचमन कराया जा रहा है. महिला हो या पुरुष, सभी को यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही एंट्री मिल रही है. द्वार पर गौमूत्र का छिड़काव किया जा रहा है. गैर-सनातनियों का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित है. पंडाल के बाहर पोस्टर लगाए गए हैं कि केवल सनातनी ही प्रवेश कर सकते हैं.

इससे पवित्रता रहती है…
धर्माचार्य राघवेंद्र आचार्य ने कहा, “गरबा वैदिक सनातनी धर्म का सांस्कृतिक कार्यक्रम है. तिलक और गंगाजल से पवित्रता आती है.” आयोजक पवन मिश्रा ने बताया, “बाबा बागेश्वर के आव्हान पर यह अनोखी पहल की गई. इससे आयोजन सुरक्षित और धार्मिक रहता है.”

धीरेंद्र शास्त्री ने ये कहा था…
बागेश्वर महाराज धीरेंद्र शास्त्री ने हाल ही में गरबा पंडालों में गैर-हिंदुओं की एंट्री पर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था, पंडालों के दरवाजे पर गोमूत्र रखा जाए. “हम उनके हज में नहीं जाते, तो वे हमारे गरबा में क्यों आएं?” उन्होंने गैर-हिंदुओं को गरबा में न आने की नसीहत दी. शास्त्री ने जोर दिया कि नवरात्रि धार्मिक आयोजन है, जहां मुस्लिमों को नहीं आना चाहिए क्योंकि मूर्ति पूजा उनके धर्म में स्वीकार्य नहीं. यह बयान मध्य प्रदेश में विवाद का कारण भी बना.

वहीं, युवा पीढ़ी ने भी इस पहल का स्वागत किया है. गरबा पंडाल में जाने से पहले वे पूरे नियम का पालन कर रहे हैं. किसी भी प्रकार के विरोध की सूचना नहीं मिली है. उनका कहना है कि बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री गलत नहीं कहते.

Rishi mishra

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म… और पढ़ें

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