देवा पारदी मौत केस में फरार TI का सरेंडर: शिवपुरी थाने में दी गिरफ्तारी, CBI इंदौर ले गई; SC ने दिया था 8 अक्टूबर तक का वक्त – Guna News

देवा पारदी मौत केस में फरार TI का सरेंडर:  शिवपुरी थाने में दी गिरफ्तारी, CBI इंदौर ले गई; SC ने दिया था 8 अक्टूबर तक का वक्त – Guna News


कोर्ट ने एक महीने में आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे।

गुना के देवा पारदी की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के मामले में फरार चल रहे TI संजीत माबई ने सरेंडर कर दिया। रविवार शाम को वह शिवपुरी जिले के बदरवास थाने पहुंचे और सरेंडर कर दिया। जिसके बाद सीबीआई उसे इंदौर लेकर रवाना हो गई।

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बता दें कि देवा पारदी की मां हंसुरा बाई ने स्पेशल लीव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई को सुनवाई करते हुए सीबीआई को एक महीने में आरोपियों की गिरफ्तारी करने के निर्देश दिए थे।

गिरफ्तारी नहीं होने पर फिर अवमानना याचिका दायर की गई। सुप्रीम कोर्ट ने 24 सितंबर से 26 सितंबर तक सुनवाई करते हुए सीबीआई और राज्य सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने आरोपियों को 8 अक्टूबर तक गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे।

सीबीआई की टीम टीआई संजीत माबई को गिरफ्तार कर इंदौर ले गई।

गुना पुलिस ने ढाबे से हिरासत में लिया बदरवास थाना प्रभारी विकास यादव ने बताया कि थाना प्रभारी संजीत मावई बदरवास थाना क्षेत्र के हाईवे पर किसी ढाबे पर खाना खा रहे थे, इसी दौरान गुना पुलिस ढाबे पर पहुंची, यहां संजीत ने पुलिस के सामने सरेंडर किया। बाद में गुना पुलिस संजीत को बदरवास थाना लेकर पहुंची। चूंकि सीबीआई को गिरफ्तार करना था। सूचना बाद सीबीआई बदरवास थाना पहुंची और संजीत मावई को अपने साथ ले गई।

चोरी के एक मामले में उठा ले गई थी पुलिस बता दें कि 15 जुलाई 2024 को बीलाखेड़ी के रहने वाले देवा पारदी (25) की शादी गुना शहर के गोकुल सिंह चक्क पर होने वाली थी। 14 जुलाई की शाम को उसकी बारात गुना के लिए निकलनी थी। 4.30 बजे पुलिस गांव में पहुंची। जिस ट्रैक्टर पर बारात जाना थी, उसी से देवा और उसके चाचा गंगाराम को पुलिस ले गई। पुलिस को एक चोरी के मामले में उससे कुछ बरामदगी करनी थी। इसलिए पुलिस उसे लेकर गई।

पुलिस कस्टडी में हो गई थी देवा की मौत 14 जुलाई की शाम परिवार वालों को जिला अस्पताल से सूचना मिली कि एक पारदी युवक को पोस्टमॉर्टम रूम में लाया गया है। अस्पताल पहुंचकर पता चला कि पुलिस कस्टडी में देवा की मौत हो गई है। इसके बाद बड़ी संख्या में पारदी समुदाय की महिलाएं जिला अस्पताल पहुंच गई थीं।

देवा की चाची और उसकी होने वाली दुल्हन ने अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगाने की भी कोशिश की थी। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें बचाया था। महिलाओं का आरोप था कि म्याना थाने में देवा पारदी और उसके चाचा के साथ मारपीट की गई, जिससे उसकी मौत हुई।

देवा पारदी की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी।

देवा पारदी की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी।

कलेक्ट्रेट में महिलाओं ने किया था प्रदर्शन इसके दो दिन बाद 17 जुलाई को पारदी महिलाओं ने कलेक्ट्रेट में भी प्रदर्शन किया था। उन्होंने अपने कपड़े तक उतार दिए थे। इस मामले में म्याना थाने में 7-8 पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज की गई थी। उन पर गैर इरादतन हत्या, मारपीट की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में देवा की मां अंसुरा बाई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

मजिस्ट्रियल जांच के बाद पुलिसकर्मियों पर FIR इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच हुई। शिवपुरी मेडिकल कॉलेज से मृतक की हिस्टोपैथोलॉजिकल रिपोर्ट, FSL ग्वालियर से विसरा रिपोर्ट मंगाई गई। मजिस्ट्रियल जांच में यह कहा गया कि देवा पारदी की मौत पुलिस कस्टडी के दौरान मारपीट और प्रताड़ना के कारण संदिग्ध और असामान्य परिस्थितियों में मौत हुई।

मजिस्ट्रियल जांच के बाद पुलिसकर्मियों पर FIR की गई थी। म्याना थाने में 5 सितंबर को मामला दर्ज हुआ। हालांकि, इसमें पुलिसकर्मियों के नाम नहीं थे। आरोपियों के नाम की जगह तीन फूल TI और अन्य 7- 8 पुलिसकर्मी लिखा हुआ था।

देवा की चाची और होने वाली दुल्हन ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की थी।

देवा की चाची और होने वाली दुल्हन ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की थी।

FIR के बाद दोनों पुलिसकर्मी हो गए थे फरार 4 सितंबर को म्याना थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी TI संजीत माबई, SI देवराज सिंह परिहार और उमरी चौकी प्रभारी SI उत्तम सिंह कुशवाह को लाइन अटैच किया गया था। तब से इस मामले की विवेचना गुना पुलिस ही कर रही थी।

विवेचना के बाद इस मामले में म्याना थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी TI संजीत मावई, उमरी चौकी के प्रभारी SI उत्तम सिंह को आरोपी बनाया गया था। इनका नाम शामिल होते ही दोनों पुलिसकर्मी फरार हो गए थे। तभी से वह फरार चल रहे थे। CBI अभी तक उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई थी।

कोर्ट ने कहा था- आप लाचारी का बहाना न बनाएं सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और CBI को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा था कि ये ऐसे नहीं चल सकता। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद आप कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। फिर क्या फायदा? आप लाचारी का बहाना बना रहे हैं! ‘वह फरार है, मुनादी हो चुकी है, हम उसका पता नहीं लगा सकते।’ कृपया लाचारी का बहाना न बनाएं। हम तो बस यही कहेंगे कि आपकी लाचारी सुरक्षा की आड़ में लग रही है। ऐसा कोई आदेश नहीं था जिसके तहत केवल सीबीआई ही गिरफ्तार कर सके।

अगर आपकी सरकार का कोई अधिकारी इसमें शामिल है, तो आप इससे पल्ला नहीं झाड़ सकते। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 26 सितंबर को सुनवाई के बाद 8 अक्टूबर तक का समय दिया। इसके अगले दिन ही मामले में फरार SI उत्तम सिंह की गिरफ्तारी हो गई थी। TI संजीत मावई फरार चल रहे थे।

यह खबर भी पढ़ें आत्माराम पारदी मर्डर केस में बर्खास्त SI गिरफ्तार

गुना जिले के चर्चित आत्माराम पारदी हत्याकांड में गवाहों को धमकाने के मामले में फरार चल रहे बर्खास्त SI रामवीर सिंह कुशवाह को पुलिस ने रविवार शाम गिरफ्तार कर लिया है। कुशवाह को कुछ दिन पहले ही हाईकोर्ट से मुख्य हत्याकांड में अग्रिम जमानत मिली थी। सोमवार को गवाहों को धमकाने वाले दूसरे केस में उसकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है। लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया। पढ़ें पूरी खबर



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