इंदौर में पीतल की रामायण (श्लोक) तैयार हो रही है। महर्षि वाल्मीकि जयंती पर इसका पहला पेज तैयार किया गया है। आगामी दीपावली तक 850 पन्नों की ये पीतल की रामायण तैयार हो जाएगी। जिसके बाद इसे हरिद्वार ले जाया जाएगा। इस रामायण में 24 हजार श्लोक अंकित किए ज
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पीतल की इस रामायण को इंदौर के एडवोकेट लोकेश मंगल द्वारा इंदौर में ही तैयार कराया जा रहा है। इसके पहले भी पीतल पर महाभारत, 193 देशों में जनगणना संबंधित प्रावधान, संविधान से देश, महाराजा अग्रसेन जी से संबंधित पीतल की किताब सहित कई चीजें पीतल पर उकेर चुके हैं।
तैयार होने के बाद हरिद्वार लेकर जाएंगे
एडवोकेट लोकेश मंगल ने बताया कि स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज की प्रेरणा से यह पीतल की रामायण तैयार की जा रही है। इसे तैयार करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। तैयार होने के बाद सबसे पहले पीतल की रामायण को हरिद्वार लेकर जाएंगे।
एडवोकेट लोकेश मंगल।
पहले स्वामी अवधेशानंद जी के पास लेकर जाएंगे। इसके बाद इसे पब्लिश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसे बनाने में करीब 5 हजार रुपए का खर्च आएगा। क्योंकि इसमें मेटल के ही पैसे लगेंगे। बाकी कटाई, प्रिंटिंग का काम सेवा काम के रूप में किया जाएगा।
इसकी उम्र करीब तीन हजार साल तक की रहेगी। पेजों की कटाई में करीब 12 घंटे का समय लगता है। 3 मिनट में एक फाइल तैयार होती, प्रत्येक क्रम में रखते हुए इसे तैयार किया जाएघा। 108 घंटे का समय इसमें लगेगा। संभवत: दीपावली तक ये तैयार हो जाएगी।
8 किलो के करीब रहेगा वजन
उन्होंने बताया कि पीतल की रामायण तैयार होने के बाद इसका वजन करीब 8 किलो का होगा। खास बात यह है कि पीतल के 850 पन्ने रहेंगे, जिसमें दोनों तरफ छपाई की जाएगी। यह रामायण 7 इंच लंबी और 5 इंच चौड़ी रहेगी। रामायण का पहला पेज तैयार कर लिया गया है। महर्षि वाल्मीकि रामायण के रचयिता है, जिसके चलते उनकी जयंती पर पीतल की पूर्ण रामायण का पहला पेज किया गया हैं। उन्होंने बताया कि हरिद्वार से आने के बाद इसे मीडिया के माध्यम से लोग इसे देख सकेंगे।
तस्वीरों में देखिए…
पीतल से ये क्या तैयार कर चुके हैं

193 देशों में जनगणना संबंधित प्रावधान।

महाभारत के समय के चित्र भी पीतल की किताब पर उकेरे गए है।

महाराजा अग्रसेन जी से संबंधित पीतल की किताब भी तैयार की गई है।