छतरपुर जिले के झमटुली और देवगांव क्षेत्र के दो प्रमुख मार्गों की खराब स्थिति से लगभग 25 गांवों के हजारों लोग प्रभावित हैं। देवगांव-देवरा मार्ग पर रामघाट बन्ने नदी का पुल तीन माह पहले क्षतिग्रस्त हो गया था, जबकि भैरा-सटई मार्ग का डामरीकरण पूरी तरह उखड
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बारिश से मार्ग ही बह गया
दरअसल देवगांव-देवरा मार्ग एनएच-39 को जटाशंकर धाम, दमोह और पन्ना जिलों से जोड़ता है। यह मार्ग बारिश के दौरान बहाव में बह गया था, जिससे पुल के नीचे की मिट्टी कट गई और ढांचा खोखला हो गया। अस्थायी मरम्मत के तौर पर यहां नुकीली गिट्टी और बोल्डर डाले गए हैं, जिससे बाइक सवार फिसलकर घायल हो रहे हैं। ट्रक चालक टोल टैक्स बचाने के लिए इसी मार्ग से भारी वाहन निकाल रहे हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। तीन माह बीत जाने के बाद भी विभाग पुल की मरम्मत कराने में विफल रहा है।
भारी वाहनों की आवाजाही से उखड़ा मार्ग
झमटुली से सटई तहसील को जोड़ने वाला लगभग 10 किलोमीटर लंबा भैरा-सटई मार्ग रेत माफियाओं के भारी वाहनों की आवाजाही से पूरी तरह उखड़ गया है। गहरे गड्ढों और नुकीली गिट्टी से भरा यह रास्ता अब वाहनों के लिए बेहद खतरनाक बन गया है। इस मार्ग पर मोटरसाइकिलें फिसल रही हैं, जिससे दुर्घटनाएं हो रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि तहसील के कार्यों के लिए आने-जाने में उन्हें भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। भैरा-सटई मार्ग पर स्थित लगभग एक किलोमीटर लंबी और ऊंची रामपुर घाटी की स्थिति भी जर्जर है।
मार्ग की खराब हालत के कारण लोगों को जाने में परेशानी हो रही
सरपंचों ने प्रशासन से मार्ग ठीक करवाने की अपील की
मार्ग की खराब हालत के कारण यहां आए दिन वाहन अनियंत्रित होकर पलट रहे हैं, जिससे कई लोग घायल हो चुके हैं। सलैया, झमटुली, देवगांव, पारवा, बैडरी, कटारा, पुरवा सहित 25 गांवों के लोग लंबे समय से इन सड़कों के सुधार की मांग कर रहे हैं। पारवा के सरपंच लक्ष्मण मिश्रा, झमटुली के राजू पटेल, ओटापुरवा के आनंदी पटेल, सलैया के जितेंद्र सिंह, बैडरी के संदीप शर्मा और कटारा के संतोष यादव ने प्रशासन से दोनों मार्गों की जल्द मरम्मत कराने की अपील की है ताकि आवागमन सामान्य हो सके