सरपंच पति प्रभात रावत के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
फोन पर कांग्रेस विधायक कैलाश कुशवाहा को जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है। शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक कैलाश कुशवाहा की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने सरपंच पति प्रभात रावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
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विधायक ने बताया कि 7 दिसंबर की रात प्रभात रावत ने मोबाइल पर कॉल कर पहले गाली-गलौज की और फिर जान से मारने की धमकी दी। फोन पर आरोपी ने कहा—“तुम आजकल ज्यादा वीडियो डाल रहे हो, मैं तुम्हें वीडियो डालना और राजनीति करना भुला दूंगा।”
विधायक बोले-लगा कोई उनसे यह कहलवा रहा विधायक कैलाश कुशवाहा ने बताया कि घटना से एक दिन पहले रात करीब साढ़े 8 बजे सरपंच पति प्रभात रावत का उनके पास फोन आया था। कॉल पर वह असभ्य भाषा का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज कर रहे थे।
मैंने उनसे कहा कि हमारा आपका कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं है। आपने आज तक मेरा कोई नुकसान नहीं किया। न ही मैंने आपका। आप अपने जीवन में व्यस्त रहें, मैं जनता की सेवा कर रहा हूं। बातचीत के दौरान ऐसा लग रहा था कि कोई उनसे कुछ कहलवा रहा है, हालांकि यह मैं निश्चित तौर पर नहीं कह सकता।
उन्होंने कहा कि कॉल पर यह भी कहा गया कि आप राजनीति में ज्यादा उछल रहे हो। मैंने जवाब दिया कि राजनीति करना और जनता की आवाज उठाना मेरा काम है और मैं यह करता रहूंगा।
विधायक बोले- पहले भी धमकी भरे कमेंट किए विधायक का आरोप है कि प्रभात रावत इससे पहले भी उनके फेसबुक अकाउंट पर धमकी भरे कमेंट कर चुका है। इसे लेकर उन्होंने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी।

सरपंच पर इन धाराओं में केस दर्ज प्रधान आरक्षक राजवीर सिंह के अनुसार, शिकायत की जांच के बाद आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296, 351(2) और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और तकनीकी साक्ष्यों की जांच कर रही है।
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विधायक हेलमेट पहनकर खाद की लाइन में लगे

पोहरी विधायक कुशवाह हेलमेट लगाकर लाइन में लगे थे।
शिवपुरी के पोहरी में विधायक कैलाश कुशवाह किसान बनकर कृषि उपज मंडी पहुंचे और हेलमेट पहनकर करीब एक घंटे तक खाद के लिए लाइन में खड़े रहे। उन्होंने सुबह 4 बजे से लगी किसानों की भीड़, अव्यवस्था और धक्का-मुक्की का जायजा लिया। विधायक ने आरोप लगाया कि मौके पर प्रशासनिक अधिकारी मौजूद नहीं थे और पटवारी चेहरा देखकर कूपन बांट रहे थे, जिससे असली किसानों को टोकन नहीं मिल पा रहा था। पढ़ें पूरी खबर