Last Updated:
Shivpuri news: मानिकपुर निवासी कैलाश लोधी ने बताया कि उन्होंने कई बार टोकन बुक करने की कोशिश की, लेकिन वेबसाइट नहीं चलने के कारण टोकन ही बुक नहीं हो सका. वहीं प्राण सिंह लोधी का कहना है कि उन्होंने एक महीने से अधिक समय पहले टोकन बुक कराया था, लेकिन अब तक कोई सूचना नहीं मिली.
शिवपुरीः शिवपुरी जिले में इन दिनों खाद की भारी किल्लत देखने को मिल रही है. हालात ऐसे हैं कि टोकन बुक कराने के एक महीने बाद भी किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है. खाद गोदामों पर किसान बिना खाद के लौटने को मजबूर हैं, जिससे फसलों पर सीधा असर पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि खाद प्राप्त करने के लिए शुरू की गई टोकन व्यवस्था ही अब परेशानी का कारण बन गई है. कई किसानों ने बताया कि उन्होंने एक महीने पहले टोकन बुक कराया था, लेकिन अब तक उनका नंबर नहीं आया. जब किसान खाद गोदाम पहुंचे तो वहां भी बिना टोकन खाद देने से मना कर दिया गया.
तकनीकी खामियों से बढ़ी परेशानी
मानिकपुर निवासी कैलाश लोधी ने बताया कि उन्होंने कई बार टोकन बुक करने की कोशिश की, लेकिन वेबसाइट नहीं चलने के कारण टोकन ही बुक नहीं हो सका. वहीं प्राण सिंह लोधी का कहना है कि उन्होंने एक महीने से अधिक समय पहले टोकन बुक कराया था, लेकिन अब तक कोई सूचना नहीं मिली. किसानों का आरोप है कि खाद वितरण की वेबसाइट कई बार काम नहीं करती. जब वेबसाइट चलती भी है, तो टोकन बुक होने के बाद नंबर आने में अत्यधिक देरी हो रही है. जिन किसानों को 5–10 दिन पहले खाद की जरूरत थी, उन्हें एक महीने बाद नंबर मिल रहा है, जिससे खाद देने में 20 दिन तक की देरी हो रही है.
हेल्पलाइन नंबर पर नहीं लगता है कॉल
किसानों की सुविधा के लिए कलेक्टर कार्यालय द्वारा हेल्पलाइन नंबर 07492-181 जारी किया गया है, लेकिन किसानों का कहना है कि इस नंबर पर दिनभर कॉल करने के बावजूद कॉल कनेक्ट नहीं होती. जिन किसानों के पास एंड्रॉयड फोन नहीं हैं, उनके लिए टोकन बुक कराना और भी मुश्किल हो गया है. पिछोर के एसएडीओ आरपी पचौरी का कहना है कि टोकन बुकिंग की प्रक्रिया जिला मुख्यालय से संचालित होती है और इसमें स्थानीय स्तर पर कुछ नहीं किया जा सकता. किसानों को वेबसाइट या निर्धारित प्रक्रिया के माध्यम से ही टोकन बुक करना होगा.
बिना टोकन के नहीं मिलेगी खाद
वहीं कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि हाल ही में व्यवस्था की समीक्षा की गई है. हेल्पलाइन नंबर पर टोकन बुकिंग के लिए कर्मचारियों को तैनात किया गया है और वेबसाइट के माध्यम से भी टोकन बुक हो रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना टोकन किसानों को खाद उपलब्ध कराना संभव नहीं है. टोकन व्यवस्था की खामियों और खाद की कमी के कारण किसान दर-दर भटकने को मजबूर हैं. जिन किसानों को केवल एक-दो बोरी खाद की जरूरत है, वे भी खाली हाथ लौट रहे हैं प्रशासनिक लापरवाही के चलते किसान एक बार फिर अव्यवस्था का शिकार हो रहे हैं.
About the Author
मैं रजनीश कुमार यादव, 2019 से पत्रकारिता से जुड़ा हूं. तीन वर्ष अमर उजाला में बतौर सिटी रिपोर्टर काम किया. तीन वर्षों से न्यूज18 डिजिटल (लोकल18) से जुड़ा हूं. ढाई वर्षों तक लोकल18 का रिपोर्टर रहा. महाकुंभ 2025 …और पढ़ें