Narendra Modi Release Commemorative Coin Of Rs 100 In Honour Of Rajmata Vijaya Raje Scindia Today | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 100 रुपए का सिस्का जारी किया; कहा- राजमाता सिंधिया ने अपना जीवन गरीब लोगों के लिए समर्पित किया

Narendra Modi Release Commemorative Coin Of Rs 100 In Honour Of Rajmata Vijaya Raje Scindia Today | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 100 रुपए का सिस्का जारी किया; कहा- राजमाता सिंधिया ने अपना जीवन गरीब लोगों के लिए समर्पित किया


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भोपाल37 मिनट पहले

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नई दिल्ली में एक वर्चुअल समारोह के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने इस सिक्के को देश को समर्पित किया।

  • वर्चुअल समारोह के जरिए सिक्के को देश को समर्पित किया
  • राजमाता कहती थीं एक पुत्र की मां नहीं सभी की मां हूं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राजमाता विजयाराजे सिंधिया की 100वीं जयंती पर 100 रुपए के सिक्के का अनावरण किया है। नई दिल्ली में एक वर्चुअल समारोह के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने इस सिक्के को देश को समर्पित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि राजमाता सिंधिया ने अपना जीवन गरीब लोगों के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने साबित किया कि जन प्रतिनिधियों के लिए ‘राजसत्ता’ नहीं बल्कि ‘जन सेवा’ महत्वपूर्ण है। वे कहती थीं कि वे सिर्फ एक पुत्र की मां नहीं हैं। सभी की मां हैं।

राजमाता मंदिर में भारत माता का चित्र रखती थीं

राजमाता के आशीर्वाद से देश आज विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। गांव, गरीब, दलित-पीड़ित-शोषित-वंचित, महिलाएं आज देश की पहली प्राथमिकता में हैं। राजमाता एक आध्यात्मिक व्यक्तित्व थीं। साधना, उपासना, भक्ति उनके मन में रची बसी थी। लेकिन जब वो भगवान की उपासना करती थीं, तो उनके पूजा मंदिर में एक चित्र भारत माता का भी होता था। भारत माता की भी उपासना उनके लिए वैसी ही आस्था का विषय था। आपातकाल के दौरान तिहाड़ जेल से राजमाता ने अपनी बेटियों को चिट्ठी लिखी थी। उन्होंने चिट्ठी में जो लिखा था, उसमें बहुत बड़ी सीख थी।

उन्होंने लिखा था- अपनी भावी पीढ़ियों को सीना तान कर जीने की प्रेरणा मिले। इस उद्देश्य से हमें आज की विपदा को धैर्य के साथ झेलना चहिए। कोई भी साधारण व्यक्ति जिसके अंदर योग्यता है, प्रतिभा है, देश सेवा की भावना है, वो इस लोकतंत्र में भी सत्ता को सेवा का माध्यम बना सकता है। राजमाता ने जीवन का महत्वपूर्ण कालखंड जेल में बिताया, आपातकाल के दौरान उन्होंने जो-जो सहा उसके साक्षी हममें से बहुत से लोग हैं।

सामान्य परिवार से थीं

विवाह से पहले राजमाता किसी राज परिवार से नहीं थीं, एक सामान्य परिवार से थीं, लेकिन विवाह के बाद उन्होंने सबको अपना भी बनाया और ये पाठ भी पढ़ाया कि जनसेवा के लिए, राजकीय दायित्व के लिए किसी खास परिवार में जन्म लेना ही जरूरी नहीं। राजमाता ने सामान्य मानवी के साथ, गांव-गरीब के साथ जुड़कर जीवन जिया, उनके लिए जीवन समर्पित किया। हम राजमाता के जीवन के हर पहलू से हर पल बहुत कुछ सीख सकते हैं। वो छोटे से छोटे साथियों को उनके नाम से जानती थीं। सामाजिक जीवन में अगर आप हैं, तो सामान्य से सामान्य कार्यकर्ता के प्रति ये भाव हम सभी के अंदर होना चाहिए।

राष्ट्र के भविष्य के लिए राजमाता ने अपना वर्तमान समर्पित कर दिया था। देश की भावी पीढ़ी के लिए उन्होंने अपना हर सुख त्याग दिया था। एकता यात्रा के समय विजया राजे सिंधिया ने मेरा परिचय गुजरात के युवा नेता नरेंद्र मोदी के तौर पर कराया था। इतने वर्षों बाद आज उनका वही नरेंद्र देश का प्रधान सेवक बनकर उनकी अनेक स्मृतियों के साथ आपके सामने है। हममें से कई लोगों को उनसे बहुत करीब से जुड़ने का, उनकी सेवा, उनके वात्सल्य को अनुभव करने का सौभाग्य मिला है।



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