75 lakh rupees not yet spent on 12 bed ICU Multi Para Oximeter | 12 बेड के आईसीयू पर 75 लाख रूपए खर्च अब तक नहीं लगे मल्टी पैरा ऑक्सीमीटर

75 lakh rupees not yet spent on 12 bed ICU Multi Para Oximeter | 12 बेड के आईसीयू पर 75 लाख रूपए खर्च अब तक नहीं लगे मल्टी पैरा ऑक्सीमीटर


मुरैना4 घंटे पहले

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जिला अस्पताल का नवीन आईसीयू।

  • जिला अस्पताल की इंटेनसिव केयर यूनिट का सीएम ने किया था 12 सितंबर को लोकार्पण

एनएचएम के 75 लाख से बनाकर तैयार किए इंटेनसिव केयर यूनिट की सेवाएं निर्माण के 2 महीने बाद भी मरीजों को नहीं मिल पा रही हैं। सिविल सर्जन का बहाना है कि आईसीयू के लिए मल्टी पैरा ऑक्सीमीटर नहीं आए हैं और मेडिसिन के डॉक्टर आईसीयू चालू करने से इसलिए बच रहे हैं कि उनकी निजी प्रेक्टिस प्रभावित होगी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता को लुभाने के लिए 12 सितंबर को जिला अस्पताल के अपकंपलीट इंटेनसिव केयर यूनिट का लोकार्पण कर दिया। अफसरों ने सीएम से यह छिपाया कि आईसीयू अभी संसाधनों के मामले में कंपलीट नहीं है। लोकार्पण के सवा महीने बाद भी आईसीयू को चालू कराने की दिशा में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से लेकर अस्पताल प्रशासन ने कोई रुचि नहीं ली है। जबकि इंटेनसिव केयर यूनिट की स्थापना कोविड-19 के सीरियस मरीजों के लिए की गई है। प्रदेश के 51 जिलों में ऐसे आईसीयू एनएचएम ने तैयार कराए हैं। जिनमें मुरैना जिला अस्पताल की आईसीयू भोपाल से भी पहले बनकर 18 अगस्त को तैयार करा दिया गया था। लेकिन अस्पताल प्रशासन उसे अब तक शुरू नहीं कर सका है।

मल्टी पैरा ऑक्सीमीटर न होने का बना रहे बहाना
400 बेड के जिला अस्पताल में आईसीयू जैसी यूनिट सक्रिय नहीं है। काेविड का नया इंटेनसिव केयर यूनिट बनाया जरूर है लेकिन अस्पताल प्रशासन उसे एक महीने से यह कहकर शुरू नहीं करा पा रहा है कि अभी भाेपाल से 8 मल्टी पैरा ऑक्सीमीटर नहीं आए हैं। इधर अस्पताल सूत्रों का ही कहना है कि मेडिसिन के तीनों डॉक्टर निजी प्रेक्टिस में बिजी हैं इसलिए वह आईसीयू चालू कराकर अपने धंधे में खलल पैदा नहीं करना चाहते हैं। इसका खामियाजा उन मरीजाें काे उठाना पड़ रहा है जो थोड़ी सी ही रिस्क में ग्वालियर रैफर कर दिए जाते हैं।



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