Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
ग्वालियर4 घंटे पहले
दतिया के रतनगढ़ मंंदिर के बाहर पहुंचे लोग, उनको झाड़ते हुए कुंअर बाबाा के अनुयायी।
- दीपावली के बाद भाईदूज पर हर साल होता है मेले का आयोजन
भाईदूज के मौके पर सोमवार को दतिया जिले में स्थित रतनगढ़ वाली माता मंदिर पर भक्तों की भीड़ उमड़ी। कोरोना के चलते प्रशासन यहां मेला का आयोजन रद्द कर चुका था। कागजों में मेला नहीं लगा है, फिर भी प्रशासन का दावा है कि लाखों लोगों ने दर्शन किए हैं। इसी आशंका के चलते पुलिस प्रशासन एहतियात के तौर पर अपने स्तर पर पूरे इंतजाम किए थे। बता दें कि दीपावली के तीसरे दिन भाईदूज व नवरात्र पर यहां मेले का आयोजन होता है।
रतनगढ़ माता पर भाईदूज मेले के आयोजन की अनुमति भले ही प्रशासन ने नहीं दी हो, लेकिन धार्मिक भावनाओं के मद्देनजर रतनगढ़ माता मंदिर पर भारी संख्या में दर्शनार्थी पहुंचे हैं। रविवार रात से ही यहां लोगों का पहुंचना शुरू हो गया था। प्रशासन ने अपने स्तर पर तैयारियां करते हुए मंदिर से 4 से 5 किलोमीटर दूर ही मंदिर आने वालों के वाहनों को रोककर पार्क कराया। मंदिर तक पैदल ही जाना पड़ा है। इसके बाद भी जाम लगा।
क्यों पहुंचते हैं लोग
मान्यता है कि जब भी कोई जहरीला जीव जैसे सांप काट लेता है, तो रतनगढ़ माता और कुंअर बाबा के नाम का बंद लगा दिया जाता है। इसके बाद हर साल दीपावली की दूज पर यहां बंद खुलवाने और कुंअर बाबा व माता का आशीर्वाद लेने के लिए भीड़ उमड़ती है। आसपास के गांव, ग्वालियर, दतिया व झांसी जिलों में इस मंदिर की बहुत मान्यता है।
हो चुके हैं दो हादसे
वर्ष 2006 में यहां सिंध नदी में अचानक पानी छोड़ने से लोग बह गए थे। ट्रैक्टर-ट्रॉली तक बह गई थी, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद वर्ष 2013 के नवरात्र में एक अफवाह के बाद भगदड़ मच गई थी। हादसे में 113 लोगों की मौत हुई थी, इसलिए प्रशासन इस मेले को लेकर अलर्ट रहता है।
दतिया कलेक्टर संजय कुमार के मुताबिक यह मेला नहीं है, बल्कि लोग मंदिर दर्शन करने आए हैं। अभी तक लाखों लोगों के दर्शन करने का अनुमान है। वहीं, एसपी अमन सिंह राठौर ने बताया कि सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं। माता का चमत्कार ही है कि इतनी भीड़ के बाद भी व्यवस्था नहीं बिगड़ी है।