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- Jabalpur Vehicle Factory Engaged In Making Tunnel making Vehicle More Modern, Our Soldiers Will Be Safe Even In Heavy Blast
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जबलपुर36 मिनट पहले
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वीएफजे द्वारा निर्मित सुरंगरोधी वाहन
- वाहन में एक साथ 12 सैन्य जवान हो सकते हैं सवार
- 5 से 35 किग्रा बारूदी विस्फोट को झेल सकता है ये वाहन
वाहन निर्माणी जबलपुर (वीएफजे) में अब अत्याधुनिक सुरंगरोधी वाहन बनाए जाएंगे। वीएफजे सुरंगरोधी वाहन मॉडिफाई माइंस प्रोटेक्टिव व्हीकल (एमएमपीवी) को और उन्नत बनाने में जुटी है। 12 सैन्य जवानों को एक साथ ले जाने में सक्षम इस वाहन को पांच से 35 किग्रा का बारूदी सुरंग भी कोई क्षति नहीं पहुंचा सकता है। आतंकी, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ये वाहन काफी उपयोगी साबित होगा। शक्तिशाली इंजन के चलते ये वाहन दुर्गम रास्तों पर भी आसानी से जा सकती है।
वीएफजे के महाप्रबंधक अतुल गुप्ता ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में वाहन को और उन्नत बनाने की जानकारी दी। इस कांफ्रेंसिंग में वाहन निर्माणी के प्रमुख ग्राहकों में शामिल आर्मी, सीआरपीएफ, टाटा और अशोक लीलैंड प्रतिनिधि भी मौजूद थे। महाप्रबंधक ने बताया कि वीएफजे द्वारा निर्मित सुरंगरोधी वाहन पूरी तरह से बुलेटप्रूफ बख्तरबंद वाहन है। इसको लगातार उन्नत करने का काम चल रहा है। जवानों की जरूरतों को ध्यान में रखकर इसे लैस किया जा रहा है। यह एमएमपीवी उबड़-खाबड़, पथरीले, रेतीले क्षेत्रों मेें रफ्तार से दौड़ सकता है।
अंदर बैठकर ही जवान दे सकते हैं मुंहतोड़ जवाब
इस वाहन में 12 सेना जवान सवार होकर आसानी से दंगाग्रस्त, आतंकी हमले की आशंका व नक्सल क्षेत्र में गश्त कर सकते हैं। एमएमपीवी में बुलेटप्रूफ शीशे व लोहे की चादर लगाई गई है। इस वाहन में सैन्य जवान की सीट के पास ही छोटे-छोटे छिद्र दिए गए हैं। इसकी मदद से जवान अंदर बैठकर ही बंदूक की नाल डालकर दुश्मनों या दंगाइयों को मुंहतोड़ जवाब दे सकते हैं। यह वाहन जबरदस्त धमाके में भी जवानों को सुरक्षित रखने में सफल रहेगी। धमाका होने पर वाहन भले ही कई फीट उछल जाए, लेकिन अंदर बैठे जवानों को खरोंच तक नहीं आएगी।

देश की सबसे लंबी तोप है सारंग
अपग्रेड सारंग तोप की भी दी जानकारी
कोविड-19 की वजह से आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग में वीएफजे महाप्रबंधक ने सभी ग्राहकों के सामने निर्माणी के परंपरागत युद्धक वाहन स्टेलियन, एलपीटीए, माइंस प्रोटेक्टिव व्हीकल, वॉटर बाउजर, किचन कंटेनर के बारे में भी जानकारी दी। निर्माणी में 130 एमएम पुरानी सारंग तोप को 155 एमएम में अपग्रेड करने की जानकारी दी। बताया कि अपग्रेड होने के बाद सारंग तोप की मारक क्षमता 28 किमी से बढ़कर 38 किमी हो गई है। वजन में बेहद हल्के इस तोप से दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में भी आसानी से ले जाया सकता है। इस मौके पर संयुक्त महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल, हर्ष भटनागर, निर्माणी के अपर महाप्रबंधक बीपी तिवारी, रामेश्वर मीना आदि उपस्थित रहे।